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पहले फेल किया, घूस लेकर दे दिया लाइसेंस

लर्निंग लाइसेंस . राजधानी का डीटीओ ऑफिस भ्रष्टाचार के दलदल में, सब वसूलते हैं मोटी रकम अभिमन्यु कुमार साहा @ पटना life@prabhatkhabar.in राजधानी का जिला परिवहन कार्यालय भ्रष्टाचार के दलदल में है. यहां लाइसेंस बनवाने के लिए अधिकारी व कर्मी मोटी रकम वसूल रहे हैं. दफ्तर में अधिकारियों, एजेंटों और बाबू-कर्मचारियों की मिलीभगत से लर्निंग […]

लर्निंग लाइसेंस . राजधानी का डीटीओ ऑफिस भ्रष्टाचार के दलदल में, सब वसूलते हैं मोटी रकम
अभिमन्यु कुमार साहा @ पटना
life@prabhatkhabar.in
राजधानी का जिला परिवहन कार्यालय भ्रष्टाचार के दलदल में है. यहां लाइसेंस बनवाने के लिए अधिकारी व कर्मी मोटी रकम वसूल रहे हैं. दफ्तर में अधिकारियों, एजेंटों और बाबू-कर्मचारियों की मिलीभगत से लर्निंग लाइसेंस की प्रिलिमिनरी टेस्ट में पहले फेल करने और फिर उसी आवेदक से पैसे वसूलकर उसे लाइसेंस जारी करने का गोरखधंधा चल रहा है. इसका खुलासा प्रभात खबर के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है. लर्निंग लाइसेंस के नाम पर वसूली की शिकायत लंबे समय से मिल रही थी.
सच्चाई जानने के लिए प्रभात खबर ने गोरखधंधा में शामिल कड़ियों को जोड़ा. मामले की पुष्टि के लिए स्टिंग किया. जिसमें यह खुलासा हुआ कि लर्निंग लाइसेंसिंग ऑथोरिटी मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआइ) संतोष कुमार सिंह के पास जो आवेदक पहुंचते हैं, पहले उनसे कड़े सवाल कर या फॉर्म में गलती निकालकर उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता है. फिर उसी दफ्तर के कर्मी व चपरासी फेल आवेदकों को पकड़ कर टेस्ट पास करवाने का दावा कर 2000 रुपये तक वसूलते हैं. बिना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और सशरीर पेशी के उनका फॉर्म पास कर दिया जाता है.
चलो निकलो यहां से, समय मत बरबाद करो कल आना ऑरिजिनल के साथ, पढ़ कर आना
– रिपोर्टर एमवीआइ सेः सर… सवाल भी पूछा जाता है क्या?
(एमवीआइ किसी और से बात करता रहता है. रिपोर्टर दोबारा पूछता है. इतने में एमवीआइ के बाये ओर बैठे प्राइवेट एजेंट रिएक्ट करता है)
प्राइवेट एजेंटः पहले डॉक्यूमेंट्स दो.
– रिपोर्टरः ये लीजिये डॉक्यूमेंट्स.
प्राइवेट एजेंटः यार… ऑरिजिनल दिखाओ.
– रिपोर्टरः ऑरिजिनल तो नहीं लाये हैं. सर… यहां सवाल भी पूछते हैं.
प्राइवेट एजेंटः हां, वो देखो बुक… (एमवीआइ के बगल में रखा ट्रैफिक साइन बुक की ओर इशारा करते हुये). इसी से सवाल पूछा जायेगा. रोड साइन के बारे में. पूरा सही नहीं बताये तो फॉर्म रिजेक्ट कर दिया जायेगा.
– रिपोर्टर: सर, कितना जवाब देना होता है.
प्राइवेट एजेंट: सभी सवालों के सही जवाब देने होंगे. यह कम्प्लसरी है.
– रिपोर्टर: अगर नहीं बता पाये तो…?
प्राइवेट एजेंटः चलो निकलो यहां से. समय मत बरबाद करो. कल आना ऑरिजिनल के साथ. पढ़ कर आना.
काहे परेशान हो रहे हैं, हम पास करवा देंगे
– रिपोर्टरः मेरा भी एक काम करवा देंगी क्या?
(एक फेल आवेदक से लाइसेंस डील करते देख रिपोर्टर पूछता है)
महिला कर्मीः करवा देंगे. कल मिलेगा. दिखाइये अपना डॉक्यूमेंट्स.
– रिपोर्टरः अभी फॉर्म नहीं भरे हैं. भर कर देते हैं आपको. पास करवा देंगे न?
महिला कर्मीः हां पास करवा देंगे. आप सीधे आकर फोटो खींचवा लीजियेगा. एकदम हो जायेगा.
– रिपोर्टरः मैडम जी… कितना पैसा लेती हैं?
कर्मीः 200 रुपये डॉक्यूमेंट्स पास करवाने के और 150 रुपये का चालान कटवाने का. कुल 350 रुपये.
– रिपोर्टरः मैडम, हमको नहीं जाना पड़ेगा न एमवीआइ के पास?
कर्मीः काहे परेशान हो रहे हैं… आपको नहीं जाना पड़ेगा. हम सब कुछ करवा देंगे. आराम से रहिये, काम हो जायेगा.
तीन सवाल में दो सही बताये, फिर भी कैंसिल
– रिपोर्टर एक आवेदक से: पास हो गया फॉर्म?
पीड़ित: नहीं भाई…
– रिपोर्टर: क्यों?
पीड़ित: सवाल का जवाब नहीं दे पायें.
– रिपोर्टर: कैसे सवाल?
पीड़ितः ट्रैफिक साइन के बारे में पूछा.
– रिपोर्टरः कितने सवाल पूछे गयें?
पीड़ितः तीन सवाल पूछा गया.
– रिपोर्टर: कितने जवाब दिये?
पीड़ित: दो. एक गलत बताया, तो मेरा फॉर्म कैंसिल कर दिया.
बिना ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट्स के पास करवा देंगे
महिला कर्मीः क्या हुआ… डॉक्यूमेंट्स हो गया पास?
– रिपोर्टरः नहीं मैम. कोई उपाय एमवीआइ से डॉक्यूमेंट्स पास करवाने का?
महिला कर्मीः उपाय है. हो जायेगा
– रिपोर्टरः मैडम… ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट भी देना पड़ेगा क्या?
महिला कर्मीः नहीं, नहीं. आप डायरेक्ट जाइयेगा, तो ऑरिजिनल दिखाना होगा. हम ऐसे ही करवा देंगे. अंदर जाइयेगा, तो सवाल पूछा जायेगा. हम पैसा देकर डायरेक्ट करवा देंगे.
– रिपोर्टरः ठीक है. आज देंगे तो कब तक डॉक्यूमेंट पास करवा दीजियेगा? काम हो जायेगा या आप फर्जी दावा कर रहे हैं?
महिला कर्मचारीः बिल्कुल हो जायेगा. ये देखिये कितने लोगों का करवाये हैं काम. अभी आपके सामने ही एक का काम फाइनल कर के दिये हैं न जी. अभी दीजियेगा तो कल तक करवा देंगे.
– रिपोर्टरः कितना पैसा लगेगा?
महिला कर्मीः लर्निंग का 500 रुपये लगेगा. फाइनल टेस्ट तक का 2000 रुपये लगेगा.
दलाल मांगता है दो हजार रुपये
– रिपोर्टरः भैया, आप पहली बार अप्लाइ करने आये हैं क्या?
पीड़ित : नहीं भाई… दूसरी बार है ये. पहली बार डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के वक्त एमवीआइ ने सवाल पूछ कर फॉर्म रद्द कर दिया था.
– रिपोर्टरः क्या पूछा गया था?
पीड़ितः तीन सवाल पूछा था हम जवाब नहीं दे पाये थे. दलाल दो हजार रुपये मांग रहा था.
दफ्तर में एजेंट को पनाह दे रहे एमवीआइ
पास-फेल कर दलाली करवाने का पूरा खेला नेटवर्क बनाकर किया जा रहा है. एमवीआइ संतोष कुमार सिंह अपने चैंबर में प्राइवेट एजेंट को पनाह दे रहे हैं. चैंबर के टेबल के एक तरफ वह खुद बैठते हैं, दूसरीतरफ दफ्तर का क्लर्क और उसके अपोजिट प्राइवेट एजेंट को पनाह
दिया जा रहा है.
नियम से विरुद्ध ले रहे फैसले
एमवी एक्ट के तहत लर्निंग लाइसेंस के लिए प्रिमिलिनरी टेस्ट में 60 फीसदी सवालों का जवाब देना अनिवार्य होता है. उदाहरण के लिए तीन सवाल में दो सवाल का जवाब देने वाले को लर्निंग के लिए पास कर दिया जाता है. लेकिन एमवीआइ आवेदकों से दो सवालों के जवाब देने के बाद भी उन्हें पास नहीं कर रहे हैं.
मैं दलाली को बढ़ावा नहीं दे रहा
सवाल में नियमों के अनुसार ही पूछता हूं. मेरे चैंबर में कौन बैठता है, यह मुझे नहीं मालूम. पटना आये अभी एक महीने भी नहीं हुआ है. मुझे बहुत सारी चीजें नहीं पता है. मैं दलाली को बढ़ावा नहीं दे रहा हूं.
संतोष कुमार सिंह, एमवीआइ, लर्निंग लाइसेंस ऑथोरिटी
एमवीआइ के दफ्तर में निगरानी रखी जायेगी
अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच की जायेगी. एमवीआइ के दफ्तर में निगरानी रखी जायेगी. इसकी भी जांच होगी कि आवेदकों को जान बूझ कर फेल तो नहीं किया जा रहा है. चैंबर में कोई प्राइवेट एजेंट बैठता है, तो कानूनी कार्रवाई होगी. जो भी दोषी जायेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. विभागीय कार्रवाई को भी लिखेंगे.
सुरेंद्र झा, डीटीओ, पटना

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