कार्यालय में कार्यपालक पदाधिकारी को नहीं पाकर उनके कक्ष के सामने ही धरने पर बैठ गयीं और समस्या के समाधान की मांग करने लगीं. धरना दे रही महिलाओं में कांति देवी, माया देवी, शांति देवी व रेणु देवी का कहना था कि उनके टोले में सड़क नहीं है. बरसात के दिनों में जलजमाव हो जाता है. घरों के अंदर बारिश का पानी समा जाता है. जलजमाव की वजह से घरों से निकलना मुश्किल होता है. बिजली का खंभा नहीं है. नाला नहीं होने से पानी की निकासी नहीं होती है.
इन लोगों का कहना था कि रेलवे लाइन के उस पार में स्थित मुहल्ले में जनप्रतिनिधियों की ओर से भी किसी तरह का विकास कार्य नहीं किया गया है. हालांकि, बाद में कार्यपालक पदाधिकारी के नहीं रहने की स्थिति में सहायक स्वास्थ्य पदाधिकारी वीरेंद्र प्रसाद सिंह व मुख्य सफाई निरीक्षक कृष्ण नारायण शुक्ला ने समझा -बुझा कर महिलाओं को शांत कराया और समस्याओं के समाधान की बात कही. हालांकि, महिलाओं ने बुधवार को फिर कार्यालय आकर समस्याओं के लिए कार्यपालक पदाधिकारी से मिलने की बात कही है.