सामान पहुंचाने के बाद वे पुनः बिंद टोली आ रहे हैं, ताकि उनकी जमीन और मकान न छीन ली जाये. ऊंचे में बने कुछ घरों में लोग जमीन में ईंट बिछा कर रह रहे हैं.
बिंद टोली निवासी पप्पू यादव ने बताया कि बिजली बाधित हो चुकी है. प्रशासन से लाख आग्रह के बाद भी रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है और न ही तिरपाल लगाया गया है. लोग सड़क पर रहने को मजबूर हैं. कीड़े-मकोड़े के साथ लोग किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं.
खाने-पीने की भी आपूर्ति नहीं की गयी है. निवासियों ने शनिवार को खुद चूड़ा-गुड़ की व्यवस्था की हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार को प्रशासन का कोई प्रतिनिधि पीड़ितों से मिलने नहीं आया है. एक मजिस्ट्रेट तैनात भी किये गये हैं. लेकिन, वह नदी पार से ही नजर रखता है. इधर, पटना-भागलपुर में गंगा डेंजर-लेबल से नीचे उतरने के बजाय और ऊपर पहुंच गयी. दोनों जिलों में गंगा खतरे के निशान से 36 व 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी.