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कानूनी पेच में फंसे पीआरडीए के छह भूखंड, दो केस कोर्ट में
पटना : राजधानी के एसके पुरी स्थित पटना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार(विघटित), पीआरडीए के भूखंड को आवासीय कॉलोनी बसाने के लिए आवंटित किया गया, पर धीरे-धीरे एसके पुरी में व्यावसायिक गतिविधियां जोर-शोर से शुरू कर दी गयी. इसके साथ ही आवंटी लीज-डीड की सेवा शर्तों का उल्लंघन कर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और अपार्टमेंट निर्माण भी करना शुरू […]
पटना : राजधानी के एसके पुरी स्थित पटना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार(विघटित), पीआरडीए के भूखंड को आवासीय कॉलोनी बसाने के लिए आवंटित किया गया, पर धीरे-धीरे एसके पुरी में व्यावसायिक गतिविधियां जोर-शोर से शुरू कर दी गयी. इसके साथ ही आवंटी लीज-डीड की सेवा शर्तों का उल्लंघन कर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और अपार्टमेंट निर्माण भी करना शुरू किया. हाइकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद अवैध निर्माणाधीन अपार्टमेंट पर तत्कालीन नगर अायुक्त कुलदीप नारायण ने कार्रवाई शुरू की.
नगर आयुक्त ने एसके पुरी स्थिति एसके पुरी के अवैध निर्माणाधीन अपार्टमेंटों पर निगरानी वाद केस दर्ज किया, जिसमें छह भूखंडों के लीज को रद्द करने का भी आदेश दिया, लेकिन आज तक निगम प्रशासन पीआरडीए के भूखंड को अपने कब्जे में नहीं लिया है.
एसके पुरी के भूखंड नंबर 215ए आरती बनर्जी के नाम से आवंटित है. आवंटी ने बिल्डर से डेवलपमेंट एग्रीमेंट कर अपार्टमेंट निर्माण करना शुरू किया. साथ ही भूखंड संख्या 165बी गजेंद्र मोहन मिश्र व अन्य के नाम आवंटित है. आवंटी ने आवासीय भवन के बदले कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाया.
इस निगम पर दर्ज निगरानीवाद केस की फैसला सुनाते हुए तत्कालीन नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने लीज रद्द करते हुए आवंटन की राशि लौटाने का आदेश दिया था. भू-संपदा पदाधिकारी ने दोनों भूखंडों को सील कर दिया. हालांकि मामला कोर्ट में रहने से स्टे लगा हुआ है.
मांगा गया है स्पष्टीकरण एसके पुरी स्थित कुछ भूखंडों का मामला कोर्ट में चल रहा है, जहां स्टे लगा हुआ है. इसके बाद कुछ भूखंडों को कब्जा में लिया जा सकता है. इस कड़ी में ही डुमरलाल बैठा के भूखंड का म्यूटेशन आवेदन स्वीकृत करते हुए स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.
आरती, भू-संपदा पदाधिकारी, नगर निगम
चार भूखंडों पर कोई कार्रवाई नहीं
एसके पुरी की भूखंड संख्या 134बी का आवंटन संजय सिंह और भूखंड संख्या एम2/8 का आवंटन रमेेश प्रसाद के नाम किया गया है. इन दोनों ने सेवा शर्त का उल्लंघन कर निर्माण शुरू किया था. अवैध निर्माण के खिलाफ निगरानीवाद केस दर्ज किया. इसके साथ ही एसके पुरी के होटल बुद्ध इन के भूखंड और इसी होटल के सामने स्थित भूखंड का आवंटन डुमरलाल बैठा के नाम है. इस भूखंड पर कोई निर्माण नहीं किया गया. तत्कालीन आयुक्त ने बुद्धा इन के साथ डुमरलाल बैठा के भूखंड को भी लीज रद्द करने का आदेश देते हुए आवंटन राशि का छह प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया
नगर आयुक्त के आदेश पर राशि लौटाने की प्रक्रिया शुरू की गयी, तो नोटिस रिसीव करने वाला कोई नहीं था. डुमरलाल बैठा की आवंटित भूखंड की स्थिति यह है कि चार माह पहले बाउंड्री की गयी और म्यूटेशन के लिए आवेदन दिया. म्यूटेशन आवेदन को रद्द करते हुए भू-संपदा पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण पूछा है, जिसका जवाब आवंटी नहीं दिया है. हालांकि, निगम इन भूखंडों को अपने कब्जा में नहीं कर रहा है.
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