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सामने आएं, शहर को स्मार्ट बनाएं

कवायद. अक्तूबर तक देना है सुझाव, दिसंबर में होगा स्मार्ट सिटी का चयन जितने अधिक सुझाव आयेंगे, स्मार्ट सिटी बनने की संभावना उतनी अधिक होगी, क्योंकि मानक में जन भागीदारी को महत्व दिया गया है. पटना : अगर आप अपने शहर को स्मार्ट सिटी बनाना चाहते हैं, तो यह जिम्मेवारी आप के हाथ में है. […]

कवायद. अक्तूबर तक देना है सुझाव, दिसंबर में होगा स्मार्ट सिटी का चयन
जितने अधिक सुझाव आयेंगे, स्मार्ट सिटी बनने की संभावना उतनी अधिक होगी, क्योंकि मानक में जन भागीदारी को महत्व दिया गया है.
पटना : अगर आप अपने शहर को स्मार्ट सिटी बनाना चाहते हैं, तो यह जिम्मेवारी आप के हाथ में है. इसके लिए आपके अधिक-से-अधिक सुझाव, सोशल साइट पर चर्चा और केंद्र की वेबसाइट पर कमेंट पटना की दावेदारी को मजबूत करेगा. नगर निगम के पास जितने अधिक सुझाव आयेंगे, शहर की स्मार्ट सिटी बनने की संभावना उतनी ही अधिक बढ़ेगी. चूंकि केंद्र सरकार की ओर से स्मार्ट सिटी के लिए जो मानक तय किये गये हैं, उनमें सबसे अधिक जन भागीदारी को महत्व दिया गया है. निगम अधिकारियों के अनुसार इसके लिए 60 फीसदी से अधिक वेटेज दिये गये हैं. ऐसे में शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की जिम्मेवारी जितनी नगर निगम और संबंधित अधिकारियों की है, उससे कहीं अधिक आम लोगों की भी है. ऐसे में अाप मैक्सिमम सुझाव दें.
ऑफ लाइन व ऑनलाइन, दोनों तरह से दे सकते हैं सुझाव : नगर निगम स्मार्ट सिटी पर ऑनलाइन व ऑफ लाइन दाेनों तरीके से सुझाव ले रहा है. ऑफ लाइन के लिए फॉर्म दिये जा रहे हैं.
इसके लिए शहर के 22 स्थानों पर सुझाव बॉक्स लगाये गये हैं. बाद में सभी सुझावों को नगर निगम अपने पोर्टल पर अपलोड करेगा. वहीं ऑनलाइन सुझाव और भी आसान है. इसके लिए फेसबुक और ट्विटर पर पेज बनाये गये हैं. इसके अलावा नगर निगम को केंद्र की वेबसाइट पर भी रजिस्टर्ड किया गया है. आप उस साइट पर भी राय या चर्चा कर सकते हैं. हर सुझाव पर नगर निगम और केंद्र सरकार मॉनीटरिंग कर रही है. इसे पटना शहर के प्वाइंट से जोड़ा जा रहा है.
क्या देना है सुझाव : ऐसा नहीं कि स्मार्ट सिटी के नाम पर आप कुछ भी सुझाव दे सकते हैं. केंद्र के नियमों के अनुसार नगर निगम ने एक फाॅर्मेट तैयार किया है. इसमें लोगों को दो प्रमुख बातों पर सुझाव देना है. पहला बेस एरिया मैनेजमेंट और दूसरा पैन सिटी मैनेजमेंट.
फॉर्मेट में तीन कॉलम
कॉलम एक : शहर के बारे में अपनी राय तीन लाइन में लिखनी है.
कॉलम दो : पैन सिटी के तहत छह योजनाएं क्रमश: ट्रैफिक एवं ट्रांसपोर्ट, ठोस कचरा प्रबंधन, पेयजल, स्ट्राॅम वाटर, विद्युत मैनेजमेंट और इ-गवर्नेंस शामिल हैं. इनमें से किसी दो योजनाओं पर टिक लगाना है.
कॉलम तीन : बेस एरिया मैनेजमेंट में तीन भाग हैं. रैट्रो फिटिंग (पांच सौ एकड़ जमीन) के लिए गांधी मैदान और कंकड़बाग में से किसी एक को चुना जायेगा. रि-डेवलपमेंट (पचास एकड़ जमीन) के लिए गर्दनीबाग और पाटलिपुत्रा औद्योगिक एरिया में से िकसी एक का चुनाव होगा. ग्रीन फिल्ड (250 एकड़ जमीन) में विकास के लिए वोटिंग करनी है कि शहर के किस जगह का चुनाव इन तीनों योजनाओं के लिया हो.यह है जरूरी : फाॅर्म में लोगों को अपना नाम-पता लिखने के साथ मोबाइल और इ-मेल लिखना जरूरी है.
कहां देना है सुझाव
missionsmartcity@yahoo.com
www.smartcitypatna.com
www.mygov.com
www.facebook.com/missionsmartcitypatna
www.twitter.com/smartcity2patna
आज अंतिम तिथि : स्मार्ट सिटी
पर स्लोगन, निबंध और लोगो जाम करने की अंतिम तिथि सोमवार तक ही है. इसके अलावा कल निगम की टीम गांधी मैदान जाकर यह तय करेगी कि किस कोने में स्मार्ट सिटी कोना बनाया जाय.
पटना सिटी : वार्ड में सफाई, पानी व जलजमाव की समस्या है, उसे दूर कर वार्ड को स्मार्ट बनाएं , शहर खुद- ब- खुद स्मार्ट हो जायेगा. कुछ इसी तरह का मामला रविवार को पटना नगर निगम सिटी अंचल में उठा. दरअसल पटना शहर को स्मार्ट सिटी की कतार में खड़ा करने के लिए निगम की ओर से चलायी जा रही मुहिम के तहत पार्षदों की बैठक बुलायी गयी थी, जिसमें स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर चर्चा होनी थी, लेकिन पार्षदों ने वार्ड की समस्याओं की लड़ी लगा दी. बैठक में महापौर अफजल इमाम, नगर आयुक्त अभिषेक सिंह, निगम स्मार्ट सिटी के नोडल पदाधिकारीशीर्षत कपिल अशोक व अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार उपस्थित थे.
हल्की बारिश में डूबता है शहर
मामूली बरसात में भी शहर में जलजमाव हो जाता है. ड्रैनेज सिस्टम को दुरुस्त करना होगा, यह बात पार्षद तरुणा राय ने उठायी. बैठक में सबसे पहले पार्षद बलराम चौधरी ने जलजमाव की समस्या को उठाते हुए कहा कि पटना व पटना सिटी की भौगोलिक स्थिति अलग है. जलनिकासी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने से जलजमाव की समस्या कायम है. पार्षद मुमताज जहां ने कहा कि निगम वार्ड को स्मार्ट बनाए , शहर खुद- ब- खुद स्मार्ट हो जायेगा. स्थिति यह है कि गलियों के शहर में सफाई के लिए हाथ ठेला नहीं है, बेलचा व झाड़ू नहीं मिलता है.
शहर में सफाई कैसे होगी. पार्षद महमूद कुरैशी व धर्मेंद्र प्रसाद मुन्ना ने भी छटंकी पुल की उड़ाही कराने, सड़कों अतिक्रमण से रास्ता सिकुड़ जाने, शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था कराने की बात उठायी. पार्षद गुलफिजां जबी ने बैठक की सूचना नहीं दिये जाने का मामला उठाया. हर वार्ड में एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव दिया गया. बैठक में पार्षद सुधीर कुमार व शिव मेहता के साथ पार्षद प्रतिनिधियों ने भी अपनी बातों को रखा. हालांकि, बैठक में आधा दर्जन से अधिक पार्षद नहीं आये. निगम सिटी अंचल में 20 वार्ड हैं.
चुनौतियां बहुत हैं, काम करना है : निगमायुक्त
बैठक में महापौर अफजल इमाम ने भी स्मार्ट सिटी के बारे में अपनी बातों को रखा. इसके बाद निगमायुक्त अभिषेक सिंह ने कहा कि चुनौतियां बहुत हैं, हमें काम करना है. हम लोग भारत सरकार की बहुत जरूरी योजना लागू करने आये हैं, इसमें आपका सहयोग व
विचार आवश्यक है. अपर निगमायुक्त व एमडी जल पर्षद शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि बेंगलुरु व ईटानगर समेत अन्य शहर में ऐसा कार्य चल रहा है, लेकिन पटना सबसे आगे है. बैठक में सबसे पहले संस्था की शीला तिवारी व अनुपम ने प्रोजेक्टर के माध्यम से स्मार्ट सिटी की विशेषताओं को रखा. साथ ही कहा कि कंगन घाट से पटना साहिब स्टेशन के बीच विकास करना है. इन लोगों ने स्मार्ट सिटी के विजन को रखते हुए कहा कि आधारभूत संरचना, सूचना केंद्र व आर्थिक केंद्र के साथ हर तरह की मूलभूत सुविधाओं से शहर को लैस किया जायेगा. बैठक में निगरानी पदाधिकारी नंद लाल आर्य, सहायक स्वास्थ्य पदाधिकारी विरेंद्र प्रसाद सिंह, राजस्व पदाधिकारी विश्व मोहन प्रसाद व मुख्य सफाई निरीक्षक कृष्ण नारायण शुक्ला समेत अन्य उपस्थित थे.

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