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असम ने बिहारी मूल के 33 हजार लोगों की मांगी रिपोर्ट
आधार नंबर,वोटर आइ कार्ड और डिग्रियों की जांच का मामला पटना : असम में भाजपा सरकार बनने के साथ ही वहां रहनेवाले गैर असमी लोगोें की नागरिकता की सघन जांच शुरू हो गयी है. जांच की जद में बिहार के दस्तावेज के आधार पर नागरिकता के लिए आवेदन देनेवाले 33 हजार से अधिक लोग आ […]
आधार नंबर,वोटर आइ कार्ड और डिग्रियों की जांच का मामला
पटना : असम में भाजपा सरकार बनने के साथ ही वहां रहनेवाले गैर असमी लोगोें की नागरिकता की सघन जांच शुरू हो गयी है. जांच की जद में बिहार के दस्तावेज के आधार पर नागरिकता के लिए आवेदन देनेवाले 33 हजार से अधिक लोग आ गये हैं. बांग्लादेशी से घुसपैठ के लिए चर्चित असम की सरकार ने 33 हजार से अधिक बिहारियों के दस्तावेज बिहार सरकार को सौंपे हैं. ये सभी ऐसे असमी हैं, जो किसी-न-किसी प्रकार से बिहार से संबंधित हैं और बिहार में बने दस्तावेज के आधार पर असम में बहुत दिनों से निवास कर रह रहे हैं.
इन लोगों ने अपने दस्तावेज में बिहार से जुड़े आधार कार्ड, वोटर आइ कार्ड, बैंक के खाते और डिग्रियों की काॅपी उपलब्ध करायी है. असम सरकार ने बिहार सरकार को पत्र लिख कर पूछा है कि ये लोग वास्तव में बिहार के रहनेवाले हैं या नहीं और इनके द्वारा सौंपे गये दस्तावेजों की हकीकत क्या है? असम सरकार के बार-बार अनुरोध पर गृह विभाग ने इसकी जांच की जिम्मेवारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को सौंपी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग असम में रह रहे इन 33 हजार लोगों द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेज की जांच में जुट गया है. असम सरकार ने जांच के उद्देश्य के बारे में कुछ नहीं कहा है.
सिर्फ ऐसे लगभग 33 हजार लोगों द्वारा असम में रहने के लिए पूर्व में सौंपे गये बिहार से संबंधित दस्तावेज की जांच रिपोर्ट मांगा गया है. पर, उनका मकसद बांग्लादेशी घुसपैठियों की ही जांच करना है. बिहार के दस्तावेज को आधार बना कर असम में रहनेवाले लोगों ने प्रूफ के तौर पर बिहार के पता पर बने आधार कार्ड, शैक्षिक प्रमाण पत्र, वोटर पहचान पत्र समेत कई अन्य प्रमाणपत्र का उपयोग किया है.
असम सरकार बिहार के अलावा यूपी, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों को भी सूची भेज कर सत्यता की जांच करा रही है.
सभी राज्यों को गैर असमियों की सूची भेज कर उनके द्वारा सौंपे गये दस्तावेज या उनके द्वारा दिये गये पता की जांच की जा रही है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी कहा कि असम सरकार ने बिहार सरकार से दस्तावेज की जांच के लिए पत्र लिखा है. विभाग जांच में जुटी है. उन्होंने कहा कि जांच विभिन्न विभागों से संबंधित है, इसलिए जिला स्तर पर इसकी जांच की जा रही है. जांच में अन्य प्रमाणपत्रों के साथ शैक्षिक प्रमाणपत्र भी शामिल है.
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