28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दो वर्षों से योजनाओं की बाट जोह रहे बुडको के हिस्से केवल सर्वे का काम

काम के अभाव में विभाग ने बुडको के अभियंताओं को सरकार के सात निश्चय के सर्वे के काम में लगाया पटना : नगर विकास व आवास विभाग की सबसे महत्वपूर्ण एजेंसी बुडको यानी बिहार राज्य शहरी आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड दो वर्षों से योजनाओं की बाट जोह रहा है. बीते वित्तीय वर्ष 2014- 15 से […]

काम के अभाव में विभाग ने बुडको के अभियंताओं को सरकार के सात निश्चय के सर्वे के काम में लगाया
पटना : नगर विकास व आवास विभाग की सबसे महत्वपूर्ण एजेंसी बुडको यानी बिहार राज्य शहरी आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड दो वर्षों से योजनाओं की बाट जोह रहा है. बीते वित्तीय वर्ष 2014- 15 से अब तक तक बुडको को नयी योजना विभाग ने आवंटित नहीं किया है.
काम के अभाव में विभाग ने बुडको के अभियंताओं को सरकार के सात निश्चय के सर्वे के काम में लगाया गया था. ऐसे में नगर विभाग व आवास की एक महत्वपूर्ण एजेंसी के पास कोई विशेष काम नहीं बचा है. हालांकि बुडको ने तीन-चार बड़ी योजनाओं का प्लान तैयार है, लेकिन विश्व बैंक व राज्य सरकार के निर्देश व स्वीकृति के अभाव में लटकी है.
एक हजार करोड़ का होता है वार्षिक बजट : बुडको का सलाना वार्षिक बजट लगभग एक हजार
करोड़ का होता है. इसमें शहर व अन्य नगर निकायों के नगर विकास से संबंधित पेय जल सप्लाई, ड्रैनेज, सीवरेज, ट्रांसपोर्ट अन्य अरबन डेवलपमेंट के काम किये जाते है . बुडको विश्व वैंक या एशियन डेवलपमेंट बैंक के स्वीकृत योजनाओं पर भी काम करता है. हाल ही के दिनों में बुडको को रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम मिला है.
इसमें शहर में 254.75 करोड़ की लागत से लगभग चार किमी में 20 घाटों का निर्माण किया जा रहा है. बुडको को ये काम तीन वर्ष पहले आवंटित किया गया था, लेकिन काम की शुरुआत वर्ष 2014 में की गयी.
आइएसबीटी पर हुआ है काम
बुडको ने शहर में रोड ट्रांस्पोर्ट की सुविधा को बेहतर करने के लिये लगभग 290 करोड़ की लागत से 200 से अधिक बसों की खरीद की जानी थी. और शहर में सौ से अधिक बस क्यू शेल्टरों को बनाना था. बुडको ने इस योजना में मात्र 90 बसों की खरीद की और 85 बस स्टाफ बने. शेष योजना की राशि खाते में ही पड़ी है.
पेयजल पर भी हुआ है काम
पटना और आस पास के नगर निकायों में बुडको ने पेय जल सप्लाई के योजना की शुरुआत की थी. इसमें फुलवारी और दानापुर की योजनाएं पूरी हुई, जबकि 527 करोड़ की लागत वाली पटना में वाटर सप्लाई की योजना लटक गयी.
स्वीकृति के लिए लटकी है योजना
शहर में सीवरेज सिस्टम और एसटीपी बनाने की योजना विश्व बैंक की स्वीकृति के लिये रुकी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें