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पटना जोन के 1091 मंदिर बाउंड्रीवाल से होंगे सुरक्षित

पटना : पटना जोन के 1091 मंदिरों को सुरक्षित किया जायेगा. प्रक्षेत्र में शामिल 10 जिलों के सभी मंदिरों को चहारदीवारी से घेरा जायेगा, ताकि इन मंदिरों में रखी हुई बेशकीमती मूर्तियों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो सके. बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड ने सूची तैयार कर पटना जोन के इन सभी जिलों के जिलाधिकारी को […]

पटना : पटना जोन के 1091 मंदिरों को सुरक्षित किया जायेगा. प्रक्षेत्र में शामिल 10 जिलों के सभी मंदिरों को चहारदीवारी से घेरा जायेगा, ताकि इन मंदिरों में रखी हुई बेशकीमती मूर्तियों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो सके. बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड ने सूची तैयार कर पटना जोन के इन सभी जिलों के जिलाधिकारी को भेज दी है. इसमें मंदिरों की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए बाउंड्री बनाना जरूरी बताया गया है. जोन में शामिल जिलों में पटना के अलावा रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, नालंदा, नवादा और रोहतास हैं. सूची के मुताबिक सभी मंदिर निबंधित हैं और सबसे पहले इन्हीं मंदिरों की बाउंड्री की जायेगी. इसमें ऐसे मंदिर शामिल हैं, जो सार्वजनिक घोषित किये जा चुके हैं.
या तो उनका 1960 के पहले निर्माण किया गया है और जिसे चहारदीवारी से नहीं घेरा गया है. इसके साथ ही वैसे मंदिर भी शामिल किये गये हैं, जहां अष्टधातु की मूर्तियां रखी हुई हैं. मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का काम बिहार राज्य भवन निर्माण निगम द्वारा किया जायेगा.
सभी मंदिरों में बाउंड्री आठ फुट ऊंचाई की होगी. इसके लिए दो करोड़ से ऊपर की राशि प्राप्त हो सकती है. मंदिरों के चहारदीवारी निर्माण के लिए जिला स्तर पर गठित कमेटी को पचास लाख तक, दो करोड़ रुपये तक की राशि को प्रमंडलीय आयुक्त तथा दो करोड़ से ऊपर की राशि को सचिव सह विधि परामर्शी विधि विभाग बिहार पटना के प्रशासनिक स्वीकृति के बाद काम किया जाना है.
बिहार सरकार ने मंदिरों में लगातार चोरी की घटनाओं के कारण बिहार मंदिर चहारदीवारी निर्माण निधि योजना बनायी है. बिहार सरकार के विधि विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए इसे जिला पदाधिकारी सहित
अन्य संबंधित पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी थी. मंदिरों की सुरक्षा की यह योजना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. सरकार को लगातार यह सूचना प्राप्त हो रही थी कि मंदिरों से बहुमूल्य मूर्ति, मुकुट, छत्र, आभूषण आदि की चोरी में कोई कमी नहीं हो रही है.
कौन-कौन मंदिर सुरक्षा के दायरे में : सरकार की यह योजना किसी भी देवालय, मठ या कोई भी पूजा स्थल जिसे सार्वजनिक घोषित किया गया है, उसके लिए है. मंदिरों के लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद से निबंधित होना आवश्यक है. साथ ही मंदिरों को अपनी जमीन भी होनी चाहिए.
ऐसे मंदिरों को वर्ष 1960 के पहले का निर्मित होना भी आवश्यक बनाया है अथवा ऐसे मंदिर जिसके निर्माण के बाद सुरक्षित करना जरूरी है. जहां तक विधि व्यवस्था का प्रश्न है, उन मंदिरों को भी सरकार ने इस योजना के तहत शामिल करने का निर्णय लिया है.

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