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फिजियोथेरेपिस्ट को भी डॉक्टर का दर्जा
सौगात. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एलान, हर पीएचसी में बहाल होंगे एक-एक फिजियोथेरेपिस्ट समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वे हीन भावना से उबरें और शुरू से ही फिजियोथेरेपी और अकुपेशनलथेरापी की पढ़ाई करें और इसे अपनाएं. पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी व […]
सौगात. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एलान, हर पीएचसी में बहाल होंगे एक-एक फिजियोथेरेपिस्ट
समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वे हीन भावना से उबरें और शुरू से ही फिजियोथेरेपी और अकुपेशनलथेरापी की पढ़ाई करें और इसे अपनाएं.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी व अकुपेशनलथेरेपी, कंकड़बाग के परिसर में आयोजित समारोह में कहा कि प्रदेश के फिजियोथेरेपिस्ट को अब डॉक्टर का दर्जा मिलेगा. साथ उनकी रिटायरमेंट की उम्र भी 60 साल से बढ़ायी जायेगी. इसके अलावा हर पीएचसी में एक-एक फिजियोथेरेपिस्ट की तैनाती की जायेगी.
उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी व अकुपेशनल थेरेपी करने वाले पारा स्टॉफ नहीं है. वे भी एमबीबीएस, एमडी, एमआरसीपी, एफआरसीपी की तरह डिग्री लेते हैं. उन्हें भी डॉक्टर का दर्जा मिलना चाहिए, राज्य में फिजियोथेरेपी का एक कॉलेज हैं और हर साल वहां 40 छात्र-छात्राओं का एडमिशन होता है. यह काफी नहीं है. इसके संस्थानों अौर सीटों की संख्या बढ़ेगी. इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि दूसरे डॉक्टर्स की रिटायरमेंट की उम्र सीमा 67 साल है, जबकि फिजियोथेरेपिस्ट की 60 साल ही सेवानिवृत्ति की उम्र है.
इसे भी बढ़ाया जायेगा. इसके लिए उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है. राज्य स्तरीय काउंसिल का भी गठन होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है और हो रहा है. जब तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फिजियोथेरेपिस्ट को बैठा नहीं देंगे तब तक सभी की सेवा नहीं कर सकते हैं. बगैर फिजियोथेरेपिस्ट के यह काम पूरा नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर. के. महाजन को इस मामले को देखने को कहा तो उन्होंने कहा कि जल्द ही यह दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी व अकुपेशनलथेरापी की छात्राओं के लिए अलग से हॉस्टल बनाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि हम पीएमसीएच को वर्ल्ड क्लास का मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बनाना चाहते हैं.
इसके लिए क्या करना होगा और ये कैसे बन सकता है, इसके लिए तो जो वहां काम कर रहे हैं उन्हें ही प्रस्ताव देना होगा. न तो हम, न तेज प्रताप जी या फिर महाजन जी इसका प्रस्ताव तो नहीं दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि आइजीआइएमएस के मेडिकल की पढ़ाई शुरू की गयी. एम्स की स्थापना हुई. फिलहाल वह जैसा होना चाहिए ,वैसा नहीं बन सका है. सीएम ने कहा कि बिहार में चिकित्सा सुविधा में विस्तार हुआ है. जब काम नहीं हुआ था तो कोई कुछ नहीं कहता था, लेकिन जब काम हुआ है तो लोग दूरबीन लगाकर खामी निकालते हैं. मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वे हीन भावन से उबरें और शुरू से ही फिजियोथेरेपी व अकुपेशनलथेरेपी की पढ़ाई करें और इसे अपनाये. अभी वे बनना तो कुछ और चाहते हैं, लेकिन उसमें नहीं होने पर अंत में फिजियोथेरेपी में आते हैं.
उन्होंने कहा कि आज लोग अस्वस्थ होने पर फिजियोथेरेपी अपनाती हैं. लोगों को स्वस्थ्य रहते और जवानी से ही व्यायाम, योग करना चाहिए. फिजियोथेरेपी भी इसी का एक हिस्सा है. योग-व्यायाम का प्रचार होना चाहिए और युवाओं को इसे अपने जीवन का अंग बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों की औसत आयु बढ़ रही है. अभी 67 साल हो गयी है. पहले लोगों को तकलीफ (बीमारी) होती थी तो चले (मर) जाते थे, लेकिन अब तकलीफ झेलना पड़ता है.
समारोह में पद्मश्री डॉ. गोपाल प्रसाद सिंह, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर. के. महाजन और कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ. किशोर कुमार ने भी अपने विचार रखे. इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव मौजूद थे.
सीएम के जाते ही हंगामा, नाम के बाद भी नहीं मिले अवार्ड : कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे ही कार्यक्रम से गये, उसके बाद फिजियोथेरेपिस्ट के डॉक्टरों व छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा इतना अधिक बढ़ गया कि कुछ लोग कार्यक्रम को बायकाट करने की बात कहने लगे. डॉ प्रेम प्रकाश शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के मौके पर कई डॉक्टरों को सम्मानित किया गया. लेकिन, कुछ ऐसे भी डॉक्टर व टॉपर छात्र थे, जिनका नाम होने के बाद भी उनको अवार्ड नहीं मिल सका.
पुराने पैनल से बहाल हों आयुष चिकित्सक : डॉ मधुरेंदु
आयुष मेडिकल एसोसिएशन ने मांग किया आयुष चिकित्सकों की बहाली पुराने पैनल से किया जाये. एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मधुरेंदु पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत संविधा के आधार पर आयुष चिकित्सकों की बहाली वर्ष 2009 में की गयी थी. उस समय लिखित परीक्षा के आधार पर पैनल तैयार किया गया था. कोर कमेटी ने सरकार से मांग किया कि नियुक्ति उसी पैनल के आधार पर की जाये.
कई डॉक्टर हुए सम्मानित
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ. यूडी तिवारी व डॉ. सरयू प्रसाद को लाइफ टाइम एचिवमेंट अवार्ड दिया. इनके अलावा डॉ. किशोर कुमार, डॉ. पीपी सिंह, डॉ. नरेंद्र कुमार सिन्हा, डॉ. प्रियदर्शी आलोक, डॉ. अभय कुमार जायसवाल, डॉ. उमा शंकर सिन्हा, डॉ. विनय पांडेय, डॉ. यूएन सिंह, डॉ. उदय शंकर प्रसाद समेत अन्य को सम्मानित किया.
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