पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक बार फिर पूरी मजबूती के साथ कहा कि शराबबंदी के मामले पर चाहे कलम की स्याही खत्म हो जाये या फिर कलम की नीब टूट जाये लेकिन हम टूटने वाले नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लोगों की इच्छा पर लागू की गयी है. उन्होंने कहा कि उन्होंने लोक भावना से अभिभूत होकर इसे लागू किया है. इतना ही नहीं उन्होंने शराबबंदी के विरोधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे अपनी बात किसी पर थोपते नहीं. मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि इस मामले पर उनकी स्थिति 32 दांत के बीच स्थित जीभ की तरह है. पूरे देश में लीकर लॉबी परेशान हो गयी है. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि दो चार पैग के पीछे इतने अच्छे और बड़े अभियान को डिस्टर्ब ना करें.
अभियान लागू कर मिली सबसे बड़ी संतुष्टि
उन्होंने कहा कि अपने सार्वजनिक जीवन में इतना संतोष कभी नहीं मिला जितना संतोष शराबबंदी कानून लागू कर मिला है. शराब से एक्साइज विभाग को पांच हजार करोड़ की आय होती थी. यह पैसा अमृत नहीं था. यह अनैतिक धन था. सीएम ने कहा कि बचपन से ही शराब के खिलाफ रहे हैं. सीएम मंगलवार को पटना में शराबबंदी से जुड़े एक कार्यक्रम में ग्रामीण चिकित्सकों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि शराबबंदी का कानून की आलोचना करने वाले इसे ड्रेकोनियन कानून बता रहे हैं. पूरे देश में कोई यह देख सकता है कि किस राज्य में मानवाधिकार कानूनों का सबसे अधिक पालन हो रहा हैं. बिहार मानवाधिकार कानून का पालन करने में सबसे ऊपर है.
कमी दिख रही है तो लोग सुझाव दें-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कानून बन गया है तो इसका पालन होगा. उन्होंने कहा कि गोपालगंज की जहरीली शराब घटना की अधिकारियों द्वारा कहने के बाद भी दोबारा जांच करायी गयी. इस कानून में किसी को फंसाना आसान नहीं है. उसकी भी व्यवस्था की गयी है. लोगों को इसमें कोई कमी दिख रही है तो वे सुझाव दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि एकाध जगह शराब पकड़ी जाती है तो लोग कहते हैं कि शराबबंदी फेल हो गयी. उन्होंने कहा कि बाहर से पीकर आने वाले लोगों की व्रेथ एनालाइजर से जांच की जायेगी. कार्यक्रम में उन्होंने ग्रामीण चिकित्सकों से आह्वान किया कि वे शराबबंदी के पक्ष में काम करें और लोगों को जागरूक बनायें. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण चिकित्सकों को कहा कि वे दोनों हाथ उठाकर शराब नहीं पीने की कसम खाएं. इस मौके पर ग्रामीण डॉक्टरों के अलावा भारी संख्या में लोग मौजूद थे.