पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में बाढ़ से हुई क्षति के बाद केंद्रीय टीम के दौरे में देरी के कारण अब तक सहायता नहीं मिलने पर केंद्र की मंशा पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर क्षति के आकलन के लिए केंद्रीय टीम के दौरे को एक […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में बाढ़ से हुई क्षति के बाद केंद्रीय टीम के दौरे में देरी के कारण अब तक सहायता नहीं मिलने पर केंद्र की मंशा पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर क्षति के आकलन के लिए केंद्रीय टीम के दौरे को एक बार फिर रद्द कर देने पर कड़ी आपत्ति जतायी है. शनिवार को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि बाढ़ के दो माह बाद केंद्रीय टीम का आने का कोई औचित्य नहीं होगा.
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया कि वह बिहार के इस संवेदनशील और गंभीर मसले पर गौर करते हुए केंद्रीय टीम को जल्द-से-जल्द भेजने का निर्देश दें, तािक यहां बाढ़ से हुई व्यापक क्षति का सही आकलन हो सके और पीड़ित जनता को सहायता मिल सके.
पत्र में नीतीश कुमार ने कहा है, बाढ़ से हुई क्षति के आकलन के लिए मैंने 23 अगस्त को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल कर केंद्रीय टीम शीघ्र भेजने का अनुरोध किया था. इसके बाद 23 सितंबर को राज्य सरकार ने 4111.98 करोड़ रुपये की क्षति का ब्योरा भी केंद्र को उपलब्ध करा दिया. इसके बावजूद संसद के शीतकालीन सत्र का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने टीम के बिहार दौरे को रद्द कर दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आप भी इससे सहमत होंगे कि बाढ़ से हुई क्षति का आकलन एक निश्चित समयसीमा में होना चाहिए. यह आकलन तो सितंबर में ही हो जाना चाहिए था. अब बाढ़ग्रस्त इलाकों में किसान रबी और तेलहन की फसलें लगाने लगे हैं. जो घर क्षतिग्रस्त
हुए थे, उनका पुनर्निर्माण भी शुरू कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में केंद्रीय टीम के नवंबर के अंत में आने से बाढ़ से हुई क्षति का सही आकलन करने में गंभीर और व्यावहारिक कठिनाइयां होंगी.
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि केंद्र सरकार को भेजे गये ब्योरे के बाद राज्य सरकार के स्थानिक आयुक्त और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाये रखा. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दीपावली के पहले केंद्रीय टीम के संभावित दौरे की जानकारी दी. बाद में इसे रद्द कर 10 से 14 नवंबर को टीम के बिहार आने की सूचना दी गयी.
आपदा प्रबंधन विभाग और गृह मंत्रालय के बीच केंद्रीय टीम के आगमन को लेकर फोन पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार के आधिकारिक स्तर पर टीम के आगमन और भ्रमण की विस्तृत तैयारी कर ली गयी थी. संबंधित डीएम ने भी अपने स्तर से पूरी तैयारी कर ली थी. इसके बाद अचानक संसद की लोक लेखा समिति की बैठक और शीतकालीन सत्र का हवाला देते हुए केंद्रीय टीम का दौरा रद्द कर दिया गया है. गौरतलब है कि बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने को आनेवाली केंद्रीय टीम का बिहार आगमन एक बार फिर टल गया है.