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नौ से सीएम निश्चय यात्रा पर

िजलों में देखेंगे शराबबंदी सहित विकास योजनाओं का हाल पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नौ नवंबर से निश्चय यात्रा पर निकलेंगे. इस दौरान वह जिलों में जाकर शराबबंदी समेत विकास योजना की जमीन हकीकत से रू-ब-रू होंगे. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मौलाना मजहरुल हक ऑडिटोरियम में विकसित बिहार के सात निश्चय की ‘घर तक पक्की […]

िजलों में देखेंगे शराबबंदी सहित विकास योजनाओं का हाल
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नौ नवंबर से निश्चय यात्रा पर निकलेंगे. इस दौरान वह जिलों में जाकर शराबबंदी समेत विकास योजना की जमीन हकीकत से रू-ब-रू होंगे. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मौलाना मजहरुल हक ऑडिटोरियम में विकसित बिहार के सात निश्चय की ‘घर तक पक्की गली-नालियां योजना’ का शुभारंभ करने हुए इसकी घोषणा की. मौके पर उन्होंने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को इसकी तैयारी करने का निर्देश दिया.
महागंठबंधन सरकार के गठन के बाद उनकी यह पहली यात्रा होगी. अपने पूर्व के कार्यकाल में वह विकास यात्रा, विश्वास यात्रा व संकल्प यात्रा पर जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, फील्ड में जाता हूं, तो ऊर्जा मिलती है. जब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आता है, तो लोगों के बीच जाता हूं, तब सब कुछ समझ में आ जाता है. मेरी यह आदत है कि किसी काम को खुद नहीं देख लेता, तब तक संतोष नहीं होता. चुनाव के समय जनता के साथ किये गये वादों पर काम शुरू हो गया है. सात निश्चय महागंठबंधन के कार्यक्रम के हिस्से थे. जब जनादेश मिला, तो उन्हें पूरा करने और सूत्रण करने का काम शुरू कर दिया गया. इन्हें समय सीमा के अंदर क्रियान्वयन करना है. मिशन मोड में काम शुरू हो गया है.
उन्होंने बताया कि 2015 में कुछ घोषणाएं की गयी थीं. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम होता था. जनता के बीच सभी अधिकारी मौजूद रहते थे. उसमें शिकायतों के समाधान की गारंटी नहीं रहती थी. जो मशीनरी खड़ी हुई है, उसे सरकार में 10 साल के अनुभव से जवाबदेह बनाया गया. पहली बार जनता को लोक शिकायत निवारण का कानूनी हक दिया गया. वर्ष 2011 में बिहार लोक सेवा का अधिकार कार्यक्रम तैयार किया गया. अब तक 14 करोड़ से अधिक आवेदनों का निष्पादन किया गया. एक आवेदन पर 200-400 रुपये देने पड़ते थे. एक कानून से कितनी बचत हुई. 2015 में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम बना दिया. 2016 में इसे लागू किया गया. एक साल में इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौ जुलाई, 2015 को नारी सशक्तीकरण कार्यशाला थी. उसमें एक कोने से आवाज आयी शराबबंदी की मांग को लेकर. जब सरकार बनी, तो राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गयी. अब क्या-क्या झेलना पड़ रहा है. पर, अब गांव-गांव में जाकर देखें क्या परिवर्तन हुआ है. उन्होंने बताया कि पांच जून को संपूर्ण क्रांति दिवस से लोक शिकायत निवारण लागू कर दिया. सात निश्चय में पहला निश्चय महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का प्रावधान किया गया. अब उनको 37% आरक्षण मिलेगा.
पुलिस में दो साल पहले से ही महिलाओं को 35% आरक्षण दिया गया था. दो अक्तूबर से युवाओं के लिए योजना चालू कर दी गयी. 27 सितंबर को ‘हर घर नल का जल और शौचालय योजना’ की शुरुआत की गयी. अब ‘घर तक पक्की गली-नालियां योजना’ की शुरुआत की जा रही है. मुख्यमंत्री ने बताया कि गली&नाली पक्कीकरण योजना को विकेद्रित तरीके से काम कराया जा रहा है. इसमें 29 प्रतिशत इलाकों को इस साल का लक्ष्य रखा गया है. बड़े गांव के साथ टोले जुड़े हैं. वहां पर अनुसूचित जाति, महादलित जैसे लोग रहते हैं. सभी को बारहमासी सड़कों से जोड़ा जायेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक स्थल के कुओं का जीर्णोद्धार कराया जायेगा.
20 नवंबर के पहले घर-घर बिजली योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 नवंबर के पहले ‘घर-घर बिजली योजना’ की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि कोई घर छूट नहीं जाये, नहीं तो 2019 में वोट मांगने जाऊंगा, तो लोग इसकी बात करेंगे. इसको लेकर एक-एक घर का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. 70% सर्वे पूरा हो चुका है. 20 नवंबर को सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी होगा. 20 नवंबर के पहले घर-घर बिजली पहुंचाने की योजना शुरू हो जायेगी. रिपोर्ट कार्ड में इन सबकी जानकारी रहेगी. राजधानी स्तर पर तो समस्या रहेगी. राजधानी में रहनेवालों को गांव से क्या मतलब. मीडिया में अनर्गल बयानबाजी करनेवाले के लिए स्पेस रिजर्व है. इधर से भी जवाब देनेवाले के लिए स्पेस रिजर्व है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभाग की योजनाओं का शुभारंभ किया.
समारोह में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रासद यादव, नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी, पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर, मेयर अफजल इमाम, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, कैबिनेट सचिव सह मिशन मानव विकास के निदेश ब्रजेश मेहरोत्रा, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, पंचायती राज विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार, पंचायती राज निदेशक कुलदीप नारायण उपस्थित थे.
हर घर पक्की गली-नालियां योजना शुरू
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को हर घर तक पक्की गली-नालियां योजना का शुभारंभ किया. विकसित बिहार के सात निश्चयों में यह शामिल है. सरकार के तीन विभागों नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभाग की ओर से इसे क्रियान्वित किया जा रहा है. शहरों में इसका क्रियान्वयन नगर विकास एवं आवास विभाग और पंचायतों में पंचायती राज विभाग कर रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग 100 से अधिक आबादी वाली बसावटों के लिए बारहमासी सड़कों के निर्माण के लिए ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष में कुल 20% आबादी को सुविधा दी जायेगी.
इसे चरणवार 2019-20 तक पूरा किया जायेगा. ग्रामीण विकास विभाग को पीएमजीएसवाइ और एमएमजीएसवाइ के कोर नेटवर्क से 100 की आबादीवाले छूटे टोलों को जोड़ना है. 100 या अधिक आबादी वाले 13786 बसावट बचे हैं, जिनको बारहमासी सड़क से जोड़ना है. इसके लिए 12500 किमी पथों का निर्माण किया जाना है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य 2500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए 444.5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना पड़ेगा. इस वित्तीय वर्ष में सड़कों के निर्माण पर 1702 करोड़ खर्च होंगे. इसी तरह नगर विकास एवं आवास विभाग 20% वार्डों में पक्की नाली गली का निर्माण करायेगा. 2016-17 में नगर विकास एवं विकास विभाग 425.63 किमी पक्की गली का निर्माण करायेगा, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 358.10 किमी नालियों का निर्माण कराया जायेगा. इस पर 277.23 करोड़ खर्च होंगे. पंचायती राज विभाग 8391 पंचायतों के 114733 वार्डों में 20% में गली-नाली का निर्माण कराया जाना है. हर पंचायत में पांच किमी गली नाली का निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इस वित्तीय वर्ष में 41955 किमी गली- नालियों का निर्माण कराया जायेगा. इस पर 3053.48 करोड़ खर्च होंगे.
सपा से नहीं आया कोई आमंत्रण : नीतीश
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि पांच नवंबर को समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने के लिए मुझे कोई आमंत्रण नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने विपक्षी पार्टियों के बीच एकता का समर्थन किया. घर तक पक्की गली नालियां योजना के उद्घाटन के बाद उन्होंने यूपी में महागंठबंधन बनाने की सपा की कोशिश को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि छह पार्टियों को लेकर हमलोगों ने पहल की थी. उसमें प्रगति हुई थी. मुलायम सिंह के नेतृत्व में मर्जर की बात थी. पर, वह बात आगे नहीं बढ़ी. लेकिन, राजनीति में जो बात खत्म हुई है, उसका मतलब यह नहीं है कि आगे की संभावना खत्म हो गयी है. संभावना बनी रहती है. सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कॉलेजियम पर जल्द निर्णय होना चाहिए.
जो व्यवस्था है, उसमें कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की खास भूमिका निर्धारित की गयी है. देश को आगे बढ़ाने में तीनों में समन्वय होना चाहिए. न्यायपालिका की जो भी समस्या है, केंद्र सरकार द्वारा उसका समाधान किया जाना चाहिए. यह विवाद का विषय नहीं है. संविधान में संशोधन के लिए संसद सक्षम है. अभी की व्यवस्था में सभी को सहयोग करना चाहिए.

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