पटना: नगर निगम में पिछले तीन-चार माह से ऑडिट हो रहा है. रिपोर्ट में अब तक 30 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है. राज्य सरकार से निगम को मिला 94.22 करोड़ भी खर्च नहीं हुआ है.
यह अनियमितता वित्तीय वर्ष 2012-13 की है. अब तक नगर आयुक्त ने इस अनियमितता को गंभीरता से नहीं लिया है. यही कारण है कि नगर आयुक्त ने सिर्फ सीएफएल लगाने में हुई गड़बड़ी की रिपोर्ट कार्यपालक अभियंता को उपलब्ध कराने को कहा है.
अधर में हैं कई योजनाएं
निगम क्षेत्र में 15 लाख व 10 लाख की योजना हो या फिर जनहित से जुड़ीं योजनाएं. सभी अधर में हैं. मेयर व नगर आयुक्त के बीच विवाद का भी यही कारण है. मेयर का आरोप है कि नगर आयुक्त जनहित की योजनाओं को पूरा करना नहीं चाहते हैं, तो नगर आयुक्त का आरोप है कि मेयर निष्पक्ष काम करने में बाधा डाल रहे हैं. दोनों के विवाद में विकास बाधित हो रहा है.