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स्वयं सहायता भत्ता का लाभ सिर्फ इंटर पास को : मोदी

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सात निश्चयों के तहत शुरू की गयी स्वयं सहायता भत्ता योजना से सूबे के वैसे लाखों नौजवान वंचित हो जायेंगे, जो गलती से बीए, एमए, पोलिटेक्नीक या उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. इसका लाभ केवल उन्हें मिलेगा जो इंटर पास […]

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सात निश्चयों के तहत शुरू की गयी स्वयं सहायता भत्ता योजना से सूबे के वैसे लाखों नौजवान वंचित हो जायेंगे, जो गलती से बीए, एमए, पोलिटेक्नीक या उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. इसका लाभ केवल उन्हें मिलेगा जो इंटर पास हैं और आगे की पढ़ाई छोड़ चुके हैं. नीतीश कुमार की सरकार मान रही है कि जो ज्यादा पढ़े-लिखे और योग्य हैं, उन्हें रोजगार ढूंढने की जरूरत नहीं है.
क्या सरकार की नजर में इंटर से ज्यादा पढ़ना गुनाह है. कहीं शराबबंदी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार ने भत्ता योजना शुरू करने के साथ ही उसका गला तो नहीं घोंट दिया है. मोदी ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता योजना के लाभ से वे भी वंचित होंगे जो ऑटो रिक्शा चला कर या कोई अन्य छोटा-मोटा काम करके अपने परिवार का पेट भर रहे हैं.
क्या अस्थायी, स्वरोजगार या अनुबंध आदि पर काम करने वाले युवाओं को और बेहतर रोजगार नहीं चाहिए. योजना की शर्तों के अनुसार कुशल युवा कार्यक्रम के तहत 280 घंटे का प्रशिक्षण नहीं लेने वाले या भारत सरकार तथा अन्य निजी संस्थानों से कौशल विकास का प्रशिक्षण लेने वाले 5 महीने के भत्ता से वंचित होंगे. सरकार ने चालू वर्ष में 2,040 करोड़ खर्च कर 17 लाख युवाओं को भत्ता देना तय किया परंतु अब मात्र 1120 करोड़ रुपये का ही प्रावधान क्यों किया गया है.
अपराधियों के मन से खत्म हो गया कानून का भय : नंदकिशोर
वरिष्ठ भाजपा नेता व लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने कहा कि बेलगाम अपराधी सूबे में कानून के रखवालों को ही निशाना बनाकर कानून के राज के दावों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. हाल के दिनों में ही दर्जन भर पुलिस अधिकारियों पर हमले कर अपराधियों ने शासन को बड़ी चुनौती दी है.
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार कानून अपना काम करेगी और कानून का राज जैसे रटा-रटाया खटराग अलाप कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ ले रहे हैं. अपराधियों के मन से शासन का इकबाल और कानून का भय समाप्त हो गया है. महागंठबंधन के नेताओं की बयानबाजी के बदले अगर अपराधियों के खिलाफ ईमानदारी से एक्शन होता तो पुलिस अधिकारियों पर लगातार हमले नहीं होते.

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