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राजनीति छोड़ भविष्यवक्ता बन जाएं मोदी : संजय सिंह

पटना. जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा नेता सुशील मोदी राजनीति छोड़ कर भविष्यवक्ता बन जाये. इस प्रोफेशन में उनकी झूठ भी खप जायेगी. नयी औद्योगिक नीति से पूरे बिहार के उद्योगपति खुश हैं, लेकिन उनकी खुशी को देखकर सुशील मोदी के कलेजे पर सांप लोट रहा […]

पटना. जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा नेता सुशील मोदी राजनीति छोड़ कर भविष्यवक्ता बन जाये. इस प्रोफेशन में उनकी झूठ भी खप जायेगी. नयी औद्योगिक नीति से पूरे बिहार के उद्योगपति खुश हैं, लेकिन उनकी खुशी को देखकर सुशील मोदी के कलेजे पर सांप लोट रहा है. अपनी काम के तलाश में सुशील मोदी ने अपने दिमाग को कुंद कर दिया है. वे सिर्फ कमियां निकालने में विश्वास रखते है.
जब पूरा विश्व बदल रहा है. नयी-नयी टेक्नोलॉजी आ रही है तो फिर नयी औद्योगिक नीति में क्या कमी है? जब भी कोई नई नीति बनती है, वो पुराने से बेहतर होती है तब तो उसे लागू किया जाता है. उन्होंने कहा कि नयी औद्योगिक नीति में प्राइवेट इंडिस्ट्रयल एरिया, स्टार्ट अप पॉलिसी और वेंचर कैपिटल खासकर नये मसलों के रूप में शामिल किया गया है. सिंगल विंडो सिस्टम मजबूत और असरदार स्वरूप में होगा. नयी नीति, फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन से लेकर टेक्नोलॉजी पार्क तक की भरपूर आकर्षक गुंजाइश परोसेगी. राज्य में साल 2021 तक निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों के कर्ज के ब्याज पर राज्य सरकार सब्सिडी देगी. ऐसी इकाइयों के बैंक कर्ज के सालाना ब्याज का 10 प्रतिशत तक सरकार प्रतिपूर्ति करेगी. निवेशकों को पांच साल तक वैट समेत राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी टैक्स की प्रतिपूर्ति की जायेगी. औद्योगिक इकाइयों की दो श्रेणियां प्राथमिकता और गैर प्राथमिकता होगी.
निवेशकों को सिंगल विंडो की सुविधा मिलेगी. संजय सिंह ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, छोटे मशीन निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, आइटी, टेक्सटाइल, प्लास्टिक, रबर, अक्षय ऊर्जा, हेल्थ केयर, चमड़ा और इंजीनियरिंग कॉलेज को प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया है. अन्य उद्योग गैर प्राथमिकता वाली सूची में रखे गये हैं. इंडस्ट्रियल पार्क के लिए 25 एकड़ जमीन और आइटी पार्क के लिए तीन एकड़ जमीन जरूरी है. इंडस्ट्रियल पार्क और आइटी पार्क लगाने वालों की ब्याज छूट की सीमा 50 करोड़ होगी. फूड पार्क व टेक्सटाइल पार्क लगाने पर ब्याज सब्सिडी की सीमा परियोजना लागत की 35 प्रतिशत होगी.
प्राथमिकता वाले क्षेत्र में निवेश पर स्टांप ड्यूटी व जमीन के कंवर्जन में छूट दी जायेगी. वहीं बैंक कर्ज के सालाना ब्याज की 10 प्रतिशत की छूट होगी. यह परियोजना लागत की 30 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ होगी. निवेशकों के लिए बिहार में उत्पादित 15 प्रतिशत सामान की खरीद अनिवार्य होगी. महिला, एससी-एसटी, विधवा, एसिड अटैक पीड़ित और थर्ड जेंडर के निवेश करने पर 10 प्रतिशत ब्याज का अतिरक्ति 15 प्रतिशत की छूट होगी.

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