आज प्रशांत भूषण दायर करेंगे याचिका, सरकार भी ले रही राय
पटना : बिहार सरकार राजद के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष जोरदार तरीके से रखेगी. सूत्र बताते हैं कि इस बात की सहमति बनी है कि शहाबुद्दीन की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जायेगी और कोर्ट में सरकार अपना पक्ष पूरी मुस्तैदी से रखेगी. सरकार इसके लिए विधि विशेषज्ञों से राय लेने जा रही है.
इधर खबर है कि वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ याचिका दायर करने जा रहे हैं. प्रशांत भूषण के एक प्रतिनिधि ने बुधवार को तेजाबकांड में मारे गये दो सगे भाइयों के पिता चंदकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू से सीवान में मुलाकात की है.
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक शहाबुद्दीन को लेकर सरकार कोई नरमी नहीं बरतेगी हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में अपील करने को लेकर बुधवार को सरकार का कोई भी नुमाइंदा मुंह खोलने को राजी नहीं हुआ. लेकिन, सूत्र बताते हैं कि सरकार ने महाधिवक्ता से इस संबंध में प्रारंभिक तौर पर विचार विमर्श किया है. विधि विशेषज्ञों की राय के मुताबिक सरकार अगला कदम उठायेगी.
अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि सरकार को पहले अगले कदम का निर्णय करना है. मगर इस संबंध में अब तक कोई ऐसी बात मेरे ध्यान में नहीं लायी गयी है. दूसरी ओर जदयू नेताओं ने खुल कर कहा कि सरकार अभी तक अपराध के मामले में जीरो टाॅलरेंस का रास्ता अपनाते रही है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि शहाबुद्दीन मामले में राज्य सरकार अपना राजधर्म निभायेगी. उन्होंने खुल कर कहा कि गुरुवार को प्रशात भूषण याचिका दायर कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में कोई भी जानकारी मांगेगी, तो सरकार मजबूती से अपना पक्ष रखेगी.
उन्होंने कहा कि सरकार पहले भी किसी अपराधी को नहीं बचायी है, इस मामले में भी नहीं करेगी. सारे काम होंगे, जिनसे सरकार के इकबाल पर आंच नहीं आयेगी. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में यह स्थापित प्रक्रिया रही है कि अगर कोई राज्य किसी की जमानत से संतुष्ट नहीं है, तो वह ऊपरी अदालतों में अपील कर सकता है. पहले भी ऐसा हुआ है और शहाबुद्दीन के वर्तमान मामले में भी इसका पालन हो सकता है.’
उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में संबंधित जिला प्रशासन प्रस्ताव तैयार करता है कि अगर जमानत की किसी शर्त का उल्लंघन हुआ है, तो जमानत रद्द कराने की अपील होती है. इधर, सरकारी सूत्र बताते हैं कि सीवान के तेजाबकांड के एकमात्र चश्मदीद गवाह राजीव रोशन की हत्या के मामले में पटना हाइकोर्ट से शहाबुद्दीन की जमानत के आदेश और 10 सितंबर को रिहाई के बाद भागलपुर जेल से सीवान की यात्रा के तमाम फुटेज खंगाले जा रहे हैं और सीवान में भी उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
हालांकि, सरकार का यह फैसला अभी तक गृह विभागों की फाइलों तक नहीं पहुंचा है. साथ ही गृह विभाग के कोई भी आला अधिकारी इस बात को लेकर कुछ भी कहने को फिलहाल तैयार नहीं हैं. इस सरकारी आदेश को अमलीजामा पहनाने के लिए गृह विभाग इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करके विधि विभाग को भेजेगा. तब जाकर वहां से परामर्श के साथ इसकी स्वीकृति मिलने के बाद ही सरकार सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सांसद के खिलाफ जाने के लिए पूरी तरह से सक्षम हो पायेगी. कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इस मामले में ठोस रूप से पहल हो पायेगी.
पत्रकार राजदेव हत्याकांड में पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के खिलाफ नोटिस जारी कर पूछताछ की जायेगी. सीवान के एसपी सौरभ कुमार साह ने कहा कि इससे संबंधित प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
एक-दो दिनों में मो शहाबुद्दीन के खिलाफ नोटिस जारी कर पूछताछ की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. उनके काफिले में पत्रकार हत्याकांड में संदिग्ध और कई मामलों में वांछित मो कैफ के देखे जाने से संबंधित बातों पर खासतौर से पूछताछ की जायेगी. मो कैफ जिस तरह से उनके साथ खड़ा था, इससे साफ जाहिर होता है कि वह उनका करीबी रहा है. इन तमाम मामलों पर पूछताछ कर शहाबुद्दीन का पक्ष जाना जायेगा. एसपी ने बताया कि इससे पहले मो कैफ की गिरफ्तारी की जायेगी. इसके लिए विशेष अभियान शुरू किया जायेगा. गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से गुरुवार को वारंट प्राप्त कर लिया जायेगा. इसके बाद कुर्की-जब्ती समेत अन्य कानूनी प्रक्रिया भी शुरू की जायेगी. पुलिस जल्द ही मो कैफ को गिरफ्तार कर लेगी.
पत्रकार हत्याकांड को सीबीआइ ने किया टेकओवर
पटना : अब सीवान के पत्रकार हत्याकांड मामले की जांच सीबीआइ करेगा. चार माह बाद बुधवार को सीबीआइ ने इस मामले की जांच को अपने जिम्मे लेने से संबंधित राज्य के गृह विभाग के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी. हालांकि, इससे संबंधित लिखित सहमति पत्र सीबीआइ की तरफ से गुरुवार को गृह विभाग में प्राप्त होने की संभावना है. सीबीआइ सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मामले को अपने अधीन (टेक ओवर) लेने के बाद जल्द ही सीबीआइ इस मामले से जुड़ी पुलिस की तरफ से अब तक की हुई तमाम जांच और अन्य अहम कागजात व फाइलों को अपने पास मंगवायेगा. इसके लिए सीबीआइ की एक विशेष टीम जल्द ही बिहार पुलिस और सीवान जानेवाली है. इसके साथ ही सीबीआइ की जांच पूरी तरह से शुरू हो जायेगी.
13 मई को सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद उनके परिजनों की मांग पर राज्य सरकार ने 16 मई को केंद्र से मामले की सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी. हालांकि, इस मामले में सीवान जिला पुलिस सभी पांच शूटरों और मुख्य साजिशकर्ता लड्डन मियां को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि, अभी तक यह नहीं स्पष्ट हुआ है कि लड्डन ने किसके आदेश पर पूरी हत्याकांड को प्लान कर अंजाम दिया था. साथ ही पत्रकार की हत्या का मुख्य कारण क्या है, यह अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है.
किस बात की दुश्मनी के कारण इस घटना को अंजाम दिया गया, इसका पता सीबीआइ जांच में साफतौर पर सामने आने की संभावना है. इस बात के कयास लगाये जा रहे हैं कि हत्या के मामले की प्लानिंग जेल में हुई थी और वहीं से इस घटना को अंजाम देने से जुड़ा आदेश जारी किया गया था. यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि इस हत्याकांड में राजनीतिक षड्यंत्र और पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन की भी संलिप्तता है. जिला पुलिस की जांच में अभी तक इन बातों से जुड़े कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं और न ही कोई ठोस सबूत ही हाथ लगे हैं. इन तमाम बातों का खुलासा सीबीआइ जांच में होने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है. सीबीआइ की तरफ से जांच करने की सहमति मिलने से इस बहुचर्चित हत्याकांड के कई अनसुलझे पहलुओं से परदा हटने की संभावना है और कई मुख्य लोगों के सामने आने की भी पूरी उम्मीद जतायी जाने लगी है.
सीवान में कैफ व उसके साथियों की तलाश में छापेमारी
सीवान : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में संलिप्त नगर थाने के दक्षिण टोला निवासी अपराधी कैफ शमशीर उर्फ बंटी व उसके तीन साथियों के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
मंगलवार की रात नगर थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने स्थानीय थानों व एसटीएफ की मदद से कैफ उर्फ बंटी व उसके तीन अन्य साथी जिम्मी, जावेद और प्रिंस को गिरफ्तार करने के लिए शुक्ल टोली व दक्षिण टोला मोहल्ले में छापेमारी की. हालांकि, कोई भी पुलिस की पकड़ में नहीं आया. पुलिस का मानना है कि मंगलवार को आरोपितों से संबंधित खबर जब मीडिया में प्रमुखता से चली, तो वे गिरफ्तारी की डर से भूमिगत हो गये हैं. हालांकि, पुलिस अब भी उनकी गिरफ्तारी के लिए लगी हुई है. वहीं रंगदारी मांगने व जान से मारने की धमकी के एक मामले में नगर थाना पुलिस ने बुधवार की देर शाम दक्षिण टोला मुहल्ला में पहुंच कर मोहम्मद कैफ के दरवाजे पर गिरफ्तारी का वारंट चिपकाया़
कैफ पर नौ मामले, कोर्ट से जारी हुआ वारंट
पुलिस ने जब कैफ के अापराधिक इतिहास को खंगालना शुरू किया, तो पता चला कि उस पर करीब नौ मामले दर्ज हैं. तीन मामले तो दो-तीन महीनों में नगर थाने में दर्ज हुए हैं. इनमें दो मामले रंगदारी के हैं. इसके अलावा पुलिस पुराने रेकॉर्ड को खंगालने में जुटी है. कैफ पर जितने मामले हैं, उनमें करीब आधे मामलों में वह कोर्ट से जमानत ले चुका है. शेष मामलों में पुलिस को उसकी तलाश है.
इधर, बुधवार को कांड संख्या 457/16 में कैफ व उसके तीन अन्य साथियों के खिलाफ कोर्ट में वारंट के लिए आवेदन दिया गया है. नगर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि कैफ उर्फ बंटी, जिम्मी, जावेद और प्रिंस की गिरफ्तारी के लिए मंगलवार की रात दखिन टोला व शुक्ल टोली में छापेमारी की गयी, लेकिन कोई पकड़ा नहीं जा सका. चारों अपराधियों को नगर थाने की पुलिस को विभिन्न कांडों में तलाश है.
हजारों लोग रोज मिलते हैं, मैं नहीं जानता कौन है अपराधी : तेज प्रताप
पटना. व्हाटसएप पर सीवान के शूटर मो कैफ के साथ स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की तसवीर वायरल हुई है. तेज प्रताप यादव राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे हैं.
तेज प्रताप यादव के साथ शूटर का फोटो वायरल होने के बाद राजद जहां बचाव की मुद्रा में है, वहीं तेज प्रताप यादव के छोटे भाई और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने तेज प्रताप के इस्तीफे की किसी भी संभावना से इनकार करते हुए कहा कि किसी के माथे पर उसके अपराधी होने की बात नहीं लिखी हाेती. हमलोग राजनीति में हैं, पब्लिक फिगर हैं. हर दिन हजारों लाेग मिलते हैं.
किसी के माथे पर उसके अपराधी होने की बात तो लिखी नहीं होती है. उधर, आरोपों से घिरे स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप ने कहा कि यह भाजपा और उनके विरोधियों की साजिश है. मैं रोजाना हजारों लोगों से मिलता हूं. अब सामनेवाला कौन है, उसका नाम और कर्म तो हम जानते नहीं. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की तसवीरें आसाराम बापू और सेक्स रैकेट चलाने के आरोपित टीनू जैन समेत कई दागी लोगों के साथ वायरल हुई हैं. वह क्यों नहीं इस्तीफा दे देते?
पहले राजद को दो टूक कहा, अब तेज प्रताप के बचाव में आये चौधरी
पटना. शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ अशोक चौधरी महागंठबंधन को लेकर मंगलवार को दिये अपने बयान पर कायम दिखे. साथ ही उन्होंने शूटर मो कैफ के साथ फोटो को लेकर स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव का बचाव भी िकया. बुधवार को उन्होंने एक बार फिर कहा कि मुझे जो कहना था, वह कह चुके हैं. एक बार जब कह दिया, तो उसे बार-बार क्या दोहराना. राजद की ओर से उनके बयान पर की गयी आपत्ति पर डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि सबकी अपनी-अपनी भावना होती है.
साथ ही सभी को अपनी-अपनी बात रखने का भी अधिकार है और आजादी है. साथ ही शिक्षा मंत्री ने शार्प शूटर मो कैफ के साथ फोटो वायरल होने पर स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव का बचाव किया है. उन्होंने कहा, यह कोई बड़ी बात नहीं है. हर दिन सैकड़ों लोग साथ में आकर फोटो खिंचवाते हैं. किसी के माथे पर तो नहीं लिखा होता है कि वह अपराधी है. कल को किसी कार्यक्रम में मेरे साथ या फिर भाजपा नेता सुशील मोदी के साथ ही कोई फोटो खिंचवा ले और बाद में पता चले कि वह अपराधी है, तो क्या मैं व सुशील मोदी अपराधी हो जायेंगे.