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सड़क से घाट तक फिर चढ़ी गंगा, आज राहत की आस

बेबसी. जल स्तर बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल, सड़कों पर पानी के कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी पटना : गंगा के जल स्तर में फिर वृद्धि हुई है. मंगलवार को गांधी घाट पर जल स्तर रात नौ बजे 50.11 मीटर था, जबकि, बुधवार को गांधी घाट पर सुबह दस बजे से लेकर […]

बेबसी. जल स्तर बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल, सड़कों पर पानी के कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी
पटना : गंगा के जल स्तर में फिर वृद्धि हुई है. मंगलवार को गांधी घाट पर जल स्तर रात नौ बजे 50.11 मीटर था, जबकि, बुधवार को गांधी घाट पर सुबह दस बजे से लेकर शाम छह बजे के बीच जल स्तर 50.19 मीटर हो गया. कलेक्ट्रेट घाट पर जहां पानी मंदिर के चबूतरा से नीचे चला गया था, वह दोबारा से भर गया है. इसी तरह पटना के कुर्जी घाट पर भी जल स्तर में हल्की वृद्धि हुई है. कालीघाट, दीघा घाट, दुजरा घाट, बांस घाट पर भी पानी का स्तर बढ़ रहा है.
मनेर में सोन का जल स्तर बढ़ा है. फिर से उन सभी जगहों पर पानी भर गया है, जहां से पानी निकल रहा था. मनेर बजार में दोबारा पानी पहुंच गया है. मनेर नगर पंचायत के तीन गांव जल मग्न हो चुके हैं. इसी तरह बख्तियारपुर व फतुहा में गंगा व पुनपुन का जल स्तर कम होने की जगह बढ़ने लगा है. फतुहा में बांध के कटाव से पूर्व से ही परेशानी बढ़ी हुई थी और फिर से जल स्तर बढ़ने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. अधिकारियों के मुताबिक अब गंगा के जल स्तर में कोई ज्यादा वृद्धि नहीं होगी. रात से गंगा के जल स्तर में गिरावट होने की उम्मीद है.
कहीं घटेगा, तो कहीं बढ़ेगा पानी : केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जल स्तर बुधवार को बक्सर, दीघा, मुंगेर, साहेबगंज, फरक्का में खतरे के निशान से क्रमश: 92 सेमी, 60 सेमी, 140 सेमी व 161 सेमी ऊपर था. लेकिन, जल स्तर में गुरुवार दोपहर 12 बजे तक बक्सर में, सुबह आठ बजे तक मुंगेर व शाम 8 बजे तक फरक्का में क्रमश: छह सेमी, छह सेमी व 15 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है. जबकि सुबह आठ बजे तक दीघा घाट एवं छह बजे साहेबगंज में पांच सेमी एवं चार सेंमी की कमी होने की संभावना है.
वहीं, सोन नदी का जल स्तर बुधवार सुबह छह बजे कोईलवर में खतरे के निशान से 44 सेमी नीचे था. इसके जल स्तर में गुरुवार सुबह 10 बजे तक 48 सेमी की कमी होने की संभावना है. पुनपुन नदी का जल स्तर भी बुधवार की सुबह में खतरे के निशान से 180 सेमी ऊपर था. इसके जल स्तर में गुरुवार की सुबह आठ बजे तक 28 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है.
पुनपुन नदी का पानी फिर बढ़ा : बीते दो दिनों से पुनपुन नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे गिरावट के बाद बुधवार की सुबह अचानक एक बार फिर बढ़ जाने से लोगों की दूर हो रही परेशानी पुन: लौट आयी. इस बाबत पुनपुन सीओ ने बताया कि पुनपुन का जलस्तर बुधवार की सुबह अचानक बढ़ गयी है. जलस्तर अभी खतरे के निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर है.
छह गांवों की जिंदगी कैद : बाढ़ से प्रभावित पंडारक प्रखंड के तीन पंचायतों के छह गांवों सहनौरा, ढीबर, वरियारपुर, दरगाही टोला बिंदटोली व रैली इंग्लिश कि स्थिति में चार दिनों के बाद भी जस कि तस बनी हुई है. वहीं पानी के स्तर में गिरावट नहीं होने के कारण बुधवार को भी लोगों को अपने घरों में कैद रहना पड़ा. इस बीच प्रशासन द्वारा मध्य विद्यालय दरगाही टोला में बनाये गये राहत कैंप में बुधवार को 127 बाढ़ पीड़ितों के बीच 225 किलोग्राम चुड़ा व 50 किलोग्राम गुड़ का वितरण किया गया. इधर सहनौरा गांव से लेकर एनटीपीसी तक उच्च पथ आज भी पानी में डूबा हुआ है.
गंगा का जल स्तर फिर बढ़ा, लोग बेहाल : गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ अनुमंडल के लोगों में फिर दहशत हो गयी है. कई गांव अब भी बाढ़ का कहर झेल रहे है. वहीं दूसरी तरफ जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है. ढ़ीबर गांव के पास एनएच 31 पर लगातार चौथे दिन भी पानी का बहाव जारी रहा, जिससे लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है. पंडारक व बाढ़ के राहत शिविरों में व्याप्त कुव्यवस्था के कारण पीड़ितों को खाद्य सामग्री मिलने में कठिनाई हो रही है.
दियारे के लोगों को आफत
दानापुर 3 गंगा व सोन के रौद्र रूप धारण करने के बाद दियारे के सात पंचायतों बाढ के पानी से जलमग्न हो गया है़ लोगों के घरों में छाती भर पानी घुसा हुआ है, जिससे लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. वहीं दियारे के हेतनपुर, माधोपुर, गंगहारा आदि पंचायतों में अभी तक राहत सामग्री नहीं वितरण किये जाने से लोग भूखे-प्यासे धूप में छटपटा रहे है़ 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 17 सेंमी वृद्धि हुई है़ बाढ नियंत्रण कक्ष द्वारा बुधवार की शाम देवनानाला परगंगा का जलस्तर 171़50 फीट नापा गया है, जबकि खतरे के निशान से साढे तीन फीट गंगा का जलस्तर ऊपर बह रहा है. बुधवार कोएसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी सत्य प्रकाश व बीडीओ सुशील कुमार ने दियारे के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर खाद्य सामग्री का वितरण किया.
गंगा के जल स्तर में वृद्वि से बाढ़पीड़ित सहमे : मनेर. बुधवार को मनेर में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि व उफान के बाद बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लोगों के बीच भय का माहौल कायम रहा है. नदियों के उफान पर रहने से अन्य गांवों के भी बाढ़ पीड़ित पलायन करना शुरू कर दिया. लोग अपने सामान को लेकर मनेर की ओर सुरक्षित स्थानों की तलाश व रिलीफ कैंप की ओर निकल पड़े.
बाढ़ के पानी में वृद्धि की सूचना मनेर सीओ अंजू सिंह के द्वारा दिये जाने पर लोग दिन भर परेशान रहे. बता दें कि बाढ़ से दियारा का छह पंचायत व नगर पंचायत के तीन मुहल्ले प्रभावित है. वहीं नपं अध्यक्ष सुशीला देवी, उपाध्यक्ष संजय भाई व पूर्व नपं अध्यक्ष विद्याधर विनोद अपने स्तर से बाढ़ ग्रस्त जंगलिया टोला, अदलचक व डुमरियां गांव में राहत सामग्री व अन्य व्यवस्था में जुटे रहे.
बाढ़ राहत वितरण में बिचौलियों को नहीं घुसने दें: लालू
पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा है कि बाढ़ राहत वितरण में बिचौलियों काे घुसने नहीं दिया जाये. बुधवार को लालू प्रसाद ने स्वास्थ मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ कुर्जी घाट से मनेर तक के सभी बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिये पीड़तों से मुलाकात की. वे लोगों से बाढ़ राहत वितरण के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद कहा कि सरकार द्वारा ऐसी व्यवस्था की गयी है जिसमें बिचौलीयों को राहत वितरण से अलग रखा गया है.
उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी जब घट जायेगा तो जान माल के हुए नुकसान का आकलन कर राहत राशि सीधे लाभार्थी के खाते मे जमा करायी
जायेगी. बिचौलीयों को इस व्यवस्था में प्रवेश नीं करने दें ताकि राहत राशि लाभार्थी के खाते में जमा हो. प्रसाद ने कहा की बड़े – बड़े नावों की व्यवस्था कर बाढ़ से घिरे गांवों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. बाढ़ सहायता शिविरों मे दोनों समय का खाना मिल रहा है.
मैंने सरकार से अनुरोध किया है की पत्तल की जगह पर स्टील की थाली, कटोरीतथा गिलास की व्यवस्था किया जाये. शिविरों मे शौचालय की व्यवस्था और डॉक्टरों का इंतजाम किया गया है. इसके अतिरिक्त मोबाइल चिकत्सिकों के दल की भी व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि नकटा दियारा मे अब कोई नही है. वहां के सभी लोगों को वहां से सुरक्षित निकालकर शिविरों मे पहुंचा दिया गया है. स्वास्थ मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि शिविर में हर तरह की व्यवस्था है. दवा, एनटी रैबीज़ वेक्सीन, हैलोज़न टेबलेट की पर्याप्त मात्रा मे व्यवस्था की गयी है. लालू प्रसाद के साथ विधान पार्षद रणविजय सिंह, विधायक भाई अरुण, राजद जिला अध्यक्ष देवमुनी सिंह यादव, सामजिक कार्यकर्ता सुभाष यादव आदि मौजूद थे.
राहत उपलब्ध नहीं कराये जाने से नाराज विधायक धरना पर बैठे : बख्तियारपुर में अधिकारियों द्वारा राहत उपलब्ध कराने में बरते जा रहे कोताही से नाराज विधायक रणविजय सिंह उर्फ लल्लू मुखिया बेनीपुर गांव के पास एनएच 30 पर ही अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गये. उन्होंने बताया की एक सप्ताह से दियारा व अन्य क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूबा है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार का राहत कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है. इस बीच जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल धरना स्थल पर पहुंचे व विधायक से बात की. इस दौरान पशुपालन मंत्री अवधेश सिंह भी वहां पहुंचे व राहत सामग्री वितरित किये जाने का आश्वासन देकर अनशन समाप्त कराया.
पशुपालन मंत्री ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया दौरा : पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने पटना सिटी से बख्तियारपुर तक विभिन्न राहत शिविरों का दौरा कर पशुपालकों को मिल रही सहायता का निरीक्षण किया गया. वे इस इस क्रम सुकुलपुर (सोनामा पंचायत), मकसुदपुर (फतुहा) बैकटपुर, मोहसीनपुर और कैलवरिया (खुसरूपुर) के विस्थापित पशुपालकों की समस्याओं को सुना और परेशानी दूर करने का निर्देश दिया. इसी क्रम में सुंदरपुर (बख्तियारपुर) के राहत शिविर में खाद्य सामग्री आदि नहीं बंटने के कारण स्थानीय भाजपा विधायक रणविजय सिंह उर्फ लल्लू मुखिया द्वारा सड़क जाम करने पर मंत्री ने मिलकर पूरी व्यवस्था का अधिकारियों को निर्देश दिया. वे ग्यासपुर, करौटा आदि शिविरों का निरीक्षण करते हुए बख्तियारपुर से पटना वापस लौटे. मंत्री के साथ दौरा में डॉ शतानंद ब्रह्मचारी, डॉ संतोष कुमार दीक्षित, डॉ अनुरंजन कुमार गौतम,डॉ दिवाकर प्रसाद आदि साथ थे.
…वह कागज का टुकड़ा नहीं था, जिसे पाने डूबे दियारे में गया धर्मेंद्र
रविशंकर उपाध्याय
पटना : नकटा दियारा के धर्मेंद्र के लिए पिछले रविवार का दिन उसकी जिंदगी के लिहाज से बेहद अहम था. हुआ कुछ यूं कि जब गंगा की धारा ने उसके पूरे घर को चपेट में ले लिया तो उसे यह भी होश नहीं रहा कि अभी अभी तो उसने मैट्रिक की परीक्षा दी है. उसका मार्कशीट से लेकर सर्टिफिकेट सब उस ट्रंक में रह गया जिसमें उसके अन्य कागजात पड़े हुए थे.
यह ध्यान नहीं रहा और कुछ जरूरी कपड़े आदि उठाकर वह अपने परिवार के साथ वापस नाव में बैठ गया. नाव तो उसे दो घंटे में दीघा घाट पर ले आयी लेकिन जैसे ही वह घाट पर पहुंचा तो उसके होश उड़ गये. उसे बार बार लग रहा था कि उसके जीवन भर की कमाई कहीं बाढ़ में तो नहीं बह जायेगी. सोमवार को जब लहरों का बहाव काफी तेज था तो वह दीघा के घाट पर पहुंचा लेकिन कोई भी नाव उसे नहीं मिली तो उस तरफ दियारे में ले जाये. पूरा दिन परेशानी में गुजरा और मंगलवार को वह किसी तरह एक नाव पकड़ कर वापस अपने घर चला गया. दो घंटे बाद जब धर्मेंद्र दियारे में पहुंचा तो वहां पर उसके घर का पहला तल्ला पानी में पूरी तरह डूब चुका था. उसी के एक कमरे में ट्रंक था.
अब वह क्या करे? थोड़ा बहुत तैरने वाले धर्मेंद्र ने एक रिस्क ले ही लिया, तैरते हुए कमरे में ट्रंक तक पहुंचा तो उसकी आंखों में चमक थी. चमक इस कारण थी कि ट्रंक को परिवार के किसी सदस्य ने चौकी पर रख दिया था. इसके कारण बक्से का मुंह पानी से बचा हुआ था. वहां घुस कर धर्मेंद्र ने सर्टिफिकेट निकाला और वापस दीघा घाट लौटा. धर्मेंद्र ने बताया कि मेरा पहला सर्टिफिकेट मिल गया मैं बहुत खुश हूं.
राहत शिविर. खाना और रहना ही नहीं, सिखा रहे ज्ञान की बात
पटना : बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए जिले में राहत कैंप लगाये गये हैं. इन शिविरों में महिला व बच्चों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं. बीएन कॉलेजिएट स्कूल व बिहार विद्यापीठ के शिविरों में रहने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी सेविकाओं ने पढ़ाया. साथ ही सभी शिविर में शिक्षकों की तैनाती भी हुई है, जो बच्चों को पढ़ायेंगे. वहीं, डॉक्टर महिलाओं को साफ-सफाई से जुड़ी जानकारी देंगे, ताकि वे बीमारियों से बच सकें.
शिविर में पहले दिन प्रोजेक्टर का इस्तेमाल किया गया. इसके माध्यम से ही बच्चों को पढ़ाया गया. महिलाओं को जागरूक करने के लिए भी सीडी का इस्तेमाल किया गया, जिसमें सफाई नहीं रखने से किस तरह की बीमारियां हाेती हैं, इसके बारे में जानकारी दी गयी. आंगनबाड़ी सेविकाओं को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह ऐसा प्रशिक्षण दें, जो कम समय का हो, लेकिन उसका फायदा इन्हें हमेशा मिले.
शिविर में रहने वाले छोटे बच्चों को आंगनबाड़ी के मेन्यू के मुताबिक खाना मिलेगा व पढ़ाई होगी. इसमें बच्चों को वहीं खाना मिलेगा, जो आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिया जाता है. इसके लिए बच्चों की गिनती भी कर ली गयी है, ताकि शिविरों में हंगामा नहीं हो. वहीं महिला, बुजुर्ग, युवा व बच्चों को थाली में खाना मिलेगा, इसके लिए थाली, ग्लास व कटोरी की खरीदारी की गयी है. इसे बाढ़पीड़ितों में वितरित कर दिये जायेंगे. जब खाना का समय होगा वह अपनी थाल लेकर जगह पर पहुंच जायेंगे.
डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बाढ़पीड़ितों के लिए लगाये गये राहत शिविरों में अांगनबाड़ी सेविका व शिक्षिकाओं के माध्यम से पढ़ाई व प्रशिक्षण देने का आदेश दिया गया है. बुधवार से अधिकतर शिविरों में प्रशिक्षण कार्य व बच्चों की पढ़ाई शुरू हो गयी है. खाने के लिए पत्ते के थाल के बदले में स्टील की थाली की व्यवस्था की गयी है.
महिलाओं की वैज्ञानिक चेतना का हो रहा विकास
पटना. बाढ़ राहत शिविर में जिला प्रशासन की तरफ से एक अच्छी पहल की गयी है. वहां आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा ‘महिला मंडल’ की बैठक की जा रही है, जिसमें शिविर में रह रही किशोरी व महिलाएं भाग ले रही हैं. उन्हें विभिन्न मुद्दों पर जागरूक करने का काम किया जा रहा है. बुधवार को बीएन कॉलेजिएट स्कूल में सेविकाएं उन्हें नवजात की देखरेख और स्तनपान की फायदों से रूबरू करायी. आंगनबाड़ी सेविका ने बताया कि महिलाएं की गलत धारणायों को तोड़ने का काम किया जा रहा है. उनके अंदर वैज्ञानिक चेतना का विकास किया जा रहा है ताकि वह खुद और अपने बच्चों का सही से ख्याल रख सकें. वहीं, किशोरियों को किशोरावस्था में होने वाली परेशानियों और उसके समाधानों के बारे में भी बताया जा रहा है.
पीड़ितों की सेवा में आगे आये छात्र-एनजीओ
पटना. राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए छात्र और एनजीओ आगे आ रहे हैं. वे न सिर्फ खान-पान की व्यवस्था में लगे हैं, बल्कि चिकित्सा शिविर भी लगा रहे हैं. पशुओं के लिए चारे का भी वितरण किया जा रहा है. पटना लॉ कॉलेज घाट पर लगाये गये राहत शिविर में लायंस क्लब इंटरनेशनल की ओर से 110 परिवारों के लिए खान-पान की व्यवस्था की गयी है.
क्लब अगले दस दिनों तक यह सेवा देंगे. क्लब की ओर से बीएन कॉलेजिएट स्कूल में स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया. वहीं, लॉ कॉलेज के छात्र व रोटरी पाटलिपुत्रा की ओर से बुधवार की सुबह मवेशियों के लिए चारे का वितरण किया गया. छात्र विजय कुमार विमल और सुधांशु ने बताया कि पीड़ितों के लिए हॉस्टल खोल दिया गया है.
बाढ़पीड़ितों को शिविर में अब मिलेगा नाश्ता
पटना : अब तक बाढ़ पीड़ितों को दो वक्त भोजन देने का प्रावधान था. अब उन्हें दो वक्त के भोजन के अलावा सुबह में नाश्ता भी दिया जायेगा. यह निर्देश बाढ़ग्रसित 12 जिले और पांच पूर्व से बाढ़ग्रस्त पांच जिलों के डीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिया गया. मुख्य सचिवालय में बाढ़ राहत और बचाव की जानकारी के लिए डीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा है कि अब दो सौ बाढ़ पीड़ितों की संख्या पर एक रसोई घर स्थापित करने का दिया.
उन्होंने कहा है कि अधिक संख्या में लोगों के होने के कारण समय पर लोगों को भोजन नहीं मिल पाता है. जहां बाढ़ पीड़ित हो, वहीं कैंप किचेन बनेगा. वीडियो कांफ्रेंसिंग में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार और आपदा प्रबंधन के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार मौजूद थे.

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