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राहत चेक वितरण के दौरान हंगामा खूब चले लाठी-डंडे, जम कर पथराव

बवाल. दीघा आइटीआइ परिसर में लगा था शिविर, अब आरटीजीएस से होगा भुगतान दीघा आइटीआइ परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. सड़क पर अफरातफरी का माहौल कायम हो गया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं. लोगों ने सड़क जाम करने का भी प्रयास किया. पटना : दीघा आइटीआइ परिसर में बने राहत वितरण शिविर […]

बवाल. दीघा आइटीआइ परिसर में लगा था शिविर, अब आरटीजीएस से होगा भुगतान
दीघा आइटीआइ परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. सड़क पर अफरातफरी का माहौल कायम हो गया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं. लोगों ने सड़क जाम करने का भी प्रयास किया.
पटना : दीघा आइटीआइ परिसर में बने राहत वितरण शिविर में सोमवार को जम कर बवाल हुआ. इस दौरान नकटा दियारा के मुखिया भागीरथ राय व पूर्व मुखिया रामअवधेश सिंह यादव के समर्थक आपस में भिड़ गये और जमकर मारपीट हुई. इस दौरान आपस में लाठी-डंडे चले और एक-दूसरे पर पथराव भी किये गये.
इसमें पांच लोगों को चोटें आयी हैं. किसी का सिर फट गया है, तो किसी के हाथ में चोटें लगी हैं. शाम में आइटीआइ परिसर के अंदर व बाहर सड़क रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. सड़क पर अफरातफरी का माहौल कायम हो गया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं. लोगों ने सड़क जाम करने का भी प्रयास किया.
हालांकि, पुलिस के पहुंचने के बाद सड़कों से भीड़ हट गयी और आवागमन सामान्य हो गया. घटना की जानकारी मिलते ही सदर एसडीओ माधव कुमार सिंह, डीएसपी विधि-व्यवस्था शिबली नोमानी के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस, वज्रवाहन पहुंच गये. पुलिस ने आंशिक बल का प्रयोग कर मामले को नियंत्रित कर लिया. लेकिन, चेक वितरण कार्यक्रम बंद कर दिया गया. कुछ लोगों ने फायरिंग की भी अफवाह उड़ा दी. हालांकि, पुलिस ने फायरिंग से इनकार किया है.
फर्जी लोगों के बीच चेक वितरण का आरोप लगा दो पक्ष आपस में भिड़े : सोमवार को आइटीआइ परिसर में बाढ़ पीड़ितों के बीच सीओ की देखरेख में राहत राशि का चेक वितरित किये जा रहे थे.
नकटा दियारा के मुखिया भागीरथ राय वहां मौजूद थे. इसी बीच पूर्व मुखिया रामअवधेश सिंह यादव के समर्थकों ने राहत राशि वितरण में गड़बड़ी व गलत लोगों को चेक देने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. लोगों का आरोप था कि जो बाढ़ पीड़ित नहीं हैं, उन्हें ही राहत राशि दी जा रही है. इस दौरान उन लोगाें की नोंक-झोंक मुखिया समर्थकों से हो गयी और बात बढ़ गयी. इसके बाद दोनों ओर से मारपीट व पथराव शुरू हो गया. इस कारण भगदड़ की स्थिति हो गयी. करीब दो घंटे के हंगामे के बाद मामले को नियंत्रित किया जा सका.
मोकामा. मोकामा में बाढ़ पीड़ितों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को जाम कर दिया. बाढ़ पीड़ितों ने मोकामा थाना क्षेत्र के बरहपुर गांव के पास राहत वितरण में अनियमितता, लापरवाही, भेदभाव व भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एनएच-31 को जाम कर यातायात पूरी तरह ठप कर दिया.
बाढ़ पीड़ितों का आरोप था कि प्रशासन राहत देने के बदले वैसे लोगों को मुआवजा दे रही हैं, जिनके घर बाढ़ का पानी गया भी नहीं था. प्रशासन की ओर से राहत अनुदान राशि वितरण में अनियमितता से नाराज लोगों ने नारेबाजी भी की. बरहपुर वार्ड संख्या दो-तीन के दर्जनों परिवारों ने दो घंटे से अधिक समय तक सड़क यातायात को ठप रखा. दो घंटे तक जाम रहने के कारण एनएच-31 पर दोनों तरफ से गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी. बाढ़ प्रभावित लोगों का आरोप था कि पैसे लेकर आपदा का मुआवजा दिया जा रहा है.
बरहपुर निवासी संजय बिंद, मुकेश निषाद सहित अन्य ने बताया कि प्रशासन की ओर से रोजाना सूची बनायी जा रही है. लेकिन, प्रभावित परिवारों को अनुदान की राशि नहीं मुहैया करायी जा रही है. जाम की सूचना मिलने के बाद मोकामा सीओ जयकृष्ण प्रसाद और मोकामा इंस्पेक्टर संदीप कुमार सिंह ने लोगों को समझा-बुझा कर शांत कराया और जाम को समाप्त कराया. मोकामा थानाध्यक्ष ने बताया कि जाम करनेवाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

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