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जमीन खरीदने के लिए नगर निकायों को मिलेगी राशि
कवायद. कचरा प्रबंधन की सबसे बड़ी बाधा दूर करने की पहल केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि से हर नगर निकाय में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए मशीन, उपकरण की खरीद और प्लेटफॉर्म का विकास किया जायेगा. पटना : नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर निकायों को कचरा प्रबंधन की सबसे बड़ी बाधा […]
कवायद. कचरा प्रबंधन की सबसे बड़ी बाधा दूर करने की पहल
केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि से हर नगर निकाय में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए मशीन, उपकरण की खरीद और प्लेटफॉर्म का विकास किया जायेगा.
पटना : नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर निकायों को कचरा प्रबंधन की सबसे बड़ी बाधा को दूर करने की पहल शुरू कर दी है. कचरा प्रबंधन की बड़ी समस्या जमीन को लेकर पैदा हो रही है. विभाग अब सभी निकायों को जमीन खरीदने या लीज पर जमीन प्राप्त कराने के लिए राशि देगा. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि से हर नगर निकाय में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए मशीन, उपकरण और प्लेटफॉर्म का विकास किया जायेगा.
यह निर्णय करना नगर निकायों के ऊपर है कि उनकी आबादी क्या है और भविष्य में कितनी मात्रा में कचरा निस्तारण की आवश्यकता होगी. भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए निकायों को जमीन की खरीद करनी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नगर निकायों की सफाई को लेकर कुछ पहल आरंभ करने का निर्देश विभाग को दिया गया है. इसके तहत राज्य के सभी नगर निकायों में सफाई व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने के लिए वार्षिक तौर पर प्रोत्साहन के लिए स्वच्छता सहायक अनुदान देने की घोषणा की गयी है.
इस योजना के तहत हर नगर निकाय को उसमें रहनेवाले नागरिकों के परिवारों के अनुसार से सफाई के लिए सहायक अनुदान दिया जा रहा है. सरकार द्वारा प्रति परिवार को कचरा सफाई के लिए सालाना 1200 रुपया दिया जा रहा है. सरकार हर साल इस मद में दो अरब 50 करोड़ नगर निकायों को दे रही है. इस राशि से डोर टू डोर कचरा का संग्रहण, कचरा संग्रहण के लिए उपकरणों की खरीद की गयी है. इस राशि का उपयोग कचरा प्रबंधन और निस्तारण स्थल की खरीद की जानी है. कचरे से कंपोस्ट तैयार करने या बिजली बनाने के रूप में उपयोग किया जाना है. सफाई सहित नगरपालिकाओं के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित करने के लिए सरकार की ओर से आदर्श नगर निकाय प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गयी है. इसमें सफाई सहित अन्य सेवाओं में सुधार के लिए एक नगर निगम को दो नगर परिषद और दो नगर पंचायतों को पुरस्कृत करने की योजना तैयार की गयी है.
सफाई सहित सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए एक नगर निकाय को पांच करोड़, दो नगर परिषदों को तीन-तीन करोड़ और दो नगर पंचायतों को एक-एक करोड़ देने का प्रस्ताव है. इस राशि का उपयोग नगर निकाय स्वविवेक से नागरिक सुविधाओं का विकास और सुढृढ़ीकरण कर सकेंगे. इसके अलावा नगर निकायों में निर्मित होनेवाले कचरा प्रबंधन स्थल का विकास केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त राशि से किया जायेगा.
नगर विकास विभाग द्वारा 140 नगर निकायों में कचरा प्रबंधन को लेकर की जानेवाली जमीन खरीद के लिए प्रस्ताव तैयार किया है. इसमें हर नगर निकाय में इसकी जमीन खरीद या लीज पर लेने के लिए पैसा उपलब्ध कराने का निर्णय किया है. निकायों को बाजार दर पर जमीन की खरीद करने की छूट होगी जिससे कि किसी निकाय में राशि को लेकर परेशानी नहीं हो. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों द्वारा नागरिक सुविधाओं से संबंधित आधारभूत ढांचा के निर्माण के लिए जमीन की कठिनाई को दूर करने के लिए कदम उठाया गया है.
राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में यह नीति तैयार की गयी है कि पहले सरकार के किसी भी विभाग को जमीन की आवश्यकता है तो दूसरे विभाग के पास जमीन उपलब्ध होने पर दोनों विभागों की सहमति से समाहर्ता तीन एकड़ तक जमीन का अंतरविभागीय नि:शुल्क हस्तांतरण कर सकते हैं. नगर निकाय क्षेत्रों के लिए विभिन्न विभागों की उपलब्ध उपयुक्त भूमि का अंतरविभागीय हस्तांतरण नगर विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से नि:शुल्क कराया जायेगा.
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