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खराब प्रदर्शन वाले स्कूलों से जवाब तलब
मैट्रिक परीक्षा : डीएम ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दिये कई निर्देश डीएम ने कहा- बच्चों को किस तरह से परीक्षा के लिए तैयार किया था कि पूरे स्कूल का प्रदर्शन खराब हो गया. पटना : मैट्रिक परीक्षा में खराब प्रदर्शन करनेवाले विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. और वैसे शिक्षकों […]
मैट्रिक परीक्षा : डीएम ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दिये कई निर्देश
डीएम ने कहा- बच्चों को किस तरह से परीक्षा के लिए तैयार किया था कि पूरे स्कूल का प्रदर्शन खराब हो गया.
पटना : मैट्रिक परीक्षा में खराब प्रदर्शन करनेवाले विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. और वैसे शिक्षकों को भी चिह्नित करने को कहा गया है, जिनके विषयों में सर्वाधिक बच्चों को कम अंक आये हैं. इसके बाद चिह्नित शिक्षकों से भी जवाब तलब किया जाये.
उनसे पूछा जाये कि उन्होंने बच्चों को किस तरह से मैट्रिक परीक्षा के लिए तैयार किया था, जिससे पूरे स्कूल का प्रदर्शन खराब हो गया है. यह निर्देश डीएम ने गुरुवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में बीइओ को दिये. शिक्षा की गुणात्मक सुधार के लिए तैयार की गयी 25 सूत्री कार्य योजना से भी अधिकारियों को अवगत कराया. कहा कि पढ़ाई के स्तर में सुधार कराएं, कार्रवाई होगी. डीएम ने प्रखंड स्तर पर संबंधित स्कूलों के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी हर माह बैठक करेंगे. उन्हें स्कूल की गतिविधियों के संबंध में भी जानकारी लेने को कहा गया है.
दिये गये ये निर्देश
रूटीन बना कर क्लास लें, किसी विषय के शिक्षक की अनुपस्थिति में अन्य शिक्षक की व्यवस्था करें.
बच्चों के अधिकतम उपस्थिति वाले 10 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को प्रतिमाह सम्मानित किया जायेगा.
कितने बच्चे ड्रेस में स्कूल आ रहे इस बिंदु पर भी समीक्षा करें.
स्कूलों से ब्लैक बोर्ड की स्थिति के संबंध में प्रधानाध्यापक प्रतिवेदन दें, साथ ही विकास कोष की राशि से आवश्यकतानुसार मरम्मत कराएं.
महिलाओं के लिए निर्मित शौचालय का उपयोग पुरुष टीचर न करें.
स्कूलों में खेल-कूद की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करायी जाये.
छात्र-छात्रों को दोहा लिखने, चित्र बनाने के लिए प्रेरित किया जाये तथा प्रखंड स्तर पर अच्छे दोहे एवं चित्रों को स्कूल की मैगजीन में प्रकाशित कराने की व्यवस्था की जाये.
हर स्कूल में कम-से-कम चार बैडमिंटन, वॉलीबाॅल, कैरमबोर्ड, क्रिकेट किट एवं फुटबॉल की व्यवस्था सुनिश्चित करें. वहीं हर शनिवार को प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हों.
प्रथम शनिवार को वाद-विवाद प्रतियोगिता, द्वितीय शनिवार को निबंध प्रतियोगिता, तृतीय शनिवार को क्विज प्रतियोगिता एवं चतुर्थ शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाएं.
प्रत्येक शनिवार को रोस्टर के अनुरूप प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी एक-एक उच्च विद्यालय का विजिट करें.
प्रतिदिन सुबह में होनेवाले चेतना सत्र में पांच महत्वपूर्ण समाचार अखबारों के माध्यम से पढ़ने की व्यवस्था की जाये. इनमें राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय खेलकूद, स्थानीय समाचार एवं मनोरंजन से संबंधित समाचार चयनित छात्रों के द्वारा पढ़ाया जाये. इससे छात्रों को देश-दुनिया की जानकारी मिल सकेगी.
चेतना सत्र में छात्र-छात्राओं के शारीरिक तंदुरुस्ती हेतु कम-से-कम 10 मिनट का ड्रील अथवा पीटी कराने की व्यवस्था हो. हर दो माह में पैरेंट्स मीटिंग कराएं.
स्कूलों की दीवारों एवं कक्षाओं में प्रेरक स्लोगन अंकित कराये जाएं. प्रत्येक कक्षा में छात्रों के लिए दो एवं छात्राओं के लिए दो-दो छात्र नायक का चयन करें. सभी स्कूलों में कैप्टन भी चयनित किया जायेगा.
फर्जी नामांकन वाले छात्र-छात्राओं को चिह्नित कर उनका नाम तत्काल हटाएं. कक्षा-9 के एडमिशन रजिस्टर को तत्काल बंद कर दें.
सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रत्येक महीने अपने क्षेत्र के सभी उच्च विद्यालयों का निरीक्षण करें. प्रत्येक विद्यालय में सूचना पट पर विद्यालय की गतिविधियों के साथ छात्र-छात्राओं द्वारा बनाये गये चित्र आदि लगाये जाएं.
सभी स्कूलों में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था के साथ ही पेयजल
की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये.
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