Advertisement
75 स्कूलों में ही साइकोलॉजिस्ट साइकोलॉजिस्ट
लापरवाही . प्रदेश में सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड के 475 स्कूल पटना : पढ़ाई का दबाव, होमवर्क का टेंशन, अभिभावकों की रोक-टोक, टीन एजर्स की परेशानी स्कूली छात्रों के रूटीन में शामिल है. छात्र इन दबावों से उबर सकें, इसके लिए स्कूलों में साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर रखने का प्रावधान है. सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड इसको […]
लापरवाही . प्रदेश में सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड के 475 स्कूल
पटना : पढ़ाई का दबाव, होमवर्क का टेंशन, अभिभावकों की रोक-टोक, टीन एजर्स की परेशानी स्कूली छात्रों के रूटीन में शामिल है. छात्र इन दबावों से उबर सकें, इसके लिए स्कूलों में साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर रखने का प्रावधान है.
सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड इसको पालन करने के लिए पिछले 15 सालों से सजग है. लेकिन बिहार की बात करें, तो प्रदेश भर के अधिकांश स्कूलों में साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर नहीं हैं. बिहार में सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड के 450 स्कूल हैं. इसमें से मात्र 75 स्कूल परिसर में ही साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर हैं. बाकी स्कूल प्रशासन बस खानापूर्ति करते हैं.
हर स्कूल में काउंसलर होना अनिवार्य : सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड के सर्कुलर के अनुसार हर स्कूल में एक साइकोलॉजिस्ट रखना अनिवार्य है. साथ ही काउंसिलिंग के लिए काउंसिलिंग सेंटर भी होना अनिवार्य है. छात्रों को किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर वे काउंसलर से सलाह ले सकते हैं. सूबे के अधिकांश स्कूलों में काउंसिलिंग के लिए कोई सेंटर नहीं है. ऐसे में अधिकांश छात्र दबाव में रहते हैं और धीरे-धीरे वे अवसाद से ग्रस्त हो जाते हैं तथा कई बार नकारात्मक कदम उठा लेते हैं.
प्राइवेट काउंसलर की मदद लेते हैं छात्र : पटना में भी छात्र-छात्राओं डिप्रेशन या अवसाद की समस्या आम बात हो गयी है. कई बार उन पर इसका इतना गहरा असर होता है कि वे स्कूल तक जाना बंद कर देते हैं. फिर अभिभावक उन्हें प्राइवेट काउंसलर के पास लेकर जाते हैं. इस संबंध में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डाॅ बिंदा सिंह ने बताया कि हर हफ्ते छात्र-छात्राएं काउंसिलिंग के लिए जाते हैं.
उन्होंने बताया कि पटना के अधिकांश स्कूलों में काउंसिलिंग सेंटर नहीं हैं. छात्र ऐसे में प्राइवेट काउंसलर की मदद लेते हैं, पर कई बार गंभीर स्थिति में होने के बाद वे हमारे पास आते हैं, जबकि स्कूलों में यदि काउंसिलिंग की व्यवस्था हो, तो छात्रों की दिक्कतों को समय रहते पहचान कर उसका आसान हल निकाला जा सकता है.
सीबीएसइ स्कूलों में काउंसलर की नियुक्ति अनिवार्य है. इसकी सूचना छह महीने पहले बोर्ड की ओर से आयी थी. स्कूलों को कहा गया था कि साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर की सूची बोर्ड को उपलब्ध करवाएं.
राजीव रंजन, सिटी को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसइ
छात्रों को आये दिन कई तरीकों के मानसिक दबाव झेलने पड़ते हैं. इससे उनको दूर रखने के लिए बोर्ड ने स्कूलों को साइकोलॉजिस्ट रखने का आदेश दिया था. लेकिन स्कूलों में यह सुविधा मुहैया नहीं करायी जा रही है.
कुमुद श्रीवास्तव, साइकोलॉजिस्ट को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसइ दिल्ली
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement