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निगम वसूलता है टैक्स, सुविधा देने के नाम पर नगर आयुक्त बोले- अवैध रूप से बसे हैं ये मोहल्ले
परेशानी. बाइपास से सटे आधा दर्जन मोहल्लों का हाल बेहाल, नगर निगम नहीं देता ध्यान पटना : बाइपास से सटे रामकृष्णा नगर, बंगाली टोला, ढेलवां, दसरथा और विग्रहपुर जैसे इलाकों के करीब 40 हजार लाेग नगर निगम को होल्डिंग टैक्स तो देते हैं, लेकिन बुनियादी जन सुविधाओं का अभाव वे वर्षों से झेल रहे हैं. […]
परेशानी. बाइपास से सटे आधा दर्जन मोहल्लों का हाल बेहाल, नगर निगम नहीं देता ध्यान
पटना : बाइपास से सटे रामकृष्णा नगर, बंगाली टोला, ढेलवां, दसरथा और विग्रहपुर जैसे इलाकों के करीब 40 हजार लाेग नगर निगम को होल्डिंग टैक्स तो देते हैं, लेकिन बुनियादी जन सुविधाओं का अभाव वे वर्षों से झेल रहे हैं.
बरसात के दिनों में जलजमाव इनका रास्ता रोक देता है, तो गरमी के दिनों में पानी का अभाव इनके हलक को सूखा देता है. मुहल्लों में सड़क निर्माण के कारण कई जगहों पर गड्ढे बने हुए हैं. नाले के साथ ड्रेनेज सिस्टम की सुविधा भी नहीं है. घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों और आसपास के खाली जमीनों में जमा रहता है. यहां के लोगों को राजधानी में होते हुए भी पंचायत स्तर की भी सुविधा नहीं मिलती. सोमवार को प्रभात खबर की टीम ने इन मोहल्लों की स्थिति की पड़ताल की.
बरसात में जलजमाव से बंद हो जाता है रास्ता
रामकृष्णा नगर से लेकर ढेलवां और आसपास का इलाका शहर के वार्ड 30 में अाता है. इन मोहल्लों में लोगों बसे हुए लगभग 20 वर्ष से अधिक हो गया है. लेकिन नगर निगम की ओर से इन इलाकों के लिए कोई विशेष प्लानिंग नहीं है. सरकारी महकमा इन क्षेत्रोें को अवैध मानता है.
निगम आज तक पानी निकासी के लिए कोई ड्रैनेज की व्यवस्था नहीं की है और ना ही इसके लिए योजना ही बनी. पेयजल की सुविधा के लिए भी निगम स्तर पर कोई पहल आज तक नहीं की गयी है. लोगों को अपने संसाधन पर ही निर्भर रहना पड़ता है. गली- मुहल्लों में सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. इस कारण बरसात के दिनों मेें कई दिनों तक सड़क व रास्ते पर पानी जमा रहता है. जबकि, पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण गरमी में लोगों को परेशानी होती है.
कई बार दिया है आवेदन, लेकिन नहीं होता काम
वार्ड 30 की पार्षद रेखा देवी के प्रतिनिधि सुग्रीव कुमार बताते हैं कि नगर निगम में सड़क निर्माण व नाला निर्माण के लिए 30 से अधिक बार नगर निगम को आवेदन किया जा चुका है. दर्जन बार से अधिक जलजमाव की लिखित शिकायत नगर निगम में की गयी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है. जो भी कुछ काम हुआ वह वार्ड पार्षद के फंड से किया गया है. उन्होंने बताया कि 50 लाख की योजना से कुछ सड़क और नाला का निर्माण कराया गया है, लेेकिन नाले का कनेक्शन नहीं होने के कारण इसका कोर्इ लाभ नहीं होता है.
रहवािसयों की पीड़ा
हमारी कोई नहीं सुनता. लोगों ने कई बार सड़क, नाला और पानी के लिए गुहार लगायी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. हम लोग इसको ही अपनी नियति मान कर चल रहे हैं.
सहदेव, ढेलवां
कई बार प्रयास किया गया कि इस क्षेत्र में विकास हो, थोड़ा बहुत काम होते रहता है. लेकिन इससे इतने बड़े क्षेत्र को व्यापक फायदा नहीं होता.
सुग्रीव कुमार, रामकृष्णा नगर
जिम्मेवार ऐसे देते हैं जवाब
नगर आयुक्त अभिषेक सिंह बताते हैं कि बाइपास से सटे मुहल्ले अवैध रूप से बसे हैं. इनको नियोजित तरीके से नहीं बसाया गया है. नगर निगम इन क्षेत्रों से होल्डिंग टैक्स की वसूली करता है, लेकिन निगम के पास न ही कोई बड़ी प्लानिंग है और न ही उतना फंड है कि कोई बेहतर योजना बनायी जा सके.
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