शुरुआती आकलन के अनुसार, राज्यकर्मियों को 5.14 प्रतिशत डीए मिलने की का अनुमान है. केंद्रीय कर्मियों की तुलना में राज्य के कर्मचारियों को डीए कुछ ज्यादा मिलेगा. इसकी मुख्य वजह राज्य में सातवां वेतनमान का लागू नहीं होना है. राज्यकर्मियों को वर्तमान में 125 प्रतिशत डीए मिलता है.
इस बढ़ोतरी के बाद यह बढ़ कर करीब 130 प्रतिशत हो जायेगा. बढ़ा हुआ डीए एक जुलाई, 2016 से दिया जायेगा. राज्यकर्मियों को सातवां वेतनमान नहीं मिलने की वजह से यहां छठे वेतनमान के अंतर्गत ही कर्मचारियों को जितना बेसिक मिलता है, उसके आधार पर ही डीए का निर्धारण किया जायेगा. यह 5.14 प्रतिशत के आसपास होता है. अगर यहां के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान मिला रहता, तो इन्हें भी केंद्र के तर्ज पर दो प्रतिशत ही डीए दिया जाता. लेकिन, ऐसा नहीं होने से इन्हें थोड़ा ज्यादा डीए मिलेगा. अगर सातवां वेतनमान लागू होता है, तो राज्यकर्मियों का बेसिक जितना हो जाता, उसे आधार मानते हुए ही छठे वेतनमान के बेसिक पर फिलहाल डीए देने का यह हिसाब लगाया गया है, जो 5.14 प्रतिशत आता है.
हालांकि, अभी वित्त विभाग इस पर अंतिम स्तर का कैलकुलेशन कर रहा है. अगर राज्यकर्मियों को 5.14 प्रतिशत डीए दिया जाता है, तो इससे राज्य के गैर योजना आकार में करीब 70-75 करोड़ रुपये प्रति महीने का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और अगर जुलाई से मौजूदा वित्तीय वर्ष 2016-17 के आधार पर देखे, तो गैर योजना आकार में करीब 420 से 450 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा.