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चादरें गायब, धुलाई खर्च तीन लाख
पीएमसीएच में फटी चादरें भी हो चुकी हैं गायब, लेकिन हो रही धुलाई पटना : पीएमसीएच में भले ही मरीजों के बेड पर चादर नहीं दिखायी देती, लेकिन पीएमसीएच प्रशासन चादर धुलाई के नाम पर हर महीने तीन लाख रुपये खर्च कर रहा है. यह स्थिति तब है जब पीएमसीएच के अधिकतर वार्ड में बिछने […]
पीएमसीएच में फटी चादरें भी हो चुकी हैं गायब, लेकिन हो रही धुलाई
पटना : पीएमसीएच में भले ही मरीजों के बेड पर चादर नहीं दिखायी देती, लेकिन पीएमसीएच प्रशासन चादर धुलाई के नाम पर हर महीने तीन लाख रुपये खर्च कर रहा है. यह स्थिति तब है जब पीएमसीएच के अधिकतर वार्ड में बिछने वाले चादर गायब हो चुके हैं. मरीजों को चादर नहीं मिलने की वजह से कई मरीज अपने घर से चादर लाकर अपना काम चला रहे हैं. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि पीएमसीएच में चादर खत्म होने के बाद भी धुलाई के नाम पर पैसा कहां जा रहा है, यह समझ से परे है. अस्पताल में चादर धुलाई का काम प्राइवेट एजेंसी देखती है. जिसे हर महीने पीएमसीएच प्रशासन सभी चादर, तकिया कवर आदि धोने को देता है.
अधिकारियों के आदेश भी हवा में
जुलाई महीने में पीएमसीएच अस्पताल का निरीक्षण करने आये कमिश्नर आनंद किशोर ने निरीक्षण के दौरान चादर नहीं होने से नाराजगी जतायी थी. मरीजों को सतरंगी चादर मिलने के लिए उन्होंने अगस्त महीने के पहले सप्ताह में व्यवस्था सुधारने की बात कहीं थीं, लेकिन यहां कमिश्नर के आदेश की धज्जियां उड़ गयी हैं. करीब एक महीने बाद भी अस्पताल में सतरंगी चादर की व्यवस्था नहीं हो पायी है. आज भी मरीज अपने घर से चादर ला रहे हैं.
न दवा और न ठीक हुए उपकरण
पीएमसीएच में मरीजों को कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. अस्पताल में दवा खरीदी की योजना भी कागजों पर झूल रही है. कई बार दवाओं का टेंडर हुआ, टेंडर के बाद प्राइवेट कंपनियां भी आयीं लेकिन अभी तक मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही है. हालत यह है कि ओपीडी में महज सात दवाओं से ही काम चलाना पड़ रहा है, जबकि ओपीडी में करीब 120 प्रकार की दवाएं होनी चाहिए. इतना ही नहीं अस्पताल में न तो डायलिसिस मशीन सही हो पायी और न ही मरीजों को 24 घंटे डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो पायी. नतीजा कमिश्नर के निरीक्षण का कोई असर अस्पताल परिसर में दिखायी नहीं दे रहा है.
– आदेश : सफाई व्यवस्था दुरुस्त
हकीकत : वार्ड लेकर से आरसीबी, टाटा वार्ड व परिसर तक गंदी लगी रहती है
– आदेश : निजी एंबुलेंस परिसर से हटेंगे
हकीकत : निजी एंबुलेंस इमरजेंसी तक पहुंच जाते हैं.
– आदेश : इमरजेंसी व वार्ड में मरीज के साथ एक ही परिजन होंगे
हकीकत : अब भी एक मरीज के साथ कई लोग आते-जाते हैं.
– आदेश : डॉक्टर सुबह व शाम राउंड लेंगे
हकीकत : राउंड सिर्फ कागज पर. मरीज जूनियर डॉक्टरों के भरोसे.
– आदेश : मुख्य द्वार पर बिना चेकिंग के एक भी वाहन नहीं आयेंगे
हकीकत : अशोक राजपथ के दुकानदार भी अपने वाहन कैंपस में ही लगाते हैं.
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