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तीन माह पूर्व पेंशन दस्तावेज नहीं सौंपने पर बंद होगा वेतन

निर्णय. पीएफ कटौती के भुगतान के लिए भी नियमावली में होगा परिवर्तन गृह और सामान्य प्रशासन विभाग को पेंशन नियमावली में परिवर्तन की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. नियमों में परिवर्तन से भुगतान मामले में वित्त विभाग समय पर निर्णय ले सकेगा. पटना : अब रिटायर होने वाले सरकारीकर्मियों को उनके बकाये पैसे के लिए दफ्तर […]

निर्णय. पीएफ कटौती के भुगतान के लिए भी नियमावली में होगा परिवर्तन
गृह और सामान्य प्रशासन विभाग को पेंशन नियमावली में परिवर्तन की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. नियमों में परिवर्तन से भुगतान मामले में वित्त विभाग समय पर निर्णय ले सकेगा.
पटना : अब रिटायर होने वाले सरकारीकर्मियों को उनके बकाये पैसे के लिए दफ्तर का चक्कर काटना नहीं पड़ेगा. उनके लिए सेवानिवृत्ति के तीन माह पहले पेंशन भुगतान से संबंधित सभी दस्तावेज विभाग को उपलब्ध करना अनिवार्य होगा. अन्यथा संबंधित कर्मचारी या अधिकारी का वेतन रोक दिया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार पेंशन नियमावली में संशोधन करने जा रही है. गृह और सामान्य प्रशासन विभाग को पेंशन नियमावली में परिवर्तन की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. नियमों में परिवर्तन से पेंशन भुगतान के मामले में वित्त विभाग समय पर उचित निर्णय ले सकेगा. पेंशन नियमावली में परिवर्तन के साथ ही पीएफ अंशदान के भुगतान सेवानिवृत्ति के साथ ही करने के लिए नियमों में परिवर्तन करने का फैसला लिया गया है.
नये प्रावधान में सेवानिवृत्त के बाद संबंधित कर्मियों को सेवा की टूट या लगातार सेवा पर तत्काल 90 प्रतिशत पेंशन का भुगतान किया जायेगा. दाेनों विभागों से कहा गया है कि पेंशन प्रपत्र में यदि कोई नोमिनी का नाम नहीं देता है तो ऐसी परिस्थिति में कार्रवाई का प्रावधान तय किया जाये. इससे कर्मियाें को उचित समय पर पेंशन का भुगतान होगा. पेंशन भुगतान को समय पर निष्पादन के लिए मुख्य सचिव ने विभागों को निर्देश जारी कहा है कि सेवानिवृति के 18 माह पूर्व पेंशन संबंधित दस्तावेज और आवेदन लोक सेवक से लेना शुरू कर दें. यह आवेदन संबंधित विभाग के नियंत्री पदाधिकारी को सौंप देना होगा. ग्रामीण कार्य, वाणिज्यकर, श्रम संसाधन, राजस्व एवं भूमि सुधार और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग में पेंशन मामलों को गंभीरता से नहीं लेने के कारण फटकार लगी है. विभागों को हिदायत दिया गया है कि तय समय में सभी मामलों को निबटाया जाये. विभागीय कार्यवाही मे देरी के लिए सामान्य प्रशासन, स्वस्थ्य, ग्रामीण कार्य, मानव संसाधन और जल संसाधन विभाग को भी तेजी लाने की हिदायत मिली है.
पिछले दिनों में पेंशन भुगतान संबंधी हाइकोर्ट में अधिक मामले से आजीज राज्य सरकार ने पेंशन भुगतान के लिए विभागों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी. इसके कारण 14 विभागों में पेंशन के एक भी मामले लंबित नहीं है. इसमें कृषि, पिछड़ा-अतिपिछड़ा कल्याण, निर्वाचन, खान एवं भूतत्व, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, अल्पसंख्यक कल्याण, संसदीय कार्य, आपदा प्रबंधन, सूचना प्रावैधिकी, पर्यावरण एवं वन, उत्पाद एवं मद्य निषेध, भवन निर्माण, गृह और पर्यटन विभाग शामिल हैं. आधा दर्जन विभाग के अलावा अन्य विभागों में इक्का-दुक्का मामला ही लंबित है. सख्ती का ही नतीजा है कि अब पिछले माह पेंशन से संबंधित 577 मामले विभागों को मिले और सात सौ से अधिक मामले का निष्पादन किया गया.
निश्चय योजना से हो रहा विकास का काम
प्रयास यह होना चाहिए कि छह माह पहले ही महालेखाकार से पेंशन स्वीकृति संबंधी पत्र प्राप्त कर लिया जाये. इससे सेवानिवृत होने वाले लोकसेवक को सेवानिवृत्ति के ही दिन पेंशन भुगतान का पत्र सौंप दिया जायेगा.
अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव

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