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पुनपुन बाजार में पानी,कई गांव जलमग्न
बाढ़ का कहर. सुरक्षा तटबंधों से हो रहा िरसाव, लोगों में दहशत का माहौल पुनपुन नदी कहर बरपा रही है. मंगलवार से पटना सुरक्षा तटबंध पर काफी दबाव बढ़ने लगा है. मसौढ़ी : एक माह के अंदर दूसरी बार पुनपुन प्रखंड के लोगों को पुनपुन नदी का विकराल रूप देखने को मिला. पुनपुन नदी के […]
बाढ़ का कहर. सुरक्षा तटबंधों से हो रहा िरसाव, लोगों में दहशत का माहौल
पुनपुन नदी कहर बरपा रही है. मंगलवार से पटना सुरक्षा तटबंध पर काफी दबाव बढ़ने लगा है.
मसौढ़ी : एक माह के अंदर दूसरी बार पुनपुन प्रखंड के लोगों को पुनपुन नदी का विकराल रूप देखने को मिला. पुनपुन नदी के जल स्तर में लगातर हो रही वृद्धि से पटना सुरक्षा बांध पर दबाव बढ़ने लगा है .मंगलवार की शाम पुनपुन के बकपुर के समीप बांध में रिसाव शुरू हो गया. जिसे भरने के प्रयास किया जा रहा है. अभी एक माह भी नहीं हुआ था कि लगातार दूसरी बार बाढ़ ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है .
वहीं, स्थानीय प्रशासन इससे निबटने एवं पीड़ितों को ससमय राहत पहुंचाने में विफल साबित हो रहा है . इधर, मंगलवार की सुबह प्रखंड के सहवाजपुर के पास तटबंध टूटने से उफरौल, भभौल, चेथौल व चकिया में पानी घुस गया है. गौरतलब है कि पूर्व से प्रखंड की लखना पूर्वी, लखना उत्तरी-पश्चिमी ,लखनपार ,अकौना, बरावां एवं बेहरावां पंचायत के दर्जनों गांव के लोग बाढ़ से परेशान हैं. सात दिनों में पुनपुन खतरे के निशान से 196 सेंटी मीटर ऊपर पहुंची. सोमवार की शाम जाहिदपुर के पास पुनपुन नदी का पानी बाजार में प्रवेश कर गया है. पुनपुन स्थित रामानंद -रामगोविंद सिंह पार्क से लेकर मनोहर गुमटी तक पानी फैल गया है.
मनोहर गुमटी से नदी घाट की ओर आनेवाला मार्ग भी बंद हो गया है.उधर, कल शाम से ही पुनपुन नदी घाट से सटे बाजार के कुछ हिस्साें में पानी प्रवेश कर जाने से बाजार का आधा हिस्सा इससे पीड़ित है.
इधर, पुनपुन के लखना बाजार के समीप. जहां बाढ़ के पानी के बीच से चिंनगारी के साथ धुआं निकलने की खबर थी.वहीं बाढ़ का पानी पुनपुन नदी घाट के ऊपर आ जाने से गुरुवार से होनेवाले अंतराष्ट्रीय पितृपक्ष मेले को लेकर आयोजकों के साथ साथ प्रशासन भी परेशान है
घाट के अलावा यात्री शेड में भी पानी रहने से पिंडदान के लिए पार्क के दक्षिणी हिस्से में नवनिर्मित घाट के छोटे हिस्से में व्यवस्था आयोजकों के तरफ से की जा रही है.
पटना . बाढ़पीड़ित क्षेत्रों का निरीक्षण मंगलवार को डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने किया और पुनपुन नदी तटबंध एवं अन्य क्षेत्रों का स्थल निरीक्षण करने के बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को पुनपुन के सुरक्षा बांध पर सतत निगरानी रखने का निर्देश दिया है.
उन्होंने सुरक्षा बांध के कमजोर स्थलों को चिह्नित कर उसकी मरम्मत करने को कहा और किसी भी हाल में बांध कहीं से टूटे नहीं इसको लेकर निर्देश दिया. इसके पूर्व प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन के साथ हवाई सर्वेंक्षण भी किया और उन गांवों में राहत कैंप चलाने का निर्देश दिया है, जहां अब भी पानी भरा हुआ है.
मसौढ़ी : पूरे पुनपुन प्रखंड मे बाढ़ ने तबाही मचा रखी है. लोगों का जीना मुहाल हो गया है. चारों तरफ पानी से घिरे लोगों की जिंदगी ठहर गयी है, लेकिन मुख्यमंत्री इन सब के बीच अपने महागंठबंधन के नेताओं से ज्यादा परेशान चल रहे हैं. उक्त बातें केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने पुनपुन में कहीं. वे मंगलवार को पुनपुन के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे. इस दौरान वे मोटरसाइकिल पर सवार होकर दौरा करते नजर आये फुलवारीशरीफ : फुलवारी शरीफ प्रखंड के बघपुर , शिव नगर , सलारपुर , धनकी , महुआबाग व सकरैचा समेत पुनपुन प्रखंड के दर्जनों इलाके बाढ़ से पीड़ित हैं. इन बाढ़ग्रस्त इलाकों का मंगलवार को फुलवारीशरीफ के विधायक श्याम रजक ने दौरा किया. विधायक श्याम रजक ने बताया कि नाव से बाढ़पीड़ित गांवों में गये और वहां अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया.
उन्होंने बताया कि पीड़ितों के बीच सूखा अनाज वितरित कराया . मुसनापर में बाढ़ में डूब कर प्रिंस की मौत के बाद उसके घर जाकर उसकी मां रेखा देवी को चार लाख का चेक मुआवजे के रूप में दिया गया.
पटना : बाढ़ का पानी निकलने के बाद अब बारिश के पानी से गंगा, सोन व पुनपुन का जल स्तर बढ़ गया है. कई गांवों में फिर से पानी जमा हो गया है. लेकिन, गांवों में स्वास्थ्य शिविर बंद कर दिया गया है. दियारा, मनेर, बख्तियारपुर, दानापुर, फतुहा के इलाकों में ठीक से ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी नहीं किया गया है. जबकि, इन इलाकों में डायरिया, पीलिया व डेंगू के फैलने का खतरा बरकरार है.
निर्देश का नहीं हो रहा ठीक से पालन : गांव में बीमारियां नहीं फैले इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से सिविल सर्जन को एक माह पूर्व दिशा-निर्देश दिये गये थे. बावजूद गांवों में दवा और ब्लीचिंग पाउडर की कमी है. ऐसे में इन गांवों में डायरिया, पीलिया व स्कीन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिन्हें देखने वाला कोई नहीं है. अगर अचानक से मौसम में बदलाव हुआ, तो गरमी बढ़ेगी और डायरिया, पीलिया, स्कीन व डेंगू के मरीज बढ़ जायेंगे.
इन इलाकों से नहीं निकला पानी, फसल हो रही बरबाद
पटना : शहरी क्षेत्र में भी बारिश के बाद जलजमाव है, जिसे निकलने में काफी समय लगेगा. ऐसे में राहत कैंप में चलने वाले शिविरों को बंद कर दूसरे जगहों पर खोला भी नहीं गया है. ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी नहीं हो रहा है. इन इलाकों में भी अगर बारिश का पानी 10 दिनों तक रह गया, तो बीमारियां फैलने में देर नहीं लगेंगी.
बख्तियारपुर : पुनपुन का पानी टाल क्षेत्र के आधे से अधिक फसलों को बरबाद कर चुकी है. टाल में धान, मकई, अरहर व कई तरह की सब्जियां उपजाई जाती हैं, जो अधिकांश पानी में डूब गयी हैं. यहां के तीन पंचायत अब भी पूरी तरह से जलमग्न हैं. इन जगहों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव न का बराबर हो रहा है. सरकारी अस्पतालों में भी दवाएं नहीं हैं.
मनेर : गंगा का कटाव जारी है. यहां नये इलाकों में गंगा का पानी नहीं आया है, लेकिन बारिश के पानी से जलजमाव की समस्या है, जिसे निकलने में समय लगेगा. यहां भी जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से ब्लीचिंग पाउडर का छिड़का नहीं हो रहा है. गंगा का पानी अब बदबू देने लगा है. यहां के अस्पताल में दवा के नाम पर कुछ नहीं है. अगर कोई बच्चा बीमार होता है, तो उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है.
दानापुर : दियारे से काफी हद तक पानी निकल गया है, लेकिन बारिश से पानी का स्तर कहीं-कहीं बढ़ा है.यहां भी स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. गंदगी वाले स्थानों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं हो रहा है. स्वास्थ्य शिविर बंद कर दिये गये हैं. यहां के लोगों के मुताबिक जिला प्रशासन के लोग भी अब मुआयना करने नहीं आते हैं.
फतुहा : पुनपुन का पानी स्थिर होने के बाद भी यहां के लोगों को राहत नहीं मिली है. जलजमाव से होनेवाली बीमारियों से बचाव को लेकर कोई काम नहीं हो रहा है. बारिश से कई जगहों पर तेजी से जलजमाव फिर से हो गया है. इन जगहों से पानी निकलने में समय लगेगा.
बाकरचक चमरडीह रोड पर चढ़ा पानी
अलावलपुर : अलावलपुर पंचायत के बाकरचक से चमरडीह जाने वाली सड़क व गौरीचक से जमालपुर जाने वाली सड़क पर दरधा नदी का पानी चढ़ जाने से लोग परेशान हैं. इस संबंध में पूर्व उपप्रखंड प्रमुख शत्रुंजय प्रसाद सिंह व पंचायत समिति सदस्य लाला भगत ने बताया कि पिछले चार दिनों से उक्त सड़क पर पानी चढ़ जाने से आवागमन प्रभावित है व जमालपुर, यमुनापुर चमरडीह, बाकरचक गांव पूरी तरह बाढ़ के पानी से घिर गया है.
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