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सभी जिलों में खुलेंगे ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर

पटना : सड़क दुर्घटनाओं में ड्राइवर की गलती से 61 फीसदी दुर्घटनाएं होती है. इसका कारण अधिकांश ड्राइवर का प्रशिक्षित नहीं होना बताया गया है. बिना प्रशिक्षण के भारी वाहनों को चलाने से सड़क दुर्घटना की संभावना रहती है. कॉमर्शियल वाहन चलाने का प्रशिक्षण देने के लिए राज्य में सभी जिले में चालक प्रशिक्षण संस्थान […]

पटना : सड़क दुर्घटनाओं में ड्राइवर की गलती से 61 फीसदी दुर्घटनाएं होती है. इसका कारण अधिकांश ड्राइवर का प्रशिक्षित नहीं होना बताया गया है. बिना प्रशिक्षण के भारी वाहनों को चलाने से सड़क दुर्घटना की संभावना रहती है. कॉमर्शियल वाहन चलाने का प्रशिक्षण देने के लिए राज्य में सभी जिले में चालक प्रशिक्षण संस्थान खुलेगा. कॉमर्शियल वाहन के बहुत सारे ड्राइवर पहले हेल्पर के रूप में वाहन पर रहते हैं. प्रोपर प्रशिक्षण नहीं मिलने से उसकी जानकारी आधी अधूरी रहती है.
एक सर्वे के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं में 60 फीसदी दुर्घटना कॉमर्शियल वाहन का होता है. इसमें 17 फीसदी दुर्घटना ओवरलोडिंग व 25 फीसदी दुर्घटना ओवर स्पीड की वजह से होती है. इन दुर्घटनाओं में लगभग 37 फीसदी ड्राइवर की मौत होती है. पिछले दो साल में राज्य में 10334 लोगों की जान गयी.
सड़क दुर्घटना में एनएच पर 28़ 2 फीसदी, स्टेट हाइवे पर 25़ 2 फीसदी व अन्य मार्ग पर 46़ 6 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं होती है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 53़ 7 फीसदी दुर्घटनाएं होती है. इसमें 59़ 4 फीसदी लोग मौत के शिकार होते हैं. औरंगाबाद में चालकों को प्रशिक्षण देने के लिए चालक प्रशिक्षण सह शोध संस्थान खोला गया है. संस्थान के निर्माण का काम चल रहा है.
कौशल विकास योजना का लक्ष्य होगा पूरा
राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार कॉमर्शियल वाहन चलाने वाले ड्राइवर को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है. साथ ही वाहन चलाने का प्रशिक्षण देकर युवाओं को रोजगार मुहैया कराना है. प्रशिक्षण संस्थान खोल कर सरकार के सात निश्चय में शामिल कौशल विकास योजना के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है.
चालक प्रशिक्षण संस्थान के लिए डेढ़ एकड़ जमीन की आवश्यकता है. सभी जिले के डीएम को डेढ़ एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. परिवहन विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने सभी डीएम को पत्र लिख कर डेढ़ एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के लिए कही है.

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