Advertisement
विकास के लिए दूसरे राज्य के मॉडलों का होगा प्रयोग
बिहार सरकार द्वारा चुने हुए जिलों में इन सफल प्रयोगों को लागू करने की जिम्मेवारी स्टाफ कॉलेज हैदराबाद को सौंपी गयी है. पटना : गरीबी उन्मूलन समेत त्वरित विकास के लिए बिहार दूसरे राज्यों के मॉडल अपनायेगा. इसमें वैसे अनुभव और प्रयोग शामिल हैं जिसे पिछले दिनों प्रशासनिक सुधार और सुशासन के तहत सफल प्रयोग […]
बिहार सरकार द्वारा चुने हुए जिलों में इन सफल प्रयोगों को लागू करने की जिम्मेवारी स्टाफ कॉलेज हैदराबाद को सौंपी गयी है.
पटना : गरीबी उन्मूलन समेत त्वरित विकास के लिए बिहार दूसरे राज्यों के मॉडल अपनायेगा. इसमें वैसे अनुभव और प्रयोग शामिल हैं जिसे पिछले दिनों प्रशासनिक सुधार और सुशासन के तहत सफल प्रयोग के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार मिला है.
ऐसे सफल प्रयोगों में कुपोषण दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ के सरगुजा फुलवारी पहल, महाराष्ट्र के गढ़ चिरौली में एसटी समुदाय के युवाओं में कौशल विकास से रोजगार देने में मिली सफलता, त्रिपुरा में सामान्य सेवा केंद्रों के जरिये पूरे समुदाय को वित्त पोषण करने और गुजरात में नहर के ऊपर सोलर लाइट से ग्रीन और क्लीन इनर्जी के सफल प्रयोग और केरल के इरिविपेरूर ग्राम पंचायत में स्थानीय स्तर पर स्वशासन के सफल प्रयोग को शामिल किया गया है. इन सभी सफल प्रयोगों के लिए 2013-14 में प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. बिहार सरकार द्वारा चुने हुए जिलों में इन सफल प्रयोगों को लागू करने की जिम्मेवारी स्टॉफ कॉलेज हैदराबाद को सौंपा गया है.
मिली जानकारी के अनुसार 30 सितंबर तक विभागों द्वारा नोडल अफसरों की नियुक्ति के साथ ही अक्तूबर से तय जिलों में इसके के लिए काम शुरू हो जायेगा. राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने कुपोषण की समस्या से निबटने के लिए छत्तीसगढ़ के सरगुजा फूलवारी प्रयोग का अपनाने का निर्णय लिया गया है. इस प्रयोग से सरगुजा के महिलाओं और बच्चों को एक तय केंद्र पर प्रतिदिन आने और उन्हें पोषण युक्त भोजन से कुपोषण दूर करने का सफल प्रयोग किया गया. इसके लिए कटिहार, जमुई, पूर्णिया और बांका जिला का चयन किया गया है. इसकी जिम्मेवारी समाज कल्याण विभाग को सौंपा गया है. मुख्य सचिव ने विभाग को निर्देश जारी कर इस योजना को लागू करने में सहयोग करने वाले स्टाफ कॉलेज हैदराबाद को सहयोग के लिए नोडल अफसर नियुक्त करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने इस प्रक्रिया को 30 सितंबर तक पूरा करने का भी निर्देश दिया है. आदिवासी युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगार देने के लिए सफल योजना के लिए महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए कौशल विकास पहल के प्रयोग को अपनाने के लिए गया, वैशाली और समस्तीपुर को चुना गया है. इस योजना में मदद के लिए श्रम एवं समाज कल्याण विभाग को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. नहर के ऊपर सौर ऊर्जा से ग्रीन और क्लीन इनर्जी के लिए अब तक जिलों का चयन नहीं किया गया है. इसके लिए ऊर्जा विभाग को जिले का चयन का निर्देश दिया गया है.
ऊर्जा विभाग 30 सितंबर तक मुख्य सचिव के कार्यालय को सूचना देगा. त्रिपुरा में सामान्य सेवा के जरिये पूरे गांव को वित्तीय मदद के प्रयोग का राज्य के जिलों में अपनाया जायेगा. फिलहाल इसके लिए अब तक जिलों का चयन नहीं किया गया है. जिलों के चयन की जिम्मेवारी पंचायती राज विभाग को सौंपा गया है. इस प्रयोग से छोटे स्तर पर लोगों को रोजगार के लिए बैंक द्वारा धन उपलब्ध कराने का सफल प्रयोग किया गया है. केरल के इरिविपेरुर ग्राम पंचायत में स्थानीय स्तर पर स्वशासन के सफल प्रयोग का भी राज्य में प्रयोग किया जायेगा. इसके लिए फिलहाल जिलों का चयन नहीं किया गया है.
इस प्रयोग काे अररिया में अपनाया जायेगा.
राज्य मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के भी कई सफल प्रयोग को दूसरे राज्यों में अपनाने की तैयारी चल रही है. जिसमें आरटीपीएस योजना के तहत एक तय समय में प्रमाण देने, पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण, महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण शिकायत निवारण अधिनियम, शराबबंदी कानून समेत कई अन्य ऐसे सफल प्रयोग हें जिसे अपनाने के लिए दूसरे राज्यों के अधिकारी बिहार सरकार के अधिकारियों से संपर्क में हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement