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सफलता शराबबंदी की कहानी हाजीपुर से : शराब छोड़ी, परिवार में आयीं खुशियां
हर के सिनेमा रोड निवासी शशिकांत पटेल उर्फ बच्चा बाबू के परिवार में आज सुख-शांति है. कभी यह परिवार दुख और कलह का पर्याय बन चुका था. शराबबंदी का परिणाम है कि घर में खुशियां लौट आयीं है. 35 वर्षीय शशिकांत को शराब की लत ने कहीं का नहीं छोड़ा था. दारू के नशे में […]
हर के सिनेमा रोड निवासी शशिकांत पटेल उर्फ बच्चा बाबू के परिवार में आज सुख-शांति है. कभी यह परिवार दुख और कलह का पर्याय बन चुका था. शराबबंदी का परिणाम है कि घर में खुशियां लौट आयीं है.
35 वर्षीय शशिकांत को शराब की लत ने कहीं का नहीं छोड़ा था. दारू के नशे में कदम क्या लड़खड़ाये कि बरबादी की कहानी शुरू हो गयी. अच्छा-खासा व्यवसाय चौपट हो गया. कर्ज में डूबने के साथ-साथ घर परिवार भी बिखरने की कगार पर आ गया. लगभग सात साल पहले शशिकांत ने सिनेमा रोड में इलेक्ट्रॉनिक गुड्स की दुकान खोली थी. अच्छी-खासी चल रही दुकान कुछ ही वर्ष के अंदर शराब के नशे में डूब गयी.
दुकान तो डूबी ही, खुद भी कर्ज में डूब गये. दाल-रोटी के लिए प्राइवेट नौकरी पकड़ी लेकिन दारू की लत ने वह भी छुड़वा दी. शशिकांत पटेल की 12 साल पहले शादी हुई थी. दो बच्चे हैं. 11 वर्षीय यश और 8 वर्षीय दीप. शराब के कारण पत्नी यशोदा के साथ झगड़ा करना रोज की बात हो गयी थी. बच्चों की पढ़ाई तक बंद हो गयी.
सड़क पर आ गये शशिकांत ने प्रदेश में शराबबंदी लागू होने के बाद नशे से दूर होने की कसम खायी. जब उसने पत्नी यशोदा के सामने शपथ ली तो खुशी और आशाओं से उनकी आंखें छलक उठीं. आज यह दंपती खुश है और मोबाइल की दुकान चला रहा है. शराब से तौबा किया तो हालात भी बदलने लगे. अब परिवार पटरी पर है और व्यवसाय तरक्की की राह पर. बच्चे पढ़ रहे हैं और पत्नी के साथ सुखमय जीवन बीत रहा है.
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