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बंद पड़े नलकूपों को दुरुस्त कराये सरकार : हाइकोर्ट
पटना. राज्य में बंद पड़े 1700 सरकारी नलकूपों को लेकर हाइकोर्ट ने टिप्पणी की है. कोर्ट ने सरकार को चालू वित्तीय वर्ष में बंद पड़े सभी सरकारी नलकूप को चालू करने का आदेश दिया है. साथ ही बंद पड़े नलकूप के मरम्मत को लेकर की जा रही कार्रवाई से नौ नवंबर को स्टेटस रिपोर्ट देने […]
पटना. राज्य में बंद पड़े 1700 सरकारी नलकूपों को लेकर हाइकोर्ट ने टिप्पणी की है. कोर्ट ने सरकार को चालू वित्तीय वर्ष में बंद पड़े सभी सरकारी नलकूप को चालू करने का आदेश दिया है. साथ ही बंद पड़े नलकूप के मरम्मत को लेकर की जा रही कार्रवाई से नौ नवंबर को स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए कहा है. विकासचंद्र ऊर्फ गुड्डु बाबा की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति नीलू अग्रवाल ने आदेश पारित किया है. बंद पड़े सरकारीनलकूप पर हाइकोर्ट ने कहा कि राज्य में औद्योगिकीकरण हो नहीं सकता है. किसानों को खेती के लिए सिंचाई जरूरी है.
लोकहित याचिका का दुरुपयोग करने पर 1 लाख का आर्थिक दंड
पटना हाइकोर्ट ने लोकहित याचिका का दुरुपयोग करने के आरोप में याचिकाकर्ता को एक लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया है. याचिकाकर्ता से वसूल दंड की राशि हाइकोर्ट के लीगल हेड में जमा करने का निर्देश दिया गया है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता व न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह ने की.
लोकहित याचिकाकर्ता राजीव कुमार ने एक्जीविशन रोड में चाणक्य सिनेमा हॉल में बन रहे भवन को अवैध निर्माण बता कर याचिका दायर की थी. पहले हुई सुनवाई में हाइकोर्ट ने स्टे ऑर्डर जारित किया था. बाद में हाइकोर्ट को जानकारी दी गयी कि व्यवसायी विकास कुमार अग्रवाल ने लोकहित याचिका दायर करायी है.
बिल्डर की ओर से वकील सुरेश प्रसाद सिंह व भूस्वामी की ओर से पी के शाही ने जानकारी दी कि निहित स्वार्थ में याचिका दायर हुआ है. हाइकोर्ट ने पूछा कि एक ही बिल्डिंग के बारे में लोकहित याचिका क्यों दायर हुई है. अन्य अवैध निर्मित बिल्डिंग के बारे में क्यों नहीं जिक्र है. मामले की सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने एक लाख का आर्थिक दंड लगाया.
कोर्ट ने कहा कि 1965 के पहले बिहार से पूरे देश में अनाज उपलब्ध होता था. आज बिहार के दो मुख्य फल आम व लीची भी दूसरे प्रदेश से आ रहा है. सुनवाई के दौरान लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव उपस्थित थे. कोर्ट को दिये हलफनामे में जानकारी दी कि बंद पड़े 1700 नलकूप को चालू करने में 500 करोड़ खर्च होंगे. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक नलकूप पर 28 लाख से अधिक खर्च होने की बात हजम नहीं हो रही है. इस पर फिर से विचार कर निर्णय लिया जाये.
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