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शिक्षकों को रखें गैर शैक्षणिक कार्यों से अलग
पटना : सरकार शिक्षकों से शैक्षणिक कार्य के अलावा कई ऐसे काम करवा रही है, जो शिक्षक और छात्रों के हित में नहीं हैं. छपरा के मशरक प्रखंड की घटना भी इसी का अंजाम है. ऐसे में यदि सरकार शिक्षकों को जल्द से जल्द गैर शैक्षणिक कार्यों से अलग नहीं रखती है, तो शिक्षक संघ […]
पटना : सरकार शिक्षकों से शैक्षणिक कार्य के अलावा कई ऐसे काम करवा रही है, जो शिक्षक और छात्रों के हित में नहीं हैं. छपरा के मशरक प्रखंड की घटना भी इसी का अंजाम है.
ऐसे में यदि सरकार शिक्षकों को जल्द से जल्द गैर शैक्षणिक कार्यों से अलग नहीं रखती है, तो शिक्षक संघ इसके विरोध में जेल भरो आंदोलन करेगी. ये कहना है बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा का. वे बुधवार को एक्जिविशन रोड स्थित कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि स्कूल में मध्याह्न भोजन बनाने से लेकर भवन निर्माण कार्य तक की जिम्मेवारी शिक्षकों को दी गयी है. इतना ही नहीं जनगणना कार्य हो या फिर चुनाव, हर कार्य में शिक्षकों को लगाया जाता है. इससे स्कूलों में शिक्षक 365 दिनों में 170 दिनों तक गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं. इससे स्कूलों शिक्षा बाधित हो रही है. इतना ही नहीं, जिविका की दीदियों द्वारा स्कूलों का नीरिक्षण कार्य भी शिक्षकों के साथ अन्याय है.
क्योंकि, जीविका की 60 फीसदी दीदियां पढ़ी-लिखी नहीं हैं, और अब वे स्कूल की समीक्षा रिपोर्ट तैयार करेंगी. ऐसे में यदि सरकार जल्द से जल्द शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से अलग रखे और जीविका की दीदियों के निरीक्षण करने पर रोक लगे. ऐसा नहीं होने पर प्राथमिक शिक्षक संघ इसके विरोध में जेल भरो आंदोलन करेगा.
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