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राजधानी पटना के मास्टर प्लान 2031 को मिली मंजूरी

पटना : साढ़े तीन दशक के बाद राजधानी पटना का मास्टर प्लान 2031 को पटना मेट्रोपॉलिटन कमेटी के सदस्यों ने सर्व सम्मति से पास कर दिया. तीन घंटे केप्रस्तुतीकरण और नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी के अपील के बाद मेट्रोपॉलिटन कमेटी के सदस्यों ने मास्टर प्लान को पारित कर दिया. साथ ही पटना […]

पटना : साढ़े तीन दशक के बाद राजधानी पटना का मास्टर प्लान 2031 को पटना मेट्रोपॉलिटन कमेटी के सदस्यों ने सर्व सम्मति से पास कर दिया. तीन घंटे केप्रस्तुतीकरण और नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी के अपील के बाद मेट्रोपॉलिटन कमेटी के सदस्यों ने मास्टर प्लान को पारित कर दिया. साथ ही पटना मेट्रोपॉलिटन कमेटी के लिए बजट को भी पास कर दिया. सदस्यों की तमाम आशंकाओं को दूर करते हुए नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी और प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया मास्टर प्लान 2031 में संशोधन की पूरी गुंजाइश है. अगली बैठक में इसमें संशोधन प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसके पहले 1981 में मास्टर प्लान को पारित किया गया था. सोमवार को पारित मास्टर प्लान को कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा. मास्टर प्लान को पारित होने के बाद अब इसका जोनल प्लान तैयार किया जायेगा जिसमें हर क्षेत्र के विकास के लिए योजनाएं बनायी जायेगी.

पहले दिया गया प्रस्तुतीकरण

कमेटी की बैठक में मास्टर प्लान को तैयार करने वाले टीम लीडर व निरमा विवि अहमदाबाद के प्रोफेसर उत्पल शर्मा ने मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन दिया. पटना प्लानिंग क्षेत्र का निर्धारण 1167.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में किया गया है. इसमें पटना जिला के मनेर, फतुहा, नौबतपुर प्रखंडों के ग्रामीण इलाके को शामिल किया गया है. इसमें 563 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का ही विकास किया जाना है. शेष ग्रामीण क्षेत्रों का मुख्य शहर से जोड़ने के लिए साधनों का विकास किया जाना चाहिए. साथ ही मास्टर प्लान क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में अस्पताल और विद्यालय की व्यवस्था की जानी चाहिए. पटना के मुख्य सड़कों का कुल क्षेत्रफल 9.3 प्रतिशत है. जबकि जाम से मुक्ति के लिए किसी शहर में 22-25 फीसदी सड़कें होनी चाहिए. उनका सुझाव था कि गंगा के माध्यम से परिवहन को बढ़ावा दिया जा सकता है.

मास्टर प्लान का जोनल प्लान भी बनेगा

पटना मास्टर प्लान पास होने के बाद इसमें 30-40 जोनल प्लान बनाने की जरूरत होगी. इसमें कमर्शियल, आवासीय, मैनुफैक्चरिंग, पब्लिक एंड सेमी पब्लिक क्षेत्र, ओपेन स्पेश में निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार ही विकास किया जाना चाहिए. कुछ सदस्यों को आशंका थी कि कहीं ऐसा तो नहीं कि एक बार मास्टर प्लान पारित हो जाते तो उसमें बदलाव की गुंजाइश नहीं रहे. साथ ही कुछ सदस्य इसको समझने के लिए एक सप्ताह के समय की मांग कर रहे थे साथ ही उनकी मांग थी कि इसके लिए दूसरी बैठक बुलायी जाये. इन आशंकाओं को दूर करते हुए नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने बताया कि इसमें कोई राजनीति नहीं है. यह राजधानी के विकास से जुड़ा मुद्दा है. उन्होंने सदस्यों की आशंकाओं को दूर करते हुए स्पष्ट किया कि इसमें संशोधन की पूरी गुंजाइश है. जल्द ही इसकी तारीख की घोषणा कर दी जायेगी.

संशोधन की गुंजाइश-मंत्री

उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान पारित नहीं होने से एनजीटी द्वारा राजधानी में 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र वाले भवनों के निर्माण पर रोक लगा दी गयी है. मेट्रोपोलिटन कमेटी की अब नियमित बैठक होगी जिसमें सदस्य अपना संशोधन रख सकते हैं. इस तरह से निर्वाचित सदस्यों ने विशेषज्ञों की मौजूदगी में पटना मास्टर प्लान 2031 को सर्वसम्मति से पास कर दिया. सदस्यों की आशंका

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