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गिरफ्तारी जांच की प्रति थाना अभिलेख में हो उपलब्ध
पटना : आवेदक जनार्दन सिंह बनाम प्रथम अपीलीय प्रधिकार-सह-प्रधान सचिव गृह (आरक्षी) विभाग, पटना सह लोक सूचना पदाधिकारी सह पुलिस अधीक्षक बांका के मामले में सूचना आयुक्त के अनुसार किसी की पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के मामले की प्रतियां प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार आवेदक को है. यह सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा आठ में […]
पटना : आवेदक जनार्दन सिंह बनाम प्रथम अपीलीय प्रधिकार-सह-प्रधान सचिव गृह (आरक्षी) विभाग, पटना सह लोक सूचना पदाधिकारी सह पुलिस अधीक्षक बांका के मामले में सूचना आयुक्त के अनुसार किसी की पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के मामले की प्रतियां प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार आवेदक को है.
यह सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा आठ में भी है. साथ ही यह दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं में भी उल्लिखित है, जिसमें नोटिस बोर्ड पर गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम, पता होना बताया गया है. इसके अलावा 15 मई 2015 को पारित आदेश की प्रतिलिपि पुलिस महानिदेशक बिहार की ओर से जारी आदेश में भी दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं के अनुपाल का जिक्र किया गया है.
सूचना आयुक्त बीके वर्मा ने अपने आदेश में गिरफ्तारी के संदर्भ में सर्वोच्य न्यायालय के द्वारा डीके बासु बनाम स्टेट ऑफ वेस्ट बंगाल के पारित आदेश में भी उपर्युक्त विषय का आदेश की बात कही. राज्य सूचना आयुक्त ने ऐसे मामलों में आपना सुझाव देते हएु कहा है कि गिरफ्तारी में थाना के पास अतिरिक्त प्रति के रूप में संरक्षित रखने पर विचार किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि गिरफ्तारी ज्ञाप–41 बी की अपेक्षाओं के अनुरूप अवश्य ही कॉपी तैयार किए जाए और उसकी प्रति प्रत्येक परिस्थिति में थाने के अभिलेखों में उपलब्ध रहे.
जिससे आवेदक द्वारा मांगी गयी सूचना का जबाव ससमय दिया जा सकेे. सूचना आयुक्त ने यह निदेश दिया है कि सुनवाई की अगली तिथि के पूर्व पुलिस महानिदेशक, बिहार यह सूचित करें की इस आदेश के अनुपालन में कौन सा आदेश उनके द्वारा निर्गत किया जा रहा है तथा जिला एवं मुख्यालय स्तर पर पुलिस नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था कब तक की जाएगी.
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