22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पांच साल बाद भी नहीं हो सकी फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति

पटना: पांच साल बीत गये, लेकिन सरकारी अस्पतालों में फिजियोथेरेपिस्ट व ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट की नियुक्ति नहीं हो पायी. विज्ञापन जारी होने के बाद 132 लोग चयनित हुए. काउंसेलिंग की प्रक्रिया भी पूरी हो गयी. इसके बावजूद नियुक्ति नहीं हुई. इनमें से कईयों की उम्र भी बीत गयी. इनमें से कुछ ने पटना हाइकोर्ट में अवमाननावाद […]

पटना: पांच साल बीत गये, लेकिन सरकारी अस्पतालों में फिजियोथेरेपिस्ट व ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट की नियुक्ति नहीं हो पायी. विज्ञापन जारी होने के बाद 132 लोग चयनित हुए. काउंसेलिंग की प्रक्रिया भी पूरी हो गयी.

इसके बावजूद नियुक्ति नहीं हुई. इनमें से कईयों की उम्र भी बीत गयी. इनमें से कुछ ने पटना हाइकोर्ट में अवमाननावाद का मुकदमा दायर कर रखा है. इस मामले की अभी सुनवाई नहीं हो पायी है. इधर, पटना उच्च न्यायालय ने एक दूसरे कोर्ट का हवाला देते हुए पूर्व के विज्ञापन को रद कर दिया गया है.

नये विज्ञापन जो जारी हुए, उसमें तीन दिनों के भीतर नियुक्ति करने की तिथि तय की गयी है. मामला राज्य स्वास्थ्य समिति से जुड़ा है. समिति ने 12 अगस्त, 2008 को मानदेय के आधार पर फिजियोथेरेपिस्ट और ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किये थे. आवेदकों की शॉर्टलिस्टिंग के बाद पैनल को 31 दिसंबर, 2009 तक प्रभावी रखा गया था. बाद में इस विज्ञापन में संशोधन किया गया. फिर पैनल की अवधि मार्च, 2011 तक बढ़ा दी गयी. पैनल में अंकित आवेदकों की दो दिन 11 अक्तूबर, 12 अक्तूबर, 2012 और 18 एवं 19 अक्तूबर, 2012 को काउंसेलिंग की गयी. सभी आवेदक काउंसेलिंग में उपस्थित हुए. काउंसेलिंग के बाद सबको नियुक्ति पत्र मिलना था. लेकिन, काउंसेलिंग के बाद संचिका नहीं बढ़ी और नियुक्ति पत्र नहीं बांटे गये. इस संबंध में पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका सीडब्लयूजेसी 19665/2012 में अदालत ने 31 मार्च, 2011 तक पैनल के प्रभावी रहने की सरकारी आदेश की बात स्वीकार नहीं की.

साथ ही विभाग की ओर से जा रही काउंसेलिंग में हस्तक्षेप भी नहीं किया. इसके बाद अक्तूबर, 2013 में इस पैनल को मार्च, 2014 तक बढ़ा दिया गया. एक कमेटी गठित की गयी, जिसने सभी आवेदकों के प्रमाणपत्र एवं फिजियोथेरेपी के लिए आवश्यक उपकरण चलाने की दक्षता की भी जांच करने को कहा. लेकिन, इसके बाद कार्रवाई लंबित है. इस मामले में पटना उच्च न्यायालय में एक और मामला दायर हुआ. इसमें अदालत ने पूर्व के पैनल को निरस्त कर नये सिरे से विज्ञापन निकाल कर पदों को भरने का निर्देश दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें