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राहत शिविरों में दी जा रही हैं 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं

पटना : स्वास्थ्य विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित सभी 13 जिलों में लोगों को 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, कटिहार, खगड़िया, लक्खीसराय, मुंगेर, पटना, पूर्णिया, समस्तीपुर, सारण और वैशाली में राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा 291 स्थायी एवं चलंत चिकित्सा शिविर लगाये गय हैं. राज्य मुख्यालय […]

पटना : स्वास्थ्य विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित सभी 13 जिलों में लोगों को 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, कटिहार, खगड़िया, लक्खीसराय, मुंगेर, पटना, पूर्णिया, समस्तीपुर, सारण और वैशाली में राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा 291 स्थायी एवं चलंत चिकित्सा शिविर लगाये गय हैं. राज्य मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से दवाओंं, स्वास्थ्य सेवाओं, हैलोजन टैबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, चूना आदि की उपलब्धता की निरंतर मॉनिटरिंग भी की जा रही है.
स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि चलंत चिकित्सा एवं राहत शिविरों द्वारा गर्भवती महिलाओं नवजात शिशुओं और गंभीर रूप से ग्रसित व्यक्तियों को चिह्वित कर बेहतर उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है.
साथ ही पानी शुद्धिकरण के लिए हैलोजन टैबलेट प्रत्येक परिवार को उपलब्ध कराया जा रहा है. पानी के कारण होनेवाली बीमारियों से बचाव के लिए ब्लीचिंग पाउडर/गैमैक्सीन और चुना का छिड़काव सभी प्रभावित क्षेत्रों में किया जा रहा है. सांप काटने पर इलाज की दवा और कुत्ता काटने पर इलाज के लिए दवा हर चिकित्सा शिविर में पर्याप्त मात्र में भेजी गयी है. इसके अतिरिक्त बाढ़ एवं जलजनित बीमारियों के लिए पर्याप्त मात्र में आवश्यक दवाएं सभी पीएचसी एवं स्वास्थ्य शिविर में उपलब्ध करायी गयी है.
प्रत्येक जिले में दिन रात काम कर रहे कर्मियों ने पूर्णिया में 56 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया है. वैशाली के राघोपुर में 1000 लोगों को स्वास्थ्य शिविर में सेवाएं उपलब्ध करायी गयी है. सारण में अब तक 2038 मरीजों का इलाज स्वास्थ्य शिविर में की गयी है. लखीसराय में 575 लोगों को स्थायी एवं चलंत स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध करायी गयी है तथा रोजाना 50–60 लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है.
स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों के लिए कॉल सेंटर 104 में भी बाढ़ प्रभावित लोगों की समस्याओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. बक्सर में सिमरी ब्लॉक के नियाजीपुर गांव के हरेंद्र यादव ने 104 कॉल सेंटर में फोन कर हैलोजन टैबलेट की मांग की और बाढ़ समस्याओं को भी सामने रखा. तत्काल ही हैलोजन टैबलेट और अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी गयी.
ऐसे ही भागलपुर के राघोपुर के निवासी संदीप कुमार सोनु ने डायरिया फैलने की सूचना दी. इसपर कार्रवाई करते हुए डायरिया की दवा उपलब्ध करायी गयी. खगडि़या वंसलवा ग्राम निवासी रंजीत मिश्रा के डॉक्टर और दवा उपलब्ध कराने की मांग भी तुरंत पुरी की गयी.
पटना : बाढ़ से प्रभावित परिवारों को छह-छह हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा. इसमें वे सभी लोग शामिल होंगे, जो बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. डीएम एसके अग्रवाल ने इसके लिए बीडीओ, सीओ व एसडीओ को सर्वे की जिम्मेवारी सौंपी है. इसकी रिपोर्ट एक माह के भीतर तैयार कर सौंपनी होगी. डीएम ने बताया कि पटना जिले में बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों का ब्योरा तैयार कराया जा रहा है. इसके बाद उन सभी परिवारों को राहत के नाम पर चेक का वितरण किया जायेगा. डीएम के मुताबिक अभी के हालात के मुताबिक बाढ़ से लगभग 50 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. हालांकि सर्वे के बाद ही सही आंकड़ा मौजूद होगा.
बाढ़ से प्रभावित वैसे लोगों का अलग से सूची तैयार की जायेगी, जिनका घर बाढ़ में ढह गया हो या पूरी तरह से ध्वस्त हो गया हो. इसके लिए पानी खत्म होने के बाद अलग से स्पेशल टीम गठित की जायेगी और आंकड़ा तैयार करने के बाद उसकी सूची सरकार को भेजी जायेगी.
इसके बाद वहां से तय की गयी राशि का वितरण लोगों में कराया जायेगा. लेकिन, यह उसी वक्त संभव है, जब गांव से पानी निकल जाये और उन घरों को बारीकी से देखा जाये, जो कि बाढ़ में ढह गये हैं. उनको इसके अलावा भी अलग से राशि मिलेगी.

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