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टॉपर लिस्ट तैयार नहीं, कैसे होंगे सम्मानित
टॉपर्स घोटाले के बाद फिर से टॉप-10 की सूची बनाने से पूर्व हो रही जांच के कारण तीन दिसंबर को आयोजित होनेवाले सम्मान समारोह पर संदेह है. पटना : मैट्रिक और इंटरमीडिएट 2016 के टाॅपरों को तीन दिसंबर को सम्मानित किया जायेगा कि नहीं, इस पर संशय है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास टॉप […]
टॉपर्स घोटाले के बाद फिर से टॉप-10 की सूची बनाने से पूर्व हो रही जांच के कारण तीन दिसंबर को आयोजित होनेवाले सम्मान समारोह पर संदेह है.
पटना : मैट्रिक और इंटरमीडिएट 2016 के टाॅपरों को तीन दिसंबर को सम्मानित किया जायेगा कि नहीं, इस पर संशय है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास टॉप टेन छात्रों की सूची नहीं है. इस बार टॉपर घोटाला होने से टाॅप-10 के कई टॉपर के मार्क्सशीट पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. मामले की जांच एसआइटी की टीम कर रही है. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, टॉपरों की नयी सूची नहीं बन पायेगी. ऐसे में समिति मैट्रिक और इंटर के टाॅपरों को सम्मानित नहीं कर पायेगी. समिति सूत्रों की मानें, तो तीन दिसंबर को आयोजित होनेवाले सम्मान समारोह को आगे बढ़ाया जा सकता है क्योंकि अभी तक इसकी कोई तैयारी समिति कार्यालय में शुरू नहीं हुई है.
विद्या पत्रिका में नाम दर्ज करवाने में हो रही परेशानी: समिति की त्रैमासिक पत्रिका में मैट्रिक और इंटरमीडिएट के टॉप-10 अंक लानेवाले में शामिल सभी छात्रों का नाम दर्ज होता है. टाॅपर के नाम के साथ उनके स्कूल और स्ट्रीम के अनुसार सभी जानकारी दी जाती है. इस बार जांच अधर में होने के कारण टॉपर की लिस्ट नहीं बन पायी है. और अब जांच पूरी होने के बाद ही पत्रिका छप पायेगी.
2014 और 2015 में विवादित रहा टॉपरों का सम्मान समारोह: दो सालों से समिति द्वारा आयोजित टॉपरों का सम्मान समारोह काफी विवादित रहा. दोनों ही साल पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद द्वारा टॉपरों की सूची में बदलाव कर दिया गया. रिजल्ट में टॉपर लिस्ट कुछ तथा सम्मानित होनेवालों की टॉपर लिस्ट कुछ और होती थी. 2014 में जहां साइंस के टॉपर को बदल दिया गया. वहीं, 2015 में साइंस के अलावा आर्ट्स के टॉपर लिस्ट में कई टॉपर बदले गये.
70 के दशक से टॉपरों को किया जा रहा सम्मानित : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से टॉपरों को सम्मानित करने की परंपरा काफी पुरानी है. समिति कार्यालय के कर्मचारियो की मानें, तो 70 के दशक से ही टॉपरों को सम्मानित किया जा रहा है. हर साल तीन दिसंबर को देश के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर शीर्ष स्थान हासिल करनेवाले छात्रों सम्मानित किया जाता है. इसमें प्रदेश भर के टॉप-10 स्थान प्राप्त करनेवाले छात्रों को बुलाया जाता है.
इसके अलावा 10 प्राचार्य, 10 डीइओ और 10 जिलाें के डीएम को परीक्षा का संचालन अच्छा करने के लिए सम्मानित किया जाता है.
एक लैपटॉप और मिलती है प्रोत्साहन राशि : कुछ सालों से टॉपरों को प्रोत्साहन राशि के अलावा लैपटॉप दिया जाता है. टॉपरों को सम्मानित करने के लिए समिति की ओर से एक दिन पहले बुलाया जाता है. टॉपरों से बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव मांगे जाते हैं. उन्हें पटना भी घुमाया जाता है. इसके दूसरे दिन तीन दिसंबर को सम्मान समारोह आयोजित की जाती है. सम्मान के तौर पर फर्स्ट टाॅपर को एक लैपटॉप अौर 15 हजार रुपये की राशि दी जाती है. शेष नौ टॉपरों को लैपटॉप व 10 हजार रुपये भी दिये जाते हैं. इस मौके पर टॉपरों के अभिभावक भी शामिल होते हैं.
पटना. उर्दू और बांग्ला टीइटी शिक्षकों का नियोजन सोमवार को शुरू हो गया. नियोजन के पहले दिन नगर परिषद और नगर पंचायत में स्कूलों का नियोजन किया गया. नियोजन प्रक्रिया शास्त्रीनगर बालक उच्च विद्यालय और केवी सहाय उच्च विद्यालय में की गयी.
नियोजन के दौरान पांच नगर परिषद और पांच नगर पंचायत के स्कूलों में नियोजन कार्य किया गया. वहीं, 16 नवंबर को प्रखंड स्तर पर नियोजन किया गया जायेगा. प्रखंड स्तर के नियोजन के लिए कैंप शास्त्रीनगर बालक उच्च विद्यालय, केवी सहाय उच्च विद्यालय और राम लखन सिंह यादव उच्च विद्यालय में लगाये जायेंगे. वहीं, 18 नवंबर को पंचायत स्तर के स्कूलों के लिए नियोजन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. पंचायत स्तर के नियोजन के लिए कैंप प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय में लगाये जायेंगे.
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