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2167 छात्रों का हाथ से लिख एडमिट कार्ड बनाया
पटना : बिहार बोर्ड की ओर से ली जानेवाली मैट्रिक की परीक्षा स्कूलों द्वारा आयोजित करायी जाती है, लेकिन मैट्रिक 2016 की परीक्षा में सैकड़ों हजारों छात्रों ने इंटर कॉलेज से फॉर्म भर कर एग्जाम दे दिया. हालांकि अब तक 2167 परीक्षार्थियों के मामले सामने आये हैं. पैसे लेकर परीक्षा दिलवाने और पास करवाने के […]
पटना : बिहार बोर्ड की ओर से ली जानेवाली मैट्रिक की परीक्षा स्कूलों द्वारा आयोजित करायी जाती है, लेकिन मैट्रिक 2016 की परीक्षा में सैकड़ों हजारों छात्रों ने इंटर कॉलेज से फॉर्म भर कर एग्जाम दे दिया. हालांकि अब तक 2167 परीक्षार्थियों के मामले सामने आये हैं. पैसे लेकर परीक्षा दिलवाने और पास करवाने के खेल में इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया कि इस गोरखधंधे में फर्जी परीक्षा फाॅर्मों का इस्तेमाल किया गया.
इतना ही नहीं, परीक्षार्थियों को एडमिट कार्ड भी मिल गया और उनके रिजल्ट वेबसाइट पर भी पब्लिश हो गये. अब जाकर समिति कार्यालय को इसकी जानकारी मिली. तब आनन-फानन में बिहार बोर्ड ने उन तमाम परीक्षार्थियों के अंक पत्र रोक दिये. रिजल्ट की पूरी जांच करवायी जा रही है. हो सकता है कि इन तमाम छात्रों के रिजल्ट को रद्द कर दिया जाये. सूत्रों की मानें तो ऐसे छात्रों के एडमिट कार्ड परीक्षा शुरू होने के एक दिन पहले जारी किये गये थे और उनसे 10 हजार रुपये तक लिये गये थे.
सूत्रों की मानें तो पैसे लेकर मैट्रिक का रिजल्ट देने का खेल प्रदेश भर में लगभग दो दर्जन स्कूलों-काॅलेजों में चला. ऐसा ही एक मामला अरवल जिले के डाॅ मुन्नी लाल यादव इंटर कॉलेज, किंजर, नगला का सामने आया है. इस कॉलेज के सौ छात्रों के रिजल्ट को फिलहाल समिति ने रोक दिया है.
रिजल्ट की जांच की जा रही है. इस कॉलेज से मैट्रिक के परीक्षा फाॅर्म भरे गये थे. सौ छात्रों के एडमिट कार्ड को मैट्रिक परीक्षा शुरू होने के एक दिन पहले छात्रों को दिया गया था. इसके लिए हर छात्र से दस हजार रुपये भी लिये गये थे. अब अभिभावक अपना रिजल्ट लेने समिति कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. अभिभावक समर ने बताया कि हमने इतना पैसे खर्च किया, लेकिन रिजल्ट नहीं मिला.
एडमिट कार्ड से लेकर परीक्षा हॉल मैनेज : न रजिस्ट्रेशन करवाया और न परीक्षा फाॅर्म ही भरा. परीक्षा के एक दिन पहले एडमिट कार्ड जारी हुआ. परीक्षा सेंटर पर परीक्षा हॉल भी मैनेज कर लिया. समिति के कर्मचारियों ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन किये ही इन छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति पूर्व अध्यक्ष द्वारा दे दी गयी थी. बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के जब एडमिट कार्ड जारी नहीं हुआ, तो ऐसे में हाथ से लिख कर गलत एडमिट कार्ड बना दिया गया. ऐसे मामले कई कॉलेजों और स्कूलों में हैं.
तो सामने आये मामले : गलत ढंग से एडमिट कार्ड बना कर परीक्षा तो दिला दी गयी, लेकिन कई छात्रों के रिजल्ट में हुए उलट-फेर से मामला फंस गया. ऐसा ही एक छात्र शादमन मल्लिक (रोल नंबर 1600742, रोल कोड 85708) है. इस छात्र की मातृभाषा उर्दू है, लेकिन इसका रिजल्ट हिंदी में जारी कर दिया गया. इसकी शिकायत जब पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सचिव के पास पहुंची, तो एक सप्ताह के अंदर दुबारा रिजल्ट को सही कर वेबसाइट पर जारी कर दिया गया. ऐसा किसी एक छात्र के साथ नहीं, बल्कि हजारों छात्रों के साथ किया गया.
पटना. नौवीं का परीक्षा फाॅर्म भरवाया गया. आॅनलाइन परीक्षा फाॅर्म भरवाने में दो करोड़ रुपये खर्च हुए. परीक्षा फाॅर्म के बाद एडमिट कार्ड समिति कार्यालय में आ गये. परीक्षा की तिथि भी तय हो गयी. लेकिन, अचानक से परीक्षा रद्द कर दी गयी. अब सैकड़ों कार्टन में नौवीं के एडमिट कार्ड ऐसे ही बिहार बोर्ड में रखे हुए हैं. छह महीने से रखे एडमिट कार्ड के ये कार्टन ने अब कूड़े का रूप ले लिया है. समिति कार्यालय के सभी प्रशाखा विंग में इस तरह से यह बिखरे हुए हैं कि कमरे में अंदर जाना भी मुश्किल है.
सैकड़ों छात्र आते हैं काम कराने : हर दिन एक हजार से अधिक छात्र अपना काम कराने समिति कार्यालय आते हैं. इसमें से अधिकतर छात्रों का काम उनके जिलों प्रशाखा में होते हैं. हर दिन प्रशाखा विंग में जाने केलिए छात्रों को लंबा इंतजार करना पड़ता है.
क्योंकि, प्रशाखा में कार्टन होने से अंदर जगह नहीं होती और छात्रों को बाहर ही इंतजार पड़ता होता है. एक छात्र के बाहर आने के बाद ही दूसरे छात्र अंदर जा पाते हैं. इससे प्रशाखा के अंदर और बाहर छात्रों का जमावड़ा लगा रहता है.
नौवीं की परीक्षा के लिए करोड़ों खर्च : नौवीं की परीक्षा के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पांच करोड़ रुपये खर्च कर दिये. संबंधित एजेंसी से परीक्षा आयोजित करने और ऑनलाइन आवेदन के लिए परीक्षा फाॅर्म भरवाने के लिए नयी वेबसाइट बनायी गयी. इसकी तैयारी में समिति के करोड़ों रुपये खर्च हुए. अब समिति इन एडमिट कार्ड काे टेंडर निकाल कर हटाने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर सोमवार को समिति कार्यालय में बैठक भी हुई.
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