Advertisement
राहत कैंप में स्वास्थ्य, शिक्षा व जागरूकता पर जोर
पटना : बाढ़ से पीड़ित दियारे के लोगों के लिए पटना में राहत शिविर लगाया गया है, जहां उनके रहने व खाने की पूरी व्यवस्था की गयी है. साथ ही बुजुर्ग, महिला, युवा व बच्चों के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं. अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य व पढ़ाई ध्यान देने की बातें […]
पटना : बाढ़ से पीड़ित दियारे के लोगों के लिए पटना में राहत शिविर लगाया गया है, जहां उनके रहने व खाने की पूरी व्यवस्था की गयी है. साथ ही बुजुर्ग, महिला, युवा व बच्चों के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं.
अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य व पढ़ाई ध्यान देने की बातें बतायी जा रही हैं. राहत कैंप में लोगों को शिक्षित करने के लिए हर दिन कुछ नया सिखाया जा रहा है, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है कि शिविर में बाढ़ पीड़ितों के नाम पर कुछ लोकल लोग भी पहुंच जा रहे हैं. खास कर खाना खिलाने के समय ऐसे लोगों से परेशानी हो रही है. वे खाना खाने के बाद परिसर में बैठ कर हंगामा करने लगते हैं और जब उनसे उनका पता पूछा जाता है, तो दियारा बोल कर खिसक जाते हैं.
छोटे बच्चों को मिला दूध, पदाधिकारियों ने बंटवाया : बिहार विद्यापीठ के राहत कैंप में छोटे बच्चों के बीच दूध का वितरण किया गया. यहां लगभग 20 ऐसे बच्चे हैं, जिनको दूध की अधिक जरूरत है. इसी तरह बीएन कॉलेजिएट और दीघा बालक स्कूल में लगे राहत कैंप में भी बच्चों के लिए दूध के पैकेट भेजे गये. यहां पर भी बच्चों की काफी संख्या है. छोटे बच्चों की सेहत का ख्याल रखते हुए डीएम ने निर्देश दिया है कि नौनिहालों को किसी भी हाल में दूध की कमी नहीं हो.
जानवरों की बढ़ी परेशानी, चारे की कमी :दियारा क्षेत्र से पटना राहत कैंप के बाहर बांधे हुए जानवरों की परेशानी बढ़ती जा रही है. कैंप में जानवरों के लिए चारे की कमी हो रही है.
इसे दूर करने के लिए डीएम ने दिशा-निर्देश दिया है. दूसरों राज्यों से भी चारे मंगाये जा रहे हैं, लेकिन उसके पहुंचने में अभी दो-तीन का समय लगेगा. बीएन कॉलेजिएट के पास और बांस घाट के पास सबसे अधिक गाय व भैंस बंधे हुए हैं और इनके खाने के लिए धीरे-धीरे चारा खत्म हो रहा है.
राहत कैंप में खाना बाहर जाकर कर रहे काम : दियारे के ऐसे कई लोग हैं, जो हर दिन कमाने के लिए पटना आते थे. आज उन लोगों की सुविधा बढ़ गयी है. ये आराम से कैंप में रह रहे हैं. दिन भर बाहर जाकर काम करते हैं. इनको कमाने में अब अधिक सुविधा हो रही है. बीएन कॉलेजिएट में रहने वाले केदार राय ने कहा कि बाढ़ में उसका घर ध्वस्त हो गया है. ऐसे में वह अपने पूरे परिवार के साथ कैंप में हैं. जब पानी कम होगा, तो हम वापस चले जायेंगे, लेकिन अभी काम करने के लिए नदी पार नहीं करना पड़ता है.
बच्चों के तो आ गये हैं मजे के दिन
नकटा दियारे से राहत कैंप में आये बच्चे काफी मजा कर रहे हैं. बच्चे आराम से दिन भर खलते हैं.जब पढ़ने के लिए बुलाया जाता है, तो जाकर पढ़ते हैं. इसके बाद खाना खाकर खेलते-कूदते रहते हैं. छह साल का सोनू से जब पूछा कि तुमको यहां मन लग रहा है, तो पहले उसने कुछ नहीं बोला. पर, थोड़ी देर बाद बोला कि बहुत अच्छा लग रहा है. तभी उसका एक दोस्त उधर से खाली पैर दौड़ता हुआ आया और बोला चल कैंप में बुलइले हउ और दोनों भाग निकले. स्कूल के गेट को आराम से कई बच्चे झूला बना कर झूलते रहते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement