ताकि, बड़े-बड़े माॅलों व व्यवसायियों के बीच प्रयोग होनेवाले पुराने जेनेरेटरों को बंद कराया जा सकें. क्योंकि, इससे सबसे अधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक गैस निकलती हैं. अब इस पर भी रोक लगायी जानी है.
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बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद कर रहा है तैयारी, अब बैंड-बाजा वाले को भी लेना होगा एनओसी
पटना: शहर में ध्वनि और वायु प्रदूषण कम हो, इसके लिए बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद तैयारी में जुटा है. अब बैंड-बाजा के दौरान प्रयोग होनेवाले पुराने जेनेरेटरों पर भी रोक लगायी जायेगी. ताकि, शादी-ब्याह के दिनों में भी जेनेरेटर से होनेवाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकें. इससे अब बैंड बाजा संचालक बिना अनुमति पुराने […]
पटना: शहर में ध्वनि और वायु प्रदूषण कम हो, इसके लिए बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद तैयारी में जुटा है. अब बैंड-बाजा के दौरान प्रयोग होनेवाले पुराने जेनेरेटरों पर भी रोक लगायी जायेगी. ताकि, शादी-ब्याह के दिनों में भी जेनेरेटर से होनेवाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकें. इससे अब बैंड बाजा संचालक बिना अनुमति पुराने जेनेरेटर नहीं चला सकेंगे. उन्हें बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की आेर से वन टाइम अनुमति लेनी होगी.
बढ़ रहे वायु और ध्वनि प्रदूषण : शहर में खास कर व्यावसायिक इलाकों में ध्वनि प्रदूषण तेजी से बढ़ रहे हैं. क्योंकि, ध्वनि प्रदूषण मानक के तहत 40 से 70 डेसिबल तक ही मान्य है. लेकिन, शहर में यह 75 से 80 तक पहुंच गयी है. इनमें गाड़ियों के हॉर्न के अलावे ज्यादातर जेनेरेटर से उत्पन्न ध्वनि है. ऐसे में पर्षद की ओर से इसे नियंत्रित करने के लिए पुराने जेनेरेटरों पर रोक लगायी जा रही है. इसके लिए नगर निगम और डीएम के स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.
हजारों की संख्या में हैं बैंड-बाजे : शहर में हजारों की संख्या में बैंड-बाजे की दुकानें है. इसमें सबसे अधिक पटना सिटी, राजाबाजार और दानापुर में दुकानें हैं. ये सभी संचालक बरात के दौरान प्रयोग होनेवाले लाइट बत्ती में पुराने जेनेरेटरों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में अब इसके प्रयोग से पहले अनुमति लेनी होगी. जेनेरेटरों की कंडीशन के अनुरूप बैंड बाजा संचालकों को अनुमति दी जायेगी. जिनकी स्थिति अधिक खराब होगी, उन्हें बैटरी या साइलेंट जेनेरेटर लेने के बाद ही अनुमति दी जायेगी. प्रदूषण नियंत्रण के पदाधिकारियों के अनुसार अब भी इस संबंध में कोई पत्र नहीं निकाला गया है. लेकिन, पूजा बाद जल्द ही इसकी सूचना पत्र के माध्यम से दी जायेगी.
ताकि, बैंड-बाजा संचालक इसके लिए वनटाइम मंजूरी ले सकें. इसके जरिये पुराने जेनेरेटरों को रोक लग सकेगी. इसके बदले में वह साइलेंट जेनेरेटर या फिर बैटरी का प्रयोग कर सकेंगे.
इन स्थानों में सबसे अधिक मापी गयी है ध्वनि प्रदूषण
स्थान ध्वनि का माप
एएन कॉलेज 74.5
हाइकोर्ट 75.6
पीएमसीएच 67.6
पाटलिपुत्र 69.6
चिरैयांटाड़ पुल 73.8
पटना सिटी 80.8
जीपीओ 74.2
(माप डेसिबेल में)
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