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विज्ञान प्रदर्शनी से हेडमास्टर साहब ही अनजान, तो बच्चे कैसे लेंगे भाग

पटना: सर, ये विज्ञान संगोष्ठी कब होती है? इसके लिए आवेदन की तिथि कब निकाली जाती है. विज्ञान के नाटक का आवेदन कब लिये जायेंगे? शास्त्रीनगर बालक उच्च विद्यालय में आयोजित बैठक में प्राचार्य का यह प्रश्न सुनते ही डीपीओ डाॅ अशोक कुमार ने कहा कि भाई साहब अब अगले साल निकलेगा. इस साल आवेदन […]

पटना: सर, ये विज्ञान संगोष्ठी कब होती है? इसके लिए आवेदन की तिथि कब निकाली जाती है. विज्ञान के नाटक का आवेदन कब लिये जायेंगे? शास्त्रीनगर बालक उच्च विद्यालय में आयोजित बैठक में प्राचार्य का यह प्रश्न सुनते ही डीपीओ डाॅ अशोक कुमार ने कहा कि भाई साहब अब अगले साल निकलेगा. इस साल आवेदन करने की तिथि समाप्त हो चुकी है. केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, छात्रों के लिए कई छात्रवृत्ति प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. लेकिन हेड मास्टर साहब को पता ही नहीं होता कि कौन-सी छात्रवृत्ति के प्रतियोगिता का आयोजन कब होगा. ऐसे में कैसे कोई छात्र इस छात्रवृत्ति तक पहुंच सकेगा.
यह हाल कोई एक स्कूल का नहीं, बल्कि अधिकांश स्कूलों के हेडमास्टर का है. पटना जिले की बात करें, तो 249 स्कूलों में मात्र 50 स्कूल ही हैं, जहां के छात्र केंद्र या राज्य सरकार द्वारा छात्रवृत्ति संबंधित प्रतियोगिता में शामिल हो पाते हैं. डीपीओ डाॅ अशोक कुमार ने कहा कि अधिकांश स्कूलों को सरकारी योजनाओं के बारे में पता ही नहीं है. अभी हाल में इंस्पायर अवार्ड में भी काफी कम स्कूलों की भागीदारी रही थी. डीपीओ डाॅ अशोक कुमार ने कहा कि बैठक में अनुपस्थित होनेवाले प्राचार्यों को शो-कॉज नोटिस किया जायेगा. अगले महीने की बैठक में वे नहीं आयेंगे, तो उनके ऊपर कार्रवाई की जायेगी. जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से हर महीने प्राचार्यों की बैठक होती है. बैठक में जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाती है. सरकार की ओर से दिये गये आदेश और निर्देश के बारे में प्राचार्यों को बताया जाता है. हर महीने होनेवाली इस बैठक में अधिकांश प्राचार्य खुद नहीं आते, अपने बदले किसी शिक्षक या स्टॉफ को भेज देते हैं. सोमवार को हुई बैठक में भी ऐसा ही हुआ. 249 स्कूलों में से 189 प्राचार्य उपस्थित रहे, जबकि 60 प्राचार्यों ने स्कूल के शिक्षकों को भेज दिया.
बैठक से डीइओ भी थे गायब
प्राचार्यों की यह बैठक डीइओ की अध्यक्षता में होनी है. लेकिन सोमवार की बैठक में प्राचार्यों के अलावा डीइओ एमदास भी मौजूद नहीं थे. प्राचार्यों को जो निर्देश दिये जाते हैं, उसमें भी काफी लापरवाही बरती जाती है. हर महीने प्राचार्य को टास्क दिया जाता है. लेकिन उसे पूरा नहीं किया जाता है.

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