पटना : अगर आप पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अपना इलाज कराने जा रहे हैं, तो अलर्ट हो जाइए, क्योंकि अस्पताल में इन दिनों दवा, चादर से लेकर ऑक्सीजन मास्क और ऑक्सीजन पाइप आदि सभी तरह की जरूरत के सामान खत्म हो चुके हैं. अगर आप इन जरूरत के सामान को अपने साथ नहीं लेकर गये, तो इनके लिए आपको बाजार की दौड़ लगानी पड़ सकती है. गंभीर स्थिति में आपके मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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पीएमसीएच में खत्म हुई सभी मेडिकल सामग्री, ऑक्सीजन मास्क के अभाव में तड़प रहे मरीज
पटना : अगर आप पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अपना इलाज कराने जा रहे हैं, तो अलर्ट हो जाइए, क्योंकि अस्पताल में इन दिनों दवा, चादर से लेकर ऑक्सीजन मास्क और ऑक्सीजन पाइप आदि सभी तरह की जरूरत के सामान खत्म हो चुके हैं. अगर आप इन जरूरत के सामान को अपने साथ नहीं लेकर […]
मरीज को नहीं मिला मास्क, घूमते रहे परिजन: पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में नरेश प्रसाद को उस समय परेशानियों का सामना करना पड़ा, जब उनके परिजन ऑक्सीजन मास्क के लिए अस्पताल से लेकर बाहर की दुकानों का चक्कर लगा रहे थे. पिता की थैली की सर्जरी शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में की गयी. नरेश की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया. यहां आने के बाद इमरजेंसी में भरती तो कर लिया गया, लेकिन ऑक्सीजन मास्क नहीं होने के बाद डॉक्टर ने बाहर से लाने को कहा. ऐसे में परिजन बाहर की दुकानों पर दौड़ते रहे. जाने-आने में 20 मिनट का समय अलग से लगा. इमरजेंसी की स्थिति में ये 20 मिनट मरीजों पर भारी पड़ सकते हैं.
पीएमसीएच में जरूरत के समय इस्तेमाल होनेवाले अधिकांश मेडिकल सामान खत्म हो चुके हैं. पीएमसीएच के ओपीडी में 231 की जगह महज आठ तरह की दवाएं उपलब्ध हैं. नतीजा मरीजों को बाहर की दुकानों से दवाईयां लेनी पड़ती हैं. इतना ही नहीं यहां सबसे अधिक मरीज सर्जिकल सामग्री के लिए परेशान होते हैं. पीएमसीएच में रोजाना करीब 30 छोटे-बड़े ऑपरेशन हाेते हैं, लेकिन औजार छोड़ सभी तरह की सर्जिकल सामग्री मरीज के परिजनों को खुद ही बाहर से लानी पड़ती हैं. इसमें औसतन उन्हें दो से तीन हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ते हैं.
वहीं, अस्पताल सूत्रों की मानें पिछले एक साल से दवा, चादर सहित सभी तरह की जरूरत के समानों की सप्लाई नहीं हो रही हैं. इधर पीएमसीएच प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में सुविधाओं की कमी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गयी है. अब मामला स्वास्थ्य विभाग व बीएमआइसीएल के पास लटका हुआ है.
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