35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

5000 आवेदन, निवारण 500 का

हाल बिहार बोर्ड के शिकायत निवारण सेल का काउंटर पर 15 दिनों में शिकायतें दूर होने का मिलता है आश्वासन पटना : बिहार बोर्ड के इंटर काउंसिल विंग में शिकायतों को दूर कराने के लिए छात्र आते हैं, शिकायत निवारण कोषांग में आवेदन भी देते हैं. उन्हें रिसीविंग की रसीद भी दी जाती है. लेकिन, […]

हाल बिहार बोर्ड के शिकायत निवारण सेल का
काउंटर पर 15 दिनों में शिकायतें दूर होने का मिलता है आश्वासन
पटना : बिहार बोर्ड के इंटर काउंसिल विंग में शिकायतों को दूर कराने के लिए छात्र आते हैं, शिकायत निवारण कोषांग में आवेदन भी देते हैं. उन्हें रिसीविंग की रसीद भी दी जाती है. लेकिन, शिकायत दूर नहीं होती है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में खुले शिकायत निवारण कोषांग केवल आश्वासन कोषांग बन कर रह गया है.
अपनी शिकायत को लेकर समिति कार्यालय में हर दिन पांच सौ से अधिक छात्र अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं, लेकिन वे आश्वासन लेकर लौट जाते हैं. उनकी शिकायतें कब दूर होगी, उन्हें कोई नहीं बताता है.
दोनों प्रभागों के लिए अलग-अलग हैं सेल : बिहार
विद्यालय परीक्षा समिति में मैट्रिक और इंटर के लिए अलग-अलग सेल खोले गये हैं. मैट्रिक की शिकायत को दूर करने के लिए आवेदन मैट्रिक प्रभाग में लिये जाते हैं. वहीं इंटर की शिकायत इंटर काउंसिल में ली जाती है.
इसके लिए अलग-अलग अधिकारी को नियुक्त किया गया है. दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे शाम तक शिकायतें सुनी जाती हैं. प्रदेश भर के छात्र अपनी समस्याओं को दूर
करने के लिए कोषांग में आते हैं.
एक माह में मिले हैं पांच हजार आवेदन : बोर्ड के दोनों ही प्रभागों में कुल 5632 शिकायतें दर्ज करायी जा चुकी हैं. इनमें से लगभग तीन हजार इंटर आैर बाकी मैट्रिक से संबंधित हैं. इनमें से अब तक मात्र 500 शिकायतों को निबटाया जा सका है. काउंटर पर 15 दिनों में शिकायतें दूर होने का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन शिकायत दूर नहीं हो पाती है.
कर्मचारियों की कमी बड़ा कारण : समिति कर्मचारियों के अनुसार शिकायत निवारण कोषांग से मामला संबंधित प्रशाखा के पास आता है. लेकिन प्रशाखा में कर्मचारियों के नहीं रहने के कारण काम में देरी हो रही है. वहीं प्रशाखा में कई कर्मचारी पूरी तरह से नये हैं. उन्हें कागजात खोजने में काफी समय लग जा रहा है. नये कर्मचारियों को काम के बारे में् भी ज्यादा जानकारी नहीं है. इससे समय पर छात्रों की शिकायत दूर नहीं हो पा रही है.
मुंगेर निवासी आलोक कुमार अमर ने 2011 में इंटर किया, लेकिन उसे अब तक रिजल्ट नहीं मिला है. आलोक ने इसकी शिकायत इंटर काउंसिल के शिकायत निवारण कोषांग में 14 सितंबर को की. उसे इसकी रिसीविंग भी मिली. उसे 15 दिनों के अंदर रिजल्ट मिल जाने का आश्वासन दिया गया. आलोक ने बताया कि वह बार-बार रिजल्ट के लिए दौड़ रहा है, लेकिन हर बार आश्वासन मिलता है. उसे यह कह कर इंटर काउंसिल से लौटा दिया जाता है कि वह इंतजार करे, रिजल्ट मिल जायेगा.
लोकचंद कुमार के सर्टिफिकेट और मार्क्स शीट में नाम में स्पेलिंग मिस्टेक है. नालंदा निवासी लोकचंद इसके लिए कई महीनों से इंटर काउंसिल का चक्कर लगा रहा है, लेकिन स्पेलिंग ठीक नहीं हो पाया. बोर्ड का चक्कर लगाने के बाद लोकचंद ने शिकायत निवारण काेषांग में आवेदन दिया. उसने अपनी शिकायत 10 सितंबर को दर्ज करायी. 15 दिनों से अधिक हो जाने के बाद भी उसका रिजल्ट अब तक ठीक नहीं हो पाया है. लोकचंद ने बताया कि अभिभावक और कॉलेज के नाम में त्रुटि है.
शिकायत निवारण कोषांग को इसी कारण से बनाया गया है कि इसमें छात्रों की शिकायत जल्द दूर हो. हम लोग कोशिश में लगे हैं कि यह सुचारु रूप से चले. छात्रों की समस्या खत्म हो.
अनूप कुमार सिन्हा, सचिव, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें