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हरियाणा और गोवा की तुलना में आगे बढ़ रहा बिहार : उपराष्ट्रपति
िवकास पर मंथन. िबहार चैंबर ऑफ कॉमर्स का स्थापना िदवस समारोह उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने जहां पिछले दशक में बिहार के विकास व इसके लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आधारभूत संरचना में सुधार, नयी औद्योगिक व स्टार्टअप नीति की चर्चा करते हुए राज्य में निवेश की अपील […]
िवकास पर मंथन. िबहार चैंबर ऑफ कॉमर्स का स्थापना िदवस समारोह
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने जहां पिछले दशक में बिहार के विकास व इसके लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आधारभूत संरचना में सुधार, नयी औद्योगिक व स्टार्टअप नीति की चर्चा करते हुए राज्य में निवेश की अपील की.
पटना : उद्योग के मामले में हरियाणा और गोवा की तुलना में बिहार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. लेकिन, बिहार की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में अब भी कम है. स्टेट इकोनाॅमी के मामले में बिहार 15वें स्थान पर है. दूरसंचार के क्षेत्र में बिहार ने काफी विकास किया है, लेकिन अभी और विकास की जरूरत है. ये बातें उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने शुक्रवार को बिहार चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के 90वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह का उद्घाटन करते हुए कहीं.
उन्होंने कहा कि उद्योग-कारोबार के क्षेत्र में बिहार पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार है. यहां उद्योग के लिए असीम संभावनाएं हैं. यहां सरकार राज्य के विकास के लिए काफी सजग है. यहीं कारण है कि पिछले एक दशक में यहां हर क्षेत्र में प्रगति हुई है. राज्य में कई क्षेत्रों में विकास दर 15% रही है, जो सराहनीय है. प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि हुई है. यहां प्रति व्यक्ति आय 7914 रुपये से बढ़ कर 15640 रुपये हो गयी है. हालांिक, प्रति व्यक्ति आय के मामले में अब भी यह काफी पीछे है. उन्होंने कहा कि आजादी के इतिहास में बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. बिहार विकसित राज्यों की राह पर है और यहां तेजी से कौशल विकास में काफी उन्नति हुई है,
लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. हामिद अंसारी ने कहा कि कानून का शासन विकास के लिए काफी अहम है, चाहे वह मामला उद्योग-कारोबार से ही जुड़ा क्यों न हो.
कृषि के क्षेत्र में बिहार में काफी संभावनाएं : उपराष्ट्रपति ने कहा, प्रकृति ने बिहार को अच्छा वातावरण और उपजाऊ भूमि दी है. कृषि क्षेत्र में यहां काफी संभावनाएं हैं. राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं से बिहार के कृषि का चेहरा बदल सकता है. उन्होंने कहा कि हम वैश्विक दुनिया के निवासी हैं, इस कारण प्रतिस्पर्द्धा तो रहेगी ही. इससे कोई नहीं बच सकता है. कानून अंतरराष्ट्रीय व्यापार में निश्चिंतता और स्थायीयता प्रदान करता है.
यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार का एक हिस्सा है. श्री अंसारी ने कहा कि निवेश संवर्धन एवं संरक्षण समझौते यानी बीआइपीए समझौते में अब तक 83 देशों के साथ हस्ताक्षर किये हैं. बीआइपीए समग्र विकास और अर्थव्यवस्था की प्रगति की दिशा में योगदान करके एक राज्य में निवेश करने और वहां के लिए विदेशी निवेशकों को प्रोत्साहित करता है.
बाढ़पीड़ितों के प्रति जतायी संवेदना : उपराष्ट्रपति ने पिछले दिनों बिहार में आयी बाढ़ से पीड़ित लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की. कहा कि यह बात किसी से नहीं छिपी है कि अतीत में बिहार भारत के सबसे प्रतिष्ठित और समृद्ध राज्याें में से एक था. यह उपजाऊ भूमि और बड़ी नदियों से पूर्ण है.
यहां की हस्तशिल्प काफी समृद्ध रहा है. किसी समय बिहार पूर्वी भारत में एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र था. इसी को देखते हुए 17वीं और 18वीं शताब्दी में यूरोप से आकर लोगों ने यहां व्यवसाय शुरू किया था. उन्होंने कहा कि चैंबर अपना 90वां स्थापना दिवस मना रहा है, यह बिहार के लिए गौरव की बात है. बिहार के आर्थिक विकास में बिहार चैंबर आॅफ काॅमर्स का अहम योगदान रहा है. उम्मीद है कि अागे भी यह राज्य के विकास में योगदान देता रहेगा.
कहा, उद्योग-कारोबार के क्षेत्र में बिहार पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार
देश की अर्थव्यवस्था
में बिहार का योगदान 3.3 प्रतिशत बढ़ा
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस साल फरवरी में बिहार विधानमंडल में पेश बिहार आर्थिक सर्वेक्षण, 2015-16 के अनुसार राज्य की अर्थव्यवस्था का विकास वर्ष 2005-06 से 2014-15 तक की अवधि के दौरान 10.5% की औसत दर से हुआ था, जो कि सभी प्रमुख भारतीय राज्यों में सबसे ज्यादा है. विनिर्माण, निर्माण, बीमा और बैंकिंग के रूप में कुछ क्षेत्रों में तो 15% से अधिक की वृद्धि हुई. देश की अर्थव्यवस्था में बिहार के योगदान में 2.6 से 3.3% तक की वृद्धि हुई है. उन्होंने बिहार में शिक्षा और कौशल विकास पर बल देते हुए कहा कि खासकर छात्रों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाये.
अंडरवर्ल्ड वाले राज्य में िनवेश, तो िबहार में क्यों नहीं : सीएम
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बिहार चैंबर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के 90वें स्थापना समारोह में उद्योगपतियों से राज्य में निवेश करने की अपील की. साथ ही उन्होंने बिहार में अनुकूल माहौल के बावजूद यहां निवेश नहीं करने पर उद्योगपतियों को खरी-खोटी भी सुनायी.
नीतीश कुमार ने कहा कि यहां की कानून व्यवस्था अच्छी है, लेकिन फिर भी लोग यहां निवेश करने नहीं आ रहे, जबकि जहां अंडरवर्ल्ड का बोलबाला है, वहां पर जाकर उद्योग-धंधा कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. उन्होंने उद्योगपतियों से कहा कि बिहार में उद्योग लगाने की हर क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. अगर आपकी मंशा हो जाये कि बिहार में उद्योग लगाना है, तो फिर इसमें कहीं से कोई अवरोध पैदा नहीं होगा. यहां हर चीज उपलब्ध है. अपनी मुट्ठी खोलिए और बिहार में पूंजी लगाइए. यहां के कारोबारी बाहर जाकर एक से बढ़ कर एक काम कर रहे हैं, लेकिन यहां चर्चा तक नहीं करते हैं. इससे काम नहीं चलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यहां के उद्यमियों से कहा था कि यहां साइकिल उद्योग लगाइए, लेकिन लोगों ने सुना नहीं. आज बाहर से लोग आकर साइकिल उद्याेग लगा रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में औद्योगिक निवेश के अनुकूल वातावरण बना है.
आधारभूत संरचना में काफी सुधार हुआ है. बुनियादी ढांचे में अब कोई परेशानी नहीं है. नयी औद्योिगक नीति व स्टार्टअप नीति लागू की गयी है, जिनमें निवेश करने वालों को बहुत राहत दी गयी है. सरकार सभी तरह की सहायता देने को तैयार है. राज्य सरकार की नीतियों में पूरी पारदर्शिता रहेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उद्योग का बड़े पैमाने पर विकास हो सकता है. यहां कृषि पर आधारित उद्योग, रेडिमेड वस्त्र उद्योग व आइटी की अपार संभावनाएं हैं. बिहार के लोग रेडिमेड वस्त्र उद्योग व आइटी क्षेत्र में बाहर जाकर काम करते हैं. अगर ये उद्योग यहीं लगे, तो अच्छी बात होगी. आइटी सिटी के लिए अलग से जगह भी चिह्नित कर दी गयी है.
उन्होंने बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा कि आज बांग्लादेश रेडिमेड वस्त्र की बदौलत कहां-से-कहां पहुंच गया. उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग का जितना ग्रोथ हुआ है, वह स्टेट इन्वेस्टमेंट से हुआ है. नीतीश कुमार ने 90वां स्थापना दिवस के अवसर पर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सभी सदस्यों को बधाई दी. कहा, मुझे याद है कि जब बिहार चैंबर के 75 वर्ष पूरे हुए थे, उस वक्त मैं केंद्र सरकार का हिस्सा था. चैंबर के सदस्य मिलने आये थे और बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज से संबंधित डाक टिकट जारी करने का अनुरोध किया था. मैंने तत्कालीन संचार मंत्री प्रमोद महाजन से अनुरोध किया. आखिरकार डाक टिकट जारी किया गया. उन्होंने कहा कि बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की स्थापना आजादी से पूर्व की गयी थी.
राज्य के औद्योगिक विकास में इसकी अहम भूमिका रही है. आप उद्योग जगत की बातों को उठाते रहते हैं, यह अच्छी बात है, क्योंकि विकास बिना उद्योग के नहीं हो सकता है. कृषि पर निर्भरता जितनी कम होगी, विकास की गति उतनी और तेज होगी. बिहार में उद्योग के विकास की गाड़ी धीरे–धीरे बढ़ रही है. बिहार अभी तक एक उपभोक्ता प्रधान प्रदेश है.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गठन के बाद राज्य में औद्योगिक विकास एवं निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2006 एवं 2011 में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनायी गयी. इसके साथ ही सिंगल विंडो अधिनियम 2006 एवं आधारभूत संरचना विकास अधिनियम 2006 को अधिसूचित किया गय.
राज्य में औद्योगिक निवेश को अधिक सहज बनाने के उद्देश्य से बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन अधिनियम 2016 को लागू किया गया है. अब औद्योगिक इकाइयों से कॉमन एप्लीकेशन फाॅर्म में ऑनलाइन आवेदन प्राप्त कर 30 दिनों के अंदर राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की स्वीकृति प्राप्त की जा सकेगी. आवेदक द्वारा क्लियरेंस से संबंधित दस्तावेजों को स्वअभिप्रमाणित करने का प्रावधान किया गया है. उद्योग स्थापना एवं उत्पादन के लिए सभी प्रकार के क्लियरेंस 30 दिन अथवा संबंधित अधिनियम में विहित समयसीमा के अंदर दिये जाने का प्रावधान है. यदि समयसीमा के अंदर संबंधित विभाग द्वारा क्लियरेेंस नहीं दिया जाता है तो डीम्ड क्लियरेंस का प्रावधान है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पाद को नयी नीति के तहत प्राथमिकता दी जायेगी. बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2016 के तहत उद्योग लगानेवालों को सरकार द्वारा अनेक सुविधाएं दी जायेगी. औद्योगिक इकाइयों को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने पर औद्योगिक भूमि या शेड की लीज, बिक्री और हस्तानांतरण पर लगनेवाली स्टांप डियूटी या पंजीकरण शुल्क का शत–प्रतिशत प्रतिपूर्ति देय होगा. कृषि भूमि को औद्योगिक श्रेणी की भूमि में समपरिवर्तन के लिए भुगतान किये गये शुल्क का शत–प्रतिशत प्रतिपूर्ण अनुमान्य होग.
औद्योगिक इकाइयों, जिन्हें बैंक से सावधि ऋण प्राप्त है, उन्हें ब्याज अनुदान देय होग. यह ब्याज अनुदान अधिकतम 10 प्रतिशत तक अनुमान्य होगा, जो अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक होगा. सुक्ष्म एवं लघु उद्योगों को 12 प्रतिशत ब्याज अुनदान अनुमान्य होगा. औद्योगिक इकाइयों द्वारा राज्य सरकार के खाते में जमा की गयी वैट, सीएसटी अौर प्रवेश कर का व्यावयायिक उत्पादन में आने की तिथि से पांच वर्षों तक प्राथमिक क्षेत्र के उद्यमी को सौ प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला तीसरा लिंग, वार विडो, एसिड अटैक एवं दिव्यांग उद्यमियों के लिए अतिरिक्त 15% अनुदान का प्रावधान है. नीतीश कुमार ने कहा कि युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए हमने बिहार स्टार्टअप नीति 2016 को मंजूरी दी है. इसके तहत 500 करोड़ स्टार्टअप वेंचर कैपिटल का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि उद्योग के विकास के लिए सब प्रावधान किया गया है. अब इसके बाद ज्यादा-से-ज्यादा लोग इस क्षेत्र में आकर्षित होंगे.
नीतीश से िमले उद्योगपति
पटना. मुख्यमंत्री से बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के समारोह में आये उद्योगपतियों ने 1, अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुलाकात की. मुलाकात करनेवालों में वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, केके बिड़ला ग्रुप ऑफ कंपनी के चेयरमैन एनसी नोपानी, अल्केम फार्मास्यूटिकल के संस्थापक संप्रदा सिंह के बेटे सतीश कुमार सिंह, बिहार चैंबर के प्रेसिडेंट ओपी साह, पूर्व प्रेसिडेंट पीके अग्रवाल व उपाध्यक्ष एमएन बरेरिया, सीआइआइ के चेयरमैन एसपी सिन्हा शामिल थे. वेदांता के अनिल अग्रवाल ने 500 करोड़ से िबहार में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की बात कही है.
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