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जर्जर भवन, टूटीं कुरसियां, बंद पंखे, गंदे बाथरूम इन सब के बीच नौ को होगी जिप की पहली मीटिंग

लापरवाही. 1938 में हुआ था पटना जिला पर्षद के भवन का निर्माण, मेंटेनेंस के अभाव में खराब पटना : पटना जिला पर्षद यानी पहली लोकतांत्रिक विधायिका. आजादी के पचास साल पहले लगभग 1900 ई के आसपास इसकी स्थापना हुई और 1938 में इसका भव्य भवन बन कर तैयार हुआ. पूरे जिले के संसाधनों की मॉनीटरिंग […]

लापरवाही. 1938 में हुआ था पटना जिला पर्षद के भवन का निर्माण, मेंटेनेंस के अभाव में खराब
पटना : पटना जिला पर्षद यानी पहली लोकतांत्रिक विधायिका. आजादी के पचास साल पहले लगभग 1900 ई के आसपास इसकी स्थापना हुई और 1938 में इसका भव्य भवन बन कर तैयार हुआ. पूरे जिले के संसाधनों की मॉनीटरिंग इसी लोकल बॉडी के पास थी, लेकिन आज यही जिला पर्षद अपनी बेनूरी पर रो रहा है. इसके भवन की हालत बेहद खस्ता हो गयी है, प्लास्टर झड़ कर गिरने लगे हैं. पंखे खराब पड़े हैं और शाम ढलते ही अंधेरे का बसेरा हो जाता है. यहां के कर्मचारी भी यहां पर रहते हैं, तो भगवान के भरोसे. पर्षद के निर्वाचित प्रतिनिधि भी यहां पर डर से आते नहीं हैं कि क्या पता कब छत का प्लास्टर सिर पर न गिर जाये. भारी भरकम पंखा कहीं जमीं पर अचानक न अा जाये.
हर बार जिला पर्षद की बेहतरी की उम्मीदें धुल गयीं. 2000 के बाद जब त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की फिर से शुरुआत हुई, तो यहां की स्थिति सुधरने का ख्याल आया,लेकिन जो भी जनप्रतिनिधि यहां आये उन्होंने अपनी ही बेहतरी की सोच रखी. इसी का परिणाम हुआ कि नयी व्यवस्था के 15वें साल के बाद भी यहांं का हाल खराब ही है. अभी कुरसियां भी टूटी हुई हैं, पूरे परिसर में गंदगी पसरी रहती है.
महज 10 दिनों में इसी बुरे हालात के बीच में जिला पर्षद की पहली मीटिंग होगी. 45 नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के द्वारा जिला पर्षद की बेहतरी की योजनाएं बनायी जायेंगी, लेकिन इन सबके बीच वे मीटिंग के दौरान खुद के सुरक्षित होने की भी योजना बनायेंगे. जिला पर्षद के अध्यक्ष अंजू देवी ने मीटिंग के बाबत सबको सूचना दे दी है और मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार को इसके लिए व्यवस्था करने को कहा है.
जिप अध्यक्ष अंजू देवी स्वीकार करती हैं कि भवन बेहद जर्जर है. वे तो अभी नयी चुन कर आयी हैं, लेकिन पहले के जनप्रतिनिधि और अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं. अब वे इसकी मरम्मत के लिए लिखेंगे.
पटना : पटना के जिला पर्षद के प्रेस से पटना के सभी 23 प्रखंड और 6 अनुमंडल कार्यालय सहित जिला मुख्यालय की फाइलों की छपाई होती थी. यहीं से सारे कागजात छापने का प्रावधान किया गया था, सो सभी जरूरी सरकारी कागजात इसी छापाखाने से छपती थी और यहां से सभी जगहों पर भेजा जाता था. जिला पर्षद के लगभग एक दर्जन कर्मचारी यहां काम करते थे. लेकिन, 2001 में मामूली तकनीकी खराबी के कारण यह बंद हो गया.
कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गये और जो इक्का-दुक्का बचे उन्हें जिला पर्षद में ही ले आया गया. वे अब यहां छोटे मोटे काम करते हैं. पटना जिला प्रशासन के प्रकाशन का बजट करोड़ों में है. एक अनुमान के मुताबिक दस करोड़ से ज्यादा की राशि का आवंटन हर वर्ष फाइल, कागजात, स्टेशनरी आदि के लिए जिला प्रशासन ने तय किया है. इस राशि से फाइलें आदि टेंडर के जरिये छापती हैं. टेंडर के इसी खेल में अधिकारियों की मिलीभगत होती है और उसमें डील की जाती है. यदि जिला पर्षद का छापाखाना काम करता तो सारी आय पर्षद को होती. पिछले साल दिसंबर में बैठक हुई थी, तो तत्कालीन जिला पर्षद अध्यक्ष नूतन पासवान ने यह मसला उठाया भी था.
उन्होंने कहा था कि पर्षद का प्रींटिंग प्रेस बहुत ही कम राशि के व्यय करने के बाद कुछ आधुनिक पार्ट-पुर्जा लगा देने से काम करने लगेगा. प्रेस संचालन के लिए आवश्यकता अनुसार स्वीकृत पद पर दैनिक पारिश्रमिक या फिर कांट्रैक्ट पर कर्मचारी रख कर काम कराया जायेगा. तत्कालीन मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा था कि वे प्राक्कलन तैयार कर काम शुरू करायेंगे, लेकिन वह दिन अभी आना शेष है.
डॉ डीपी सिंह बिहार आइएमए के नये अध्यक्ष, हरिहर बने रहेंगे सचिव
आइएमए की नयी कार्यकारिणी का
िकया गया गठन
पटना :डॉ डीपी सिंह को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, बिहार शाखा के नया अध्यक्ष चुना गया है. डाॅ सिंह भागलपुर मेडिकल कॉलेज में टीबी एंड
चेस्ट के प्रोफेसर हैं. नयी कमेटी में 60 पदाधिकारी व 53 सदस्य चुने गये
हैं. सचिव हरिहर दीक्षित अपने पद पर बने रहेंगे. आठ प्रमंडलों से
दस उपाध्यक्ष, दस संयुक्त सचिव और 12 सहायक सचिव भी चुने गये हैं. आइएमए के निवर्तमान अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद कुमार ने नये अध्यक्ष को पदभार सौंपा. नये अध्यक्ष डॉ डीपी सिंह का कार्यकाल एक साल यानी वर्ष 2016-17 सत्र के लिए होगा. पिछले सप्ताह हुए चुनाव में डॉ डीपी सिंह को भारी मत मिले थे. आइएमए अधिकारियों का कहना है कि पिछले सप्ताह हुए चुनाव के बाद कार्यकारिणी सदस्यों के मतों की गिनती की गयी. रविवार को भागलपुर में नये पदाधिकारियों को एक समारोह में शपथ दिलायी गयी.
नयी कार्यकारिणी
अध्यक्ष : डॉ डीपी सिंह
उपाध्यक्ष : डॉ अजय कुमार, डॉ विजय कुमार सिंह, डाॅ संजय कुमार सिंह, डाॅ सुभाष प्रसाद सिंह, डाॅ डीएस सिंह, डाॅ भुवन कुमार सिंह, डाॅ शालिग्राम विश्वकर्मा, डाॅ सच्चिदानंद शर्मा, डॉ सुनील कुमार सिंह, डाॅ केके सिंह.
राज्य सचिव : डॉ हरिहर दीक्षित
कोषाध्यक्ष : डॉ शिव शंकर चौधरी
संयुक्त सचिव : डॉ सुनील कुमार, डॉ ब्रजनंदन कुमार, डाॅ संदीप प्रसाद लाल, डाॅ दिनेश्वर सिंह, डाॅ सुशील कुमार, डाॅ अक्षयवट चौधरी, डॉ बीपी सिंह, डॉ बैजनाथ सिंह, डॉ संजीव कुमार, डाॅ प्रवीण सिन्हा.
एडिटर मेडिसिन : डॉ अमरकांत झा अमर
एसोसिएट एडिटर : डॉ उदय कुमार
एसोसिएट एडिटर : डॉ वीणा चौधरी
बिजनेस सेक्रेटरी : डॉ विनीता सिंह
सहायक सेक्रेटरी : डॉ अहमद अंसारी, डॉ मिथिलेश्वर, डॉ उमा शंकर प्रसाद
क्या कहते हैं अधिकारी
एक साल के लिए आइएमए के कार्यकारिणी के पदों के लिए चुनाव होता है. इस बार डॉ डीपी सिंह को एक साल के लिए अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है. रविवार को नयी कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने शपथ ली.
डॉ हरिहर दीक्षित, राज्य सचिव, आइएमए

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