पटना : बिहार दुनिया का पहला राज्य है जहां अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों के अनुसार आपदा से निबटने की तैयारी शुरू हो गयी है. यह तथ्य भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित एशिया महादेश के देशों के सम्मेलन में सामने आया.
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आपदा से निबटने के रोड मैप पर काम शुरू
पटना : बिहार दुनिया का पहला राज्य है जहां अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों के अनुसार आपदा से निबटने की तैयारी शुरू हो गयी है. यह तथ्य भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित एशिया महादेश के देशों के सम्मेलन में सामने आया. सम्मेलन में भाग लेने के बाद आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने कहा कि वर्ष 2015 […]
सम्मेलन में भाग लेने के बाद आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने कहा कि वर्ष 2015 में जापान के सेंडई में भारत सहित 185 देशों के सम्मेलन में तय किया गया कि सेंडई में तय फ्रेमवर्क के आधार पर आपदा से निबटा जायेगा. उन्होंने कहा कि सेंडई सम्मेलन के बाद से अब तक सभी 185 देशों में से सिर्फ भारत ने ही सेंडई निर्णय पर काम शुरू किया है.
भारत में भी सिर्फ बिहार ने इसके लिए रोड मैप तैयार कर टास्क फोर्स का गठन कर दिया है. इस टास्क फोर्स में राज्य सरकार के 27 विभागों को शामिल किया गया है. जल्द ही सभी 27 विभागों के सहयोग से विभिन्न योजनाओं के माध्यम से काम शुरू कर दिया जायेगा. इसके लिए यूनिसेफ, एडीपीसी, बीएमजीएफ के सहयोग से रोड मैप को लागू करने के लिए रोड इंप्लीमैंटेशन सपोर्ट यूनिट (रिसू) का गठन किया गया है.
जल्द ही राज्य सरकार आपदा से निबटने के लिए आपदा प्रबंधन संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया है. आपदा से निबटने के लिए बिहार को देश का पहला राज्य घोषित करने पर उन्होंने खुशी व्यक्त किया. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि सेंडई सम्मेलन में सुरक्षित गांव, सुरक्षित शहर, सुरक्षित आजीविका, सुरक्षित बुनियादी सुविधाएं और सुरक्षित आधारभूत संरचना से आपदा से निबटने का निर्णय लिया गया. जिसमें 20130 तक आपदा से होने वाली मौत को 75 प्रतिशत, इसी अवधि में आपदा प्रभावितों की संख्या 50 प्रतिशत और आर्थिक क्षति की क्षति में 50 प्रतिशत तक कम करना है.
हाल में आये बाढ़ से हुई क्षति की जायजा के लिए केंद्रीय टीम के नहीं आने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा अगस्त में ही जायजा के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. सितंबर में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को 4111.98 करोड़ रुपये की क्षति की जानकारी दी गयी. साथ पत्र लिखकर केंद्र सरकार से जायजा के लिए अनुरोध किया. इसके बावजूद केंद्र सरकार जायजा लेने के लिए टीम को नहीं भेज रही है.
यदि अब टीम के सदस्य आयेंगे भी तो आपदा से क्षति को देखने के लिए कुछ नहीं रह गया है. किसान खेतों में फसल बो दिये हैं और टूटे घर को लोगों ने रहने लायक बना लिया है.
बिहार के 28 जिले बाढ़ से तबाह होते हैं. वहीं 10 जिले भूकंप के खतरनाक जोन-पांच में आते हैं. 28 जिले जोन चार और तीन में आते हैं. इसके साथ बिहार चक्रवाती तूफान, अग्निकांड, सुखाड़, वज्रपात और मानवजनित आपदाओं का सामना कर रहा है. इसलिए राज्य सरकार इन आपदाओं से निबटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक के आधार पर काम कर रहे हैं.
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