Advertisement
पांच मौतें और 23 घायलों के दोषियों का अब तक पता नहीं
ढाई साल पहले हुआ था राजधानी एक्सप्रेस हादसा रविशंकर उपाध्याय पटना : छपरा कचहरी स्टेशन पर 24 जून, 2014 की देर रात हुए राजधानी एक्सप्रेस हादसे के कारणों के बारे में रेलवे लगभग ढाई साल बाद भी जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर सका है. उस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि […]
ढाई साल पहले हुआ था राजधानी एक्सप्रेस हादसा
रविशंकर उपाध्याय
पटना : छपरा कचहरी स्टेशन पर 24 जून, 2014 की देर रात हुए राजधानी एक्सप्रेस हादसे के कारणों के बारे में रेलवे लगभग ढाई साल बाद भी जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर सका है. उस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि 23 लोग घायल हुए थे.
छपरा कचहरी स्टेशन पर उस रात करीब 2 बजे पर राजधानी एक्सप्रेस की 11 बोगियां पटरी से उतर गयी थीं. दुर्घटना के कारणों का खुलासा करने के लिए अगले दिन ही कोलकाता सीआरएस के नेतृत्व में जांच कमेटी बनायी गयी थी. लेकिन, आज तक उस टीम की रिपोर्ट नहीं आयी है. रेलवे इसमें माओवादी एंगल को देख रहा था. वहीं, बिहार पुलिस ने रेलवे की लापरवाही बतायी.
अब कानपुर के पोखरायां में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एक बार फिर से उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश की गयी है. यात्रियों की जान जाने के बाद रेलवे का यह कदम औपचारिकता में तब्दील हो जाता है, जब जांच पूरी नहीं होती है. यह प्रकरण रेलवे की लापरवाह कार्यशैली का बस एक नमूना भर है. उस हादसे में इससे कम लोग हताहत हुए थे, क्योंकि एलएचबी तकनीकवाली बोगियों के कारण नुकसान कम हुआ था. इंदौर-पटना एक्सप्रेस में साधारण बोगियां थीं, इस कारण डिरेल होने पर बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए.
बिहार पुलिस को मेटलर्जिकल लैबोरेटरी ने नहीं दी रिपोर्ट : उस वक्त राजधानी एक्सप्रेस की दुर्घटना की जांच के लिए बिहार पुलिस ने छपरा के तत्कालीन डीएसपी सुशील कुमार के नेतृत्व में पांच इंस्पेक्टरों की विशेष जांच कमेटी गठित की थी. टीम ने टूटी पटरियों के हिस्से की जांच पटना में करायी थी. उसमें कुछ नहीं निकला. इसके बाद एसआइटी ने कोर्ट से अनुमति लेकर जमशेदपुर के नेशनल मेटलर्जिकल लैबोरोटरी में जांच करायी. पटरी के मेटल स्ट्रेंथ की जांच रिपोर्ट आज तक वहां से नहीं आयी है. एसआइटी के मुताबिक अनुमति के पूर्व रेलवे ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी कि जांच नहीं करायी जाये. वे अपने स्तर से जांच कर रहे हैं. हालांकि, सीजीएम कोर्ट ने जांच की अनुमति दे दी थी. इसके बाद फिर किसी ने जांच रिपोर्ट में दिलचस्पी नहीं दिखायी.
टीम ने दुर्घटना के कई पहलुओं पर जांच की थी. टूटी पटरियों की एफएसएल रिपोर्ट मंगायी गयी थी और मेटल के स्ट्रेंथ का पता करने के लिए जमशेदपुर के लैब भी गयी. लेकिन, लैब ने रिपोर्ट मेरे कार्यकाल के दौरान नहीं दी थी.
सुशील कुमार, तत्कालीन डीएसपी, छपरा
मामला कोर्ट में है
कोर्ट में मामला होने के कारण जांच रिपोर्ट नहीं आयी. रेलवे के अनुसार माओवादी गतिविधियों के कारण हादसा हुआ था, जिसे बिहार पुलिस नकार रही थी. बाद में मामला कोर्ट में चला गया. इसके कारण मामला अब तक पेंडिंग पड़ा हुआ है.
अरविंद कुमार रजक, सीपीआरओ, पूमरे
छपरा कचहरी में हुई राजधानी एक्सप्रेस की दुर्घटना के कारणाें और दोषियों के बारे में अब तक कोई रिपोर्ट छपरा पुलिस को नहीं मिली है.
पंकज कुमार राज, एसपी, छपरा
पटना. इंदौर-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटना के कारण की जांच पूर्व क्षेत्र के रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) पीके आचार्या ने शुरू कर दी है. सीआरएस ने घटना स्थल पर रेलवे ट्रैक, ट्रेन में लगाये गये अतिरिक्त कोचों की तहकीकात की है. सीआरएस की जांच के कई आयाम हैं. इसमें सबसे पहले संबंधित डिवीजन के अधिकारी ट्रैक का अल्ट्रासोनिक फ्लोड टेस्टिंग मशीन से निरीक्षण करवा रहे थे या नहीं. अगर जांच की गयी, तो क्या रिपोर्ट आयी और क्या कार्रवाई की गयी. इसकी सूक्ष्मता से जांच की जा रही है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement