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राहत की जगह गाद का मुद्दा उठा रहे हैं नीतीश : मोदी

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि जब 4 लाख से ज्यादा बाढ़ पीड़ितों को अच्छी सहायता पहुंचाने की जरूरत है तब नीतीश कुमार गंगा में गाद और फरक्का बांध के मुद्दे उठा रहे हैं. मोदी ने एक अन्य ट्वीट कर कहा है कि […]

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि जब 4 लाख से ज्यादा बाढ़ पीड़ितों को अच्छी सहायता पहुंचाने की जरूरत है तब नीतीश कुमार गंगा में गाद और फरक्का बांध के मुद्दे उठा रहे हैं. मोदी ने एक अन्य ट्वीट कर कहा है कि शिक्षक नियुक्ति में धांधली की शिकायतों के बाद नीतीश ने 2007 में बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग को भंग कर यह काम बिहार लोकसेवा आयोग को सौंपा था.
जब बीपीएससी ने शिक्षकों के 3465 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू
कर शिक्षित बेरोजगारों में उम्मीद जगाई व 8 विषयों के लिए इंटरव्यू भी हो गया तब शिक्षा मंत्री ने फिर विश्वविद्यालय सेवा आयोग बनाकर शिक्षक भर्ती
करने का फरमान जारी कर दिया. सरकार वास्तव में नियुक्ति करना ही नहीं चाहती.बेरोजगारों को झांसा देकर वोट लिये गये. अब उन्हें पूछा नहीं जा रहा है. एक और ट्वीट में मोदी ने नीतीश से पूछा है कि 2016 में जिन 2 लोगों की मौत को औरंगाबाद प्रशासन ने फूड प्वाइजनिंग का मामला बताया था, उसकी फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट ने जहरीली शराब से मौत की पुष्टि की. गोपालगंज में 22 लोगों की मौत के बाद भी यही रवैया अपनाया गया. क्या नीतीश मौत की असली वजह छिपाने वाले अफसरों की संपत्ति जब्त करने के लिए भी शराबबंदी कानून में संशोधन लायेंगे.
2009 के पहले पीएचडी करने वालों को सरकार दे रही राहत : संजय सिंह
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि सरकार यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन में संशोधन के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए अभ्यर्थियों को राहत देने का फैसला लिया है.
उन्होंने कहा कि 2009 से पहले के पीएचडीधारियों के लिए नेट की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है. बीपीएससी ने अब तक आठ विषयों के शिक्षकों के पदों के लिए नियुक्ति के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी करा ली है. अभी 33 विषयों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया बाकी है. सरकार ने पूर्व में हुए इंटरव्यू में खाली रह गयी सीटों के लिए भी कार्यक्रम तैयार किया है. सिंह ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी अब इस पर सवाल उठा रहे हैं.
जबकि सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि विश्वविद्यालयों में रिक्ति का फिर से आकलन हो. अभी 3364 पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी. करीब 3500 पद और पहले से रिक्त है. दो नये विश्वविद्यालयों की रिक्तियों को भी इसमें जोड़ा जायेगा. बाढ़ राहत पर सिंह ने कहा कि यह काम हर जगह बहुत बेहतर तरीके से चल रहा है. लेकिन, बाढ़ की समस्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दस सालों से केंद्र सरकार के सामने सवाल निरंतर उठा रहे हैं. गंगा नदी की गहरायी घट रही है जिस कारण से पानी आने पर उसका आसपास के इलाके में फैलाव हो जाता है. केंद्र सरकार इस ओर बिलकुल ध्यान नही दे रही है.
उन्होंने कहा कि फरक्का डैम को हटाने के अलावा कोई और रास्ता है तो केंद्र सरकार बताये और उस पर काम करे. शराबबंदी को लेकर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि जो नयी नीति बनी है वो दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनी है. शराब की नई नीति भी इसी को देखते हुए बनाया गया कि लोगों अंदर इस बात का डर रहे कि यदि वो गलती से भी यह गलती करते हैं तो उन्हे सजा मिलेगी.

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