Advertisement
गलत जगह उतार रहे हैं आडवाणी जी अपना गुस्सा
सुरेंद्र किशोर राजनीतिक िवश्लेषक भाजपा मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य एलके आडवाणी गलत जगह अपना गुस्सा उतार रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि स्पीकर और संसदीय कार्यमंत्री सदन नहीं चला रहे हैं. आज इस देश में विधायिकाओं के संचालन की जो स्थिति बन गयी है, उसमें सदन को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी […]
सुरेंद्र किशोर
राजनीतिक िवश्लेषक
भाजपा मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य एलके आडवाणी गलत जगह अपना गुस्सा उतार रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि स्पीकर और संसदीय कार्यमंत्री सदन नहीं चला रहे हैं. आज इस देश में विधायिकाओं के संचालन की जो स्थिति बन गयी है, उसमें सदन को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी सिर्फ स्पीकर और संसदीय कार्यमंत्री पर नहीं डाली जा सकती है़ क्या कहीं का भी प्रतिपक्ष किसी तरह मानने को तैयार है? सिर्फ स्पीकर क्या कर सकता है?
संसद ही नहीं, लगभग पूरे देश की विधायिकाओं की भी यही स्थिति है़ लगभग सारे दल इस अराजकता के लिए कमोवेश जिम्मेदार है. भाजपा बिहार के सदनों में आखिर क्या कर रही है? भाजपा जब केंद्र में प्रतिपक्ष में थी तो वह तब क्या कर रही थी? पर यदि कोई चीज अपनी हद पार करने लगे तो उसे कभी न कभी रोकना होगा़ शायद बुजुर्ग आडवाणी जी यह समझ रहे हैं कि चीजें हद पार कर रही हैं.
आम जनता तो पहले से ही विधायिकाओं में उदंडता से क्षुब्ध है़ पर वह भला क्या कर सकती है? स्कूली बच्चे भी कई बार कुछ जन प्रतिनिधियों के व्यवहार पर हंसते हैं.
लौह पुरुष बनने का मौका है हाजिर : आडवाणी जी इस मामले में कुछ बेहतर और सटीक काम कर सकते हैं. जनता उनकी वाहवाही करेगी़ उन्हें इस सवाल पर संसद भवन में धरना पर बैठ जाना चाहिए़ उम्र अधिक नहीं होती तो उन्हें अनशन की सलाह दी जा सकती थी़ चाहें तो मार्गदर्शक मंडल के अन्य सदस्य भी धरना में उनका साथ दें. महा घोटालों का दौर चला तो अन्ना हजारे धरना पर बैठ ही तो गए थे! यह लोकतंत्र का महा घोटाला है. अन्ना के धरने का भी यह परोक्ष प्रभाव हुआ कि आज केंद्र में एक ऐसी सरकार है जिसके मंत्रियों पर महा घोटाला क्या किसी घोटाले के आरोप की भी खबर अब तक नहीं है़ आडवाणी जी को चाहिए कि वह एक मांग भाजपा से करें और दूसरी मांग केंद्र सरकार से़ मोदी सरकार से वह कहें कि वह स्पीकर को इस बात की सलाह दे कि वह संसदीय कार्य संचालन नियमावली को कड़ाई से लागू करें.
पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना कोई सदस्य न बोलें और न ही अपनी सीट से उठकर वेल में आएं. नियम तोड़ने वाले सदस्यों को तुरंत कठोर सजा मिले़ उन्हें मार्शल आउट किया जाए. सदन संचालन के नियम के अधिक उल्लंघन पर उन्हें और कड़ी सजा मिले़ स्पीकर पर कागज फेंकने वाले सदस्यों की तो सदन की सदस्यता खत्म हो जानी चाहिए़ साथ ही यह भी प्रावधान हो कि इस विधि से खाली हुई सीट पर सदन की बाकी अवधि में कोई उपचुनाव नहीं हो़ वेतन रोकने का कोई असर नहीं होने वाला है़
राज्यों में भाजपा भी अपनाए शालीनता : आडवाणी जी अपनी पार्टी से यह भी मांग करें कि भाजपा जहां प्रतिपक्ष में है, वहां वह भी सदन की नियमावली का पूरा पालन करे़ नहीं करने पर उस भाजपा विधायक को पार्टी से निकाल दिया जाए़ इसी देश में 1952-57 में हर विधायिका में सदन के नियमों का पालन होता ही था़ अब वैसा क्यों नहीं हो सकता है? आडवाणी जी के इस मुद्दे पर धरना पर बैठने पर पूरे देश की जनता उनकी जय- जयकार करेगी़ क्योंकि तब वह लोकतंत्र की गरिमा को बचाने का प्रयास करते नजर आएंगे़
काश! आडवाणी जी यह काम तभी कर देते: एलके आडवाणी छह साल तक देश के गृहमंत्री थे़ तब उन्हें कुछ लोग लौह पुरुष भी कहते थे़ उनका तब के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर खासा असर था़ काश! यह काम आडवाणी जी तभी कर देते. वह ऐसा कानूनी प्रावधान करवा सकते थे ताकि कोई सदस्य सदन की शालीनता और शिष्टता तथा लोकतंत्र की गरिमा कम करने की हिम्मत नहीं कर पाता़ ऐसा नहीं कि उनके गृहमंत्री बनने से पहले देश की विधायिकाओं में लोकतंत्र की छवि धूमिल नहीं की जाती थी.
सार्थक मंच बन सकता है फेसबुक: फेसबुक पर आप जनहित में कोई सार्थक चर्चा जरा छेड़ कर तो देखें! आप खुश हो जाएंगे. एक से एक सकारात्मक विचार और सुझाव आ जाएंगे. साथ ही कुछ चुटीली मनोरंजक टिप्पणियां भी़ काश! हमारी संसद भी देशहित में ऐसी ही सकारात्मक बहस करती़ ऐसा नहीं कि संसद में देशहित की कभी चर्चा नहीं होती. कभी-कभी जरूर हो जाती ह़ै पर,संसद का अधिक समय तो हंगामों में ही बीतता है. दूसरी ओर किसी वेतन-भत्ते की उम्मीद के बिना फेसबुकिए जनहित में अपना समय और प्रतिभा का निवेश करते रहते हैं.
ऐसा नहीं कि फेसबुक का भी दुरुपयोग नहीं होता़ दुरुपयोग करने की कोशिश करने वालों को आप दोस्ती के दायरे से निकाल बाहर कर सकते हैं. काश! इस देश की विधायिकाओं के पीठासीन पदाधिकारी भी जरूरत के अनुसार मार्शल का इस्तेमाल करते. फेसबुक के सदुपयोग की और अधिक गुंजाइश है़ तकनीकी का विस्तार होता जाये तो यह वैकल्पिक मीडिया भी कमाल कर सकता है़ निहित स्वार्थियों के झूठ का अधिक पर्दाफाश हो सकता है़
विपत्ति में अवसर: नोटबंदी ने अनेक शाहखर्च लोगों को मितव्ययी बनना सिखा दिया़ नगदी की कमी से अत्यंत जरूरी खर्चें ही किये गये. उतने से काम चलाना पड़ा. काम चल गये. थोड़ी बहुत असुविधा हुई जरूर पर महीने के अंत में लगा कि कमाई का एक हिस्सा बच गया. वह पहले नहीं बच पाता था़ संभव है कि कुछ लोग पैसे बचा लेने की इस आदत को स्थायी बना लें. यदि ऐसा हो सका तो नोटबंदी का एक लाभ इसे भी माना जायेगा़
विधायक बनना चाहते हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री: पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी पंजाब के लुधियाना पूर्व क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. वह 2009 में लुधियाना लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे. पर इसमें कुछ लोगों को आश्चर्य हो रहा है़ पर यह कोई नयी बात तो है नहीं. राजा गोपालाचारी गवर्नर जनरल थे.
बाद में मद्रास के मुख्यमंत्री बने. बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री बाद में राज्य में कैबिनेट मंत्री बने थे़ दारोगा प्रसाद राय और केदार पांडेय क्रमश: 1970 और 1972 में मुख्यमंत्री थे. बाद में ये कैबिनेट मंत्री बने. इनमें से एक से पूछा गया कि आपने ऐसा क्यों किया? उनका जवाब था,’मुझे दिल्ली जाना जरूरी है. कोई एक्सप्रेस ट्रेन आज दिल्ली नहीं जा रही है, तो फिर मैं किसी पसेंजर ट्रेन से क्यों नहीं चला जाऊंगा?’ पर सुना यह जा रहा है कि मनीष तिवारी को पसेंजर ट्रेन पकड़ने में भी फिलहाल दिक्कत आ रही है, उस क्षेत्र से कांग्रेस के कई अन्य उम्मीदवार हैं.
यह भी कहा जा रहा है कि जब मनीष तिवारी चुनाव लड़ेंगे तो आम आदमी पार्टी को मौका मिल जायेगा़ याद रहे कि 2011 के अन्ना आंदोलन के दौरान मनीष तिवारी ने कहा था कि अन्ना हजारे ऊपर से नीचे तक भ्रष्ट हैं. यह और बात है कि तिवारी ने बाद में अपनी इस टिप्पणी पर अफसोस जाहिर कर दिया था़
और अंत में : मुंगेर शहर के नगर निगम ने स्थानीय प्रशासन से मिलकर हाल में सफलतापूर्वक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया़ मुख्य सड़कों पर कब्जा करके खड़ा किये गये 300 ढांचों को गिरा दिया गया़ अब वहां का परिवहन सुगम हो गया है़ लोगबाग खुश हैं. पर लगता है कि पटना के अतिक्रमणकारी यहां के स्थानीय निकाय और प्रशासन से भी अधिक शक्तिशाली हैं. दरअसल, अतिक्रमणकारियों से रोज उगाही करने वाले अफसरों ने उन्हें बलवान बना रखा है़
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement