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एफएसएल से एसएसपी ने मांगा ब्लड सैंपल

पटना : होटल पनास में कमरा संख्या 308 में शराब पीने के आरोप में पकड़े गये सात लोगों के ब्लड सैंपल की जांच दोबारा कराने पर पटना पुलिस अड़ गयी है. एसएसपी ने एफएसएल के डायरेक्टर को पत्र भेज कर सैंपल पटना पुलिस को दिये जाने की सिफारिश की है. अगर सैंपल मिल जाता है, […]

पटना : होटल पनास में कमरा संख्या 308 में शराब पीने के आरोप में पकड़े गये सात लोगों के ब्लड सैंपल की जांच दोबारा कराने पर पटना पुलिस अड़ गयी है. एसएसपी ने एफएसएल के डायरेक्टर को पत्र भेज कर सैंपल पटना पुलिस को दिये जाने की सिफारिश की है. अगर सैंपल मिल जाता है, तो इसे दिल्ली के सेंट्रल फौरेंसिक सायंस लेबोरेटरी में जांच के लिए दोबारा भेजा जायेगा. लेकिन, इसकी संभावना कम है. क्योंकि, ब्लड सैंपल जांच के बाद बहुत दिनों तक नहीं रखा जाता है. फिलहाल अभी एफएसएल ने कोई जवाब नहीं दिया है कि सैंपल है या नष्ट कर दिया गया है.
रिपोर्ट में इथाइल अल्कोहल नहीं पाये जाने से पुलिस महकमे मेें हड़कंप : दरअसल रिपोर्ट में इथाइल अल्कोहल नहीं पाये जाने से पटना पुलिस बैकफुट पर आ गयी है. पुलिस ने अपने केस डायरी में दावा किया है कि पनास होटल में सभी सात आरोपितों को शराब पीते पकड़ा गया था और उनके पास से शराब बरामद भी हुई थी. लेकिन, एफएसएल की रिपोर्ट ने पुलिस की बोलती बंद कर दी है. अब इसमें गलती कहां से हुई है यह जांच का विषय है. प्रथम दृष्टया तो यह माना जा रहा है कि पीएमसीएच में
ब्लड सैंपल लिये जाने और एफएसएल में जांच के दौरान कुछ हेर-फेर हुआ है.

लेकिन, अभी इसका कोई प्रमाण नहीं मिल रहा है. वहीं, दूसरी तरफ सैंपल को एफएसएल भेजने से पहले सुरक्षित रखे जाने को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. तकनीकी जानकारों कि मानें, तो ब्लड सैंपल अगर एक से चार डिग्री तापमान के बीच नहीं रखा गया होगा, तो सैंपल एफएसएल पहुंचने से पहले ही नष्ट हो गया होगा. दूसरी तरफ यह भी बात सामने आयी है कि पुलिस को कोर्ट से परमिशन देर से मिली थी, जिससे सैंपल एफएसएल को देर से भेजा गया. इस तरह के कई सवाल उठ रहे हैं. इस हाइप्रोफाइल मामले में कहां से गलती हुई है, जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा

पुराने ब्लड सैंपल की ही होगी जांच ?
पटना. शहर के पनास होटल कांड में अब जिला पुलिस दावा कर रही है कि वह इसकी दोबारा जांच सीएफएसएल (सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब) से करायेगी. परंतु हकीकत में उसके पास मूल सैंपल है ही नहीं, तो वह जांच क्या करवायेगी. सबसे बड़ा सवाल है कि सीएफएसएल में आखिर कौन सा सैंपल को फिर से जांच करने के लिए भेजा जायेगा, जिसके आधार पर सीएफएसएल की फिर से रिपोर्ट तैयार करवायी जायेगी. सूत्रों का कहना है कि सैंपल का ही सारा खेल है. जो रिपोर्ट यहां आयी है, वहीं रिपोर्ट वहां भी आयेगी.

इसमें कोई बड़ा

अंतर नहीं आने वाला है. अगर सीएफएसएल के पास सैंपल होगा भी तो वह वहीं सैंपल होगा, जिसके आधार पर पहले टेस्ट हो चुका है और रिपोर्ट निगेटिव आने की बात सामने आयी है. अब फिर से उसी सैंपल का टेस्ट करने पर रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे आ सकता है, यह सबसे बड़ा सवाल है.

इधर इस मामले में सीएफएसएल सूत्रों का कहना है कि उनके पास जिला पुलिस ने जो सैंपल दिया है, उसके आधार पर ही टेस्ट की पूरी प्रक्रिया संपन्न की गयी. ऐसे में उनकी गलती कहां है. जब सैंपल की गड़बड़ था, तो रिपोर्ट कैसे सही आ सकता है. सूत्र यह भी बताते हैं कि सैंपल जमा करने में ही काफी देरी की गयी, जिससे भी रिपोर्ट सही आने की संभावना काफी कम हो गयी. नियमानुसार, एल्कोहल लेने के 12 घंटे के अंदर ही ब्लड सैंपल लेने पर सही मायने में टेस्ट पॉजिटिव आता है. इसके बाद टेस्ट में कुछ भी रिजल्ट आ सकता है. प्राप्त सूचना के अनुसार, 26 अप्रैल को सभी व्यापारियों की गिरफ्तारी के काफी देर बाद इनका ब्लड सैंपल लिया गया. इसके करीब 15 दिन बाद न्यायिक आदेश मिलने पर इसे जांच के लिए सीएफएल पहुंचाया गया.

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