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एजी का खुलासा : निगम को चार करोड़ का नुकसान
पटना : लोगों को नागरिक सुविधा देने में नगर निगम की स्थिति जगजाहिर है. लेकिन, अब निगम अपने संसाधनों का उपयोग कर राजस्व भी ठीक से प्राप्त नहीं कर पा रहा है. निगम को शौचालय बंदोबस्ती का अनुबंध नहीं होने से 1.88 करोड़ का नुकसान हुआ है वहीं निगम के सैरात (प्रोपर्टी) बंदोबस्त नहीं होने […]
पटना : लोगों को नागरिक सुविधा देने में नगर निगम की स्थिति जगजाहिर है. लेकिन, अब निगम अपने संसाधनों का उपयोग कर राजस्व भी ठीक से प्राप्त नहीं कर पा रहा है. निगम को शौचालय बंदोबस्ती का अनुबंध नहीं होने से 1.88 करोड़ का नुकसान हुआ है
वहीं निगम के सैरात (प्रोपर्टी) बंदोबस्त नहीं होने से 2.04 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. पांच वर्षों मेंं नगर निगम ने अपने डीलक्स शौचालयों के बंदोबस्ती में भारी गड़बड़ी की है. नगर निगम के पूर्व मुख्य अभियंता की लापरवाही से निगम को बीते पांच वर्षों में 1.88 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है. यह खुलासा जब एजी की रिपोर्ट से हुआ, तो नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर इसकी जानकारी भेजी है.
निविदा होने और कोर्ट के आदेश के बावजूद पूर्व मुख्य अभियंता ने डीलक्स शौचालय को चलाने वाली संस्था से अनुबंध नहीं किया. अनुबंध के अभाव में संस्था ने शौचालय से मिलने वाले राजस्व को निगम में जमा नहीं कराया. इसलिए पांच वर्षों में निगम को इतने राजस्व का नुकसान हो गया.
शौचालय की बंदोबस्ती अब तीन वर्षों की : नगर निगम अपने अधीन शौचालयों की बंदोबस्ती अब तीन वर्ष के लिये करेगा. तीन साल तक शौचालय चलाने के साथ एजेंसी को शौचालय की मरम्मत और इसके रख-रखाव की जिम्मेवारी भी लेनी होगी. नगर निगम इसके लिए एजेंसी के साथ एग्रीमेंट करेगा. निगम स्तर पर एजेंसी के कामकाज की नियमित जांच की जायेगी.
हर तीन से चार माह के बीच निगम के अधिकारी शौचालय जाकर स्थिति की जांच करेंगे. अगर एग्रीमेंट के अनुरूप काम नहीं पाया गया, तो निगम एजेंसी के साथ अपने एग्रीमेंट को रद्द कर देगा और एजेंसी पर कार्रवाई भी की जायेगी. गौरतलब है कि अब तक निगम एक वर्ष के लिए ही अपने शाैचालयों की बंदोबस्ती करता था. इस बार निगम प्रशासन स्तर पर बेहतर व्यवस्था के लिए इस तरह के प्रयोग करने की योजना है.
सैरात बंदोबस्ती नहीं होने से दो करोड़ का नुकसान : इधर, बीते वित्तीय वर्ष में नगर निगम के 80 सैरात बंदोबस्त नहीं होने से निगम को दो करोड़ 4 लाख 54 हजार से अधिक का नुकसान हुआ है. इन सैरातों में निगम की पार्किंग, ताड़ के पेड़, दुकान और खाली जमीन व अन्य संसाधन हैं. इसके अलावा नगर आयुक्त ने विभाग के संयुक्त सचिव को पत्र लिख का दुकानों का किराया व होल्डिंग टैक्स नहीं बढ़ने से राजस्व नुकसान हाेने की बात कही है.
निविदा के आधार पर होगा काम : नगर निगम इस बार अपने स्तर विभागीय वसूली होने वाले शौचालयों की भी बंदोबस्ती करने की प्लानिंग कर रहा है.
अब किसी भी शौचालय को नगर निगम अपने पास नहीं रखेगा. जानकारी के अनुसार अब तक निगम 47 शौचालयों की बंदोबस्त करता रहा है. इसके कई तरह के शौचालय हैं. वहीं 18 जगहों के शौचालय पर निगम अपने स्तर से विभागीय वसूली कर शौचालय चलाता है. इस बार अलग स्तर की व्यवस्था करने का प्रावधान बनाया जा रहा है. हालांकि, नगर निगम इस वित्तीय वर्ष में मात्र दो डीलक्स शौचालय की बंदोबस्ती कर पाया है. शेष छह डीलक्स शौचालय का निविदा नहीं हुआ है.
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